डंपिंग ग्राऊंड मामले की अगली सुनवाई 15 मई को
मनपा ने चुनावी कार्यक्रम में व्यस्त रहते जवाब दाखिल करने मांगा समय
अमरावती/दि. 22- मनपा के सुकली कंपोस्ट डिपो से होनेवाले प्रदूषण के लिए मनपा को जिम्मेदार ठहराते हुए केंद्रीय हरित लवाद मनपा पर 47 करोड का जुर्माना लगा चुकी है. इस जुर्माने से बचने के लिए मनपा ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर रखी है. इस मामले में मनपा ने पिछली तारीख के समय कंपोस्ट डिपो में जमा बायोमायनिंग प्रक्रिया को पूर्ण करने विविध कारण देकर समय मांगा था. इसके तहत आज यानि सोमवार 22 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में फिर से मनपा ने लोकसभा चुनाव कार्यक्रम में व्यस्त रहने का कारण बताते हुए हलफनामा प्रस्तुत करने समय मांगा. दोनों पक्षो की दलीले सुनने के बाद न्यायालय ने अब आगामी 15 मई को सुनवाई रखी है.
जानकारी के मुताबिक वर्ष 2009 से 2019 के दौरान पर्यावरण के हुए नुकसान के लिए मनपा को जिम्मेदार ठहराते हुए केंद्रीय हरित लवाद ने मनपा पर 33 करोड रुपए का जुर्माना ठोंका था. लेकिन मनपा की आर्थिक स्थिति कमजोर रहने का कारण बताते हुए मनपा ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर यह जुर्माना रद्द करने की मांग की थी. उस समय सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय हरित लवाद के आदेश पर स्थगनादेश देते हुए मनपा को प्रदूषण कम करने की दिशा में कदम उठाने के निर्देश दिए थे. मनपा के सुकली कंपोस्ट डिपो में वर्ष 2009 से 2019 तक जमा कचरे के कारण शहरवासियों को प्रदूषण का सामना करना पड रहा है, इस आशय की शिकायत वसुंधरा फाऊंडेशन के गणेश अनासाने ने केंद्रीय हरित लवाद में की थी. जिस पर पुणे न्यायालय में सुनवाई चली और केंद्रीय हरित लवाद ने कचरे से होनेवाले प्रदूषण को रोकने के लिए मनपा द्वारा किसी भी तरह के कदम न उठाने के कारण मनपा को जिम्मेदार ठहराते हुए उस पर 33 करोड रुपए का जुर्माना लगाया था. जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. सुप्रीम कोर्ट में जस्टीस अभय ओका और जस्टीस पंकज मिथाल की पीठ के समक्ष 3 फरवरी को सुनवाई हुई थी. तब सुप्रीम कोर्ट ने कंपोस्ट डिपो में बायोमायनिंग का काम 22 अप्रैल से पहले पूर्ण कर वर्तमान स्थिति को स्पष्ट करने के लिए अपनी रिपोर्ट 18 अप्रैल को दाखिल करने के निर्देश दिए थे. लेकिन मनपा द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपना प्रतिज्ञा पत्र दाखिल नहीं किया गया. आज 22 अप्रैल को हुई सुनवाई के दौरान मनपा की तरफ से एड. अंशूला ग्रोवर व संग्रामसिंग भोसले ने मनपा का पक्ष रखते हुए बताया कि, वर्तमान में लोकसभा चुनाव में सभी अधिकारी व्यस्त रहते उन्हें प्रतिज्ञा पत्र दाखिल करने के लिए समय चाहिए. तब न्यायालय ने दोनों पक्षो की दलीले सुनने के बाद अब आगामी 15 मई को अगली सुनवाई रखी है. इस प्रकरण में एमपीसीबी की तरफ से एड. शशांक सिंग, एड. मुकेश वर्मा ने काम संभाला.