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डंपिंग मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद

सुप्रीम कोर्ट में आज हुई सुनवाई

अमरावती/दि.10 – अमरावती मनपा क्षेत्र के सुकली कंपोस्ट डिपो में होने वाले प्रदूषण के लिए मनपा को जिम्मेदार ठहराते हुए केंद्रीय हरीत लवाद में मनपा पर वर्ष 2020 में 47 करोड रुपए का जुर्माना ठोका था. इस जुर्माने को रद्द करने के लिए मनपा द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है. आज इस प्रकरण में प्रतिवादी और आवेदक की जिरह सुनकर अब तीन सप्ताह बाद अगली सुनवाई निश्चित की है.
इससे पहले मनपा की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने कंपोस्ट डिपो में जमा कचरे पर बायोमायनिंग के लिए मनपा को फरवरी तक समय दिया था. लेकिन वर्तमान स्थिति में सुकली कंपोस्ट डिपो में ढाई लाख क्युबिक कचरे पर बायोमायनिंग करना बाकी है. सुको ने इस मुद्दे पर आज सोमवार 10 फरवरी को सुनवाई निश्चित की थी. सुकली कंपोस्ट डिपो से होने वाले प्रदूषण के लिए केंद्रीय हरिद लवाद ने मनपा को जिम्मेदार ठहराते हुए 47 करोड रुपए का जुर्माना ठोका है. लेकिन मनपा की आर्थिक स्थिति यह जुर्माना भरने योग्य न रहने का कारण बताते हुए मनपा ने जुर्माना रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. सुप्रीम कोर्ट में न्यायमंत्री अभय ओका और न्यामूर्ति मशीश की दो सदस्यीय पीठ के समक्ष इस मुद्दे पर सुनवाई चल रही है.
अमरावती महानगरपालिका पर 47 करोड़ जुर्माने के मामले में सर्वोच्च न्यायालय में आज की सुनवाई में, 30 अगस्त 2024 की सुनवाई पर संक्षिप्त जानकारी ली गई. जिसमें न्यायाधीशों ने आवेदक अमरावती नगर निगम और प्रतिवादी गणेश अनासने की दलीलें सुनने के बाद और अमरावती नगर निगम द्वारा प्रस्तुत शपथपत्रों के विवरण जिसमें अमरावती नगर निगम ने कहा था कि लंबित विरासत कचरा लगभग 70,000 घन मीटर है और लगभग 50,000 घन मीटर कचरा एसएलएफ की खुदाई प्रक्रिया के दौरान निकलेगा, जिसे बायोमाइनिंग प्रक्रिया द्वारा 31 मार्च 2025 निपटाया जाएगा और आज के हलफनामे में अमरावती नगर निगम ने उल्लेख किया है कि 98,332 क्यूबिक मीटर लीगेसी कचरा लंबित है, जिसमें से 30,844 क्यूबिक मीटर पुराना लीगेसी कचरा है और 67,488 क्यूबिक मीटर एसएलएफ कार्य से प्राप्त हुआ है. कुल -98,332 क्यूबिक मीटर आज तक लंबित है. इस पर न्यायमूर्ति अभय एस. ओका व न्यायमूर्ति उज्जल भुयान की पीठ ने लीगेसी कचरे की लंबित मात्रा में वृद्धि पर सवाल उठाया और विरासत अपशिष्ट की मात्रा पर आश्चर्य व्यक्त किया कि 6 महीने की अवधि के बाद भी जस का तस बना हुआ है और दैनिक कचरे के प्रसंस्करण पर भी संदेह पैदा किया कि आप लीगेसी कचरे पर नया कचरा जमा कर रहे हैं. अमरावती मनपा आयुक्त को प्रत्येक कचरे की अलग-अलग प्रक्रियाओं की पुष्टि करते हुए तीन सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने के लिए कहा गया है. अब अगली सुनवाई 3 सप्ताह बाद निर्धारित की गई है.

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