वर्धा/ दि.10 – ‘माता न तू वेैरिणी…’ इस कहावत को झूठला देने वाली सनसनीखेज और दिलदहला देने वाली घटना कारंजा तहसील के बोंदरठाणा गांव में उजागर हुई है. सीधे मां ने करीब 1 घंटे पूर्व जन्म दिये अपने ही बेटे को कचरे के कुडे पर फेंककर भाग गई. यह घटना गुरुवार तडके 2 बजे उजागर हुई. पुलिस ने देवदूत के रुप में आकर उस बालक के सिर पर मां की तरह हाथ रखकर उसे अपने कब्जे में लिया. मानवता को कालिमा पोतने वाली इस घटना में शामिल माता-पिता की खोज पुलिस ने शुरु की हेै.
अब तक यह देखने में आया है कि, बालिका के जन्म लेते ही उसे इस तरह फेंक दिया जाता या भु्रण हत्या की जाती. परंतु यहां तो नवजात बालक को ही कुडे पर फेंक दिया. जन्म लेते ही बालक के लिए संघर्ष शुरु हो गया. यह कहना भी गलत नहीं होगा. बोंदरठाणा निवासी दयाराम गंजाम का घर गांव से कुछ दूरी पर है. उनकी पत्नी तडके पानी भरने के लिए उठी तब उन्हें घर के पीछे एक नवजात बालक के रोने की आवाज आयी. तब अपने परिवार के सदस्यों को साथ में लेकर वहां जाकर देखा तो उनके पैरों तले जमीन घिसक गई. केवल 1 घंटे पहले जन्म लिये बालक पर उनकी नजर पडी. तब उन्होंने इसकी जानकारी आशा व आंगनवाडी सेविका को दी. उस समय देर सुबह के 2 बज रहे थे. पुलिस को जानकारी मिलते ही पुलिस ने बालक को अपने कब्जे में लिया और ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया. इस मामले में निर्दयी माता-पिता के खिलाफ कारंजा पुलिस ने अपराध दर्ज कर उनकी तलाश शुरु की हेै, ऐसी जानकारी थानेदार दारासिंग राजपुत ने दी.
पूरा शरीर मिट्टी से लिपटा था
गांव के बाहर कुडे पर निर्दयी मां ने अपने नवजात बालक को फेंक दिया था. उसके पूरे शरीर पर मिट्टी लिपटी थी. नाल भी गिली थी, उसके शरीर पर एक भी कपडा नहीं होने के कारण बालक का शरीर भी ठंडा पड गया था. पुलिस ने तत्काल उस नवजात बालक को ग्रामीण अस्पताल में इलाज के लिए लाया.
बालक को किया वर्धा रेफर
बालक को जन्म के बाद उसके मां की दुध की जरुरत होती है. परंतु जन्मदाता मां निर्दयी निकल जाने के कारण बालक को दुध नहीं मिला. जिसके कारण उसकी तबीयत बिगड गई. उसे पावडर का दुध पिलाया गया, मगर बालक दुध नहीं पी रहा था, तब वर्धा के जिला सामान्य अस्पताल में रेफर किया गया.