अमरावती

नवजात बच्चों को भी हो सकता है पीलिया

अमरावती/दि.18– प्रत्येक बच्चे के जन्म का स्वागत बडे आनंद के साथ किया जाता है. परंतु पैदा होने के साथ ही यदि बच्चे को पीलिया हो जाने की बात समझने आए तो माता-पिता के पैरो तले से जमीन खीसक जाती है. शारीरिक पीलिया, स्तनपान कम रहने की वजह से होने वाला पीलिया, दूध की वजह से होने वाला पीलिया व रक्तगत की विसंगती की वजह से होने वाला पीलिया जैसे पीलिया के कई प्रकार हो सकते है. परंतु इस बीमारी से घबराए बिना विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह से बच्चे का इलाज कराना जरुरी होता है.

* नवजात बच्चों को पीलिया होने की वजहें
जन्म के बाद अधिकांश बच्चों को पीलिया होता ही है, जो पूरी तरह से सामान्य बात है. परंतु मां व बच्चे के रक्तगुट में रहने वाली विसंगती की वजह से होने वाला पीलिया ज्यादा खतरनाक होता है.

* क्या है लक्षण?
बच्चे का शरीर पीला पडने लगता है, बच्चा लगातार सोता रहता है, बच्चे को गहरे पीले रंग का पेशाब होती है, बच्चा जोर-जोर से रोता है, साथ ही उसे मिरगी की तरह झटके भी आते है. यह तमाम लक्षण दिखाई देते ही बच्चे का तुरंत इलाज करवाना चाहिए.

* क्या सतर्कता जरुरी?
गर्भधारणा पश्चात नियमित स्वास्थ्य जांच करवाते हुए जरुरत पडने पर आवश्यक इलाज भी करवाना चाहिए और गर्भवती महिला ने पौष्टिक आहार लेना चाहिए. इसके साथ ही बच्चे के जन्म के बाद डॉक्टर की सलाह के अनुसार आवश्यक जांच व इलाज करवानी चाहिए. बच्चे को स्तनपान कराने के साथ ही उसे किसी तरह का इन्फेक्शन ना हो, इस बात की ओर ज्यादा ध्यान देना चाहिए.

* क्या कहते है बालरोग विशेषज्ञ?
कई बच्चों में जन्म के बाद पीलिया होने की संभावना होती है. यदि 15 दिन का समय बीत जाने के बावजूद भी बच्चे में पीलिया के लक्षण दिखाई दे रहे है, तो तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाना चाहिए.
– डॉ. अनिल बजाज

बच्चे के जन्म पश्चात पीलिया होने का खतरा अधिक रहता है. ऐसे में नवजात बच्चे को नर्म धूप में रखना चाहिए. साथ ही मां ने समय-समय पर अपने बच्चे को स्तनपान करवाना चाहिए. यह बच्चे के स्वास्थ्य के लिहाज से जरुरी है.
– डॉ. सतीश तिवारी

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