कोल्हे हत्याकांड के आरोपियों को एनआईए की कस्टडी
15 जुलाई तक रहेंगे एनआईए के रिमांड में
अमरावती/दि.8– एक टीवी न्यूज चैनल की डीबेट के दौरान विवादास्पद टिप्पणी करनेवाली भाजपा की निलंबीत प्रवक्ता नुपूर शर्मा का सोशल मीडिया पर समर्थन करने के चलते मेडिकल व्यवसायी उमेश कोल्हे को मौत के घाट उतारनेवाले सात आरोपियों को मुंबई की विशेष अदालत ने आगामी 15 जुलाई तक एनआईए की रिमांड में रखने का आदेश जारी किया है. ऐसे में अब एनआईए द्वारा इन सातों आरोपियों को आगामी 15 जुलाई तक अपनी कस्टडी में रखते हुए उनसे पूछताछ की जायेगी.
बता दें कि, स्थानीय तहसील कार्यालय के सामने अमित मेडिकल्स् नामक व्यवसायिक प्रतिष्ठान चलानेवाले उमेश कोल्हे की 21 जून की रात करीब 10 बजे उस समय गला काटकर हत्या कर दी गई थी, जब वे अपनी दूकान से अपने घर वापिस लौट रहे थे. इसके बाद इस मामले की जांच-पडताल करते हुए पुलिस ने एक-एक कर सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. जिनसे की गई पूछताछ में यह तथ्य सामने आया कि, एक वॉटसएप ग्रुप में नुपूर शर्मा के समर्थन में डाली गई पोस्ट की वजह से उमेश कोल्हे की निर्मम हत्या की गई थी और इस हत्याकांड का मुख्य मास्टरमाइंड शेख इरफान शेख रहीम नामक व्यक्ति है, जो रहबर हेल्प लाईन नामक एक एनजीओ भी चलाता है. इन तथ्यों के सामने आते ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए का दल अमरावती पहुंचा और इस मामले के साथ कुछ आतंकी संगठनों के जुडे होने की संभावना जताते हुए एनआईए ने कोर्ट से इन सभी आरोपियों को अपने कब्जे में देने की मांग की. साथ ही एनआईए के दल ने अमरावती में रहते हुए मामले से जुडे विभिन्न पहलुओं की जांच-पडताल करनी शुरू की. विगत सोमवार को अमरावती की जिला व सत्र न्यायालय ने कोतवाली पुलिस द्वारा पकडे गये सातों आरोपियों को एनआईए के हवाले करने को मंजूरी दी. जिसके बाद बुधवार की दोपहर एनआईए का दल सातों आरोपियों को अपने साथ लेकर मुंबई रवाना हो गया, जो गुरूवार की सुबह मुंबई पहुंचा. जहां पर एनआईए ने इन सातों आरोपियों को मुंबई की विशेष अदालत के सामने पेश किया. जहां पर हुई सुनवाई के बाद मुंबई की विशेष अदालत ने सातों आरोपियों को आगामी 15 जुलाई तक एनआईए की कस्टडी में रखने का आदेश जारी किया. ऐसे में अब एनआईए द्वारा इन सातों आरोपियों को अपनी रिमांड में लेते हुए उमेश कोल्हे हत्याकांडवाले मामले की जांच की जायेगी. जिसके तहत एनआईए का मुख्य फोकस विशेेष रूप से इस बात की ओर है कि, क्या इस हत्याकांड से जुडे आरोपियों तथा शेख इरफान द्वारा चलाये जानेवाले रहबर हेल्पलाईन नामक संगठन का किसी आतंकी संगठन या बाहरी देशों के साथ कोई लिंक है.
* आखिर ‘रहबर’ के पास कहां से आया इतना पैसा
उल्लेखनीय है कि, कोविड संक्रमण एवं लॉकडाउन काल के दौरान शेख इरफान शेख रहीम द्वारा अपनी रहबर हेल्पलाईन के जरिये बडे पैमाने पर मदद कार्य किये गये थे. जिसके तहत जरूरतमंदों को अनाज व किराणे की सहायता उपलब्ध करायी गई थी. जबकि खुद शेख इरफान की आर्थिक स्थिति को बहुत अधिक शानदार नहीं कहा जा सकता. ऐसे में अब एनआईए द्वारा इस बात पर भी फोकस किया जा रहा है कि, आखिर शेख इरफान ने अपने एनजीओ के जरिये सामाजिक काम करने हेतु इतना पैसा कहां से लाया. विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक एनआईए द्वारा की जानेवाली जांच में प्रतिबंधित रहनेवाले एक कट्टरपंथी संगठन का नाम भी सामने आया है. जिसे ध्यान में रखते हुए एनआईए ने रहबर हेल्पलाईन से जुडे सभी सदस्योें को अपने ‘रडार’ पर लिया है और उनसे पूछताछ करनी शुरू की गई है. इसके साथ ही एनआईए द्वारा अब इस बात को लेकर भी सघन जांच की जा रही है कि, शेख इरफान व रहबर हेल्पलाईन को फंडिंग करनेवाले लोग और संगठन कौनसे है. उन लोगों और संगठनों की भूमिका क्या रही है. साथ ही उनका पूर्व इतिहास क्या है, इसके तहत इस बात पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है कि, क्या ऐसे लोगों व संगठनों का इससे पहले देश विरोधी कृत्यों में किसी तरह का कोई सहभाग रहा है.