अमरावती

नीबू उत्पादक बेहाल, विक्रेता काट रहे चांदी

किसानों से खरीदी 1200 में बिक्री 5000 में

अमरावती/दि.6 – तपती धूप में शरीर को शीतलता प्रदान करनेवाले नीबू के दाम आसमान पर है. वर्तमान में 10 रूपये में 1 के दाम पर नीबू बिक रहा है. जिससे ग्राहको की जेब पर भार पड रहा है. लेकिन नीबू के बढे हुए दामों का फायदा केवल विक्रेताओं को ही हो रहा है. नीबू उत्पादक किसान बेहाल ही है. नीबू की क्वालिटी अनुसार दाम मिलते है. किसानों को अच्छे क्वालिटी के 18 से 20 किलो वाले नीबू के बोरे को एक हजार से 1200 रूपये दाम मिलते है. किसानों से 1200 रूपये के दाम पर खरीदे हुए नीबू के एक बोरे में 600 नीबू रहते है. यदि प्रत्येक नीबू 10 रूपये के हिसाब से बेचा गया तो विक्रेता को 5 हजार रूपये से अधिक मिलते है. जिससे खरीदी के 1200 रूपये निकालकर नीबू विक्रेता 3 हजार 800 रूपये कमाता है. विक्रेताओं द्बारा दुगने दाम नीबू की बिक्री किए जाने से नीबू के दाम बढ गये है. लेकिन जो किसान नीबू का उत्पादन करता है. उसे एक बोरा नीबू के ज्यादा से ज्यादा 1200 रूपये मिलते है. जिसमें से नीबू तोडने की मजदूरी 200 रूपये व उसे बाजार तक लाने का किराया 200 रूपये यह खर्च निकालकर किसान के हाथ में केवल 600 से 800 रूपये बचते है. वहीं नीबू बेचनेवाला 3 हजार 800 रूपये कमाता है.
नीबू की डिमांड बढने से विक्रेताओं ने यह डिमांड कैश करना शुरू कर दिया है. कोरोना काल में सभी कार्यक्रम बंद थे. सडक किनारे लगनेवाली नीबू पानी की दुकाने भी बंद थी. इस दौरान नीबू को बेहद कम भाव मिला. किसानों का लागत खर्च भी नहीं निकला. 18 से 20 किलो नीबू का बोरा 100 रूपये में बेचने की नौबत आने से किसानों ने नीबू के पेड उखाड फेंके. वही जिनके खेतों में नीबू के पेड थे उन्होंने भी नीबू उत्पादन पर विशेष ध्यान नहीं दिया. तापमान बढने से भी नीबू उत्पादन घट गया. जिससे नीबू की आवक कम हो गई. जिससे अब नीबू के दाम बढाकर विक्रेताओं द्बारा चांदी काटी जा रही है. नीबू उत्पादक किसान आज भी जस की तस बेहाल है.

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