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चांदूर बाजार के पूर्व नगराध्यक्ष नितीन कोरडे नहीं रहे

नागपुर के अस्पताल में इलाज के दौरान हुआ निधन

* 10 अप्रैल को सडक हादसे का शिकार हुए थे नितीन कोरडे
* कोरडे के निधन का समाचार मिलते ही चांदूर बाजार में शोक की लहर
चांदूर बाजार/दि.21– चांदूरबाजार नगर पालिका के पूर्व नगराध्यक्ष नितिन जनार्दन कोरडे का आज सुबह नागपुर के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया. बता दे कि विगत 10 अप्रैल को 52 वर्षीय नितिन कोरडे अपने मित्र कैलाश देशमुख व निलेश देशमुख के साथ चांदूरबाजार के भाजयुमो तहसील अध्यक्ष आशीष कोरडे के हिवरखेड मे होनेवाले विवाह समारोह में शामिल होने हेतु गए थे, जहां से वापिस लौटते समय कारला दापोरी गांव के पास उनकी स्विफ्ट कार का संतुलन बिगड गया और उनकी कार सडक किनारे खडी ट्राली से जा भिडी थी. जिसमे नितिन कोरडे सहित कैलाश देशमुख और निलेश देशमुख घायल हो गए थे. पश्चात उन्हेें तत्काल ही मोर्शी के ग्रामीण रुग्णालय मे ले जाया गया और जहां पर स्थिति गंभीर रहने के चलते नितीन कोरडे को इलाज हेतु अमरावती के एक निजी अस्पताल में भरती कराया गया. इलाज के दौरान पता चला कि, नितिन कोरडे के लंग्स मे गहरी चोट लगने की बात सामने आई. विगत मंगलवार को नितीन कोरडे की तबियत और भी अधिक बिगड गई, जिसके चलते उन्हें नागपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया. जहां आज उन्होने उपचार के दौरान सुबह 8 से 8.15 के दरमियान अंतिम सांस ली. यह खबर मिलते ही उनके परिजनो सहित समूचे शहर मे शोक की लहर दौड़ गई. खबर लिखे जाने तक नागपुर से उनका शव चांदूर बाजार लाया जा रहा था. जहां आज रात ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

* _राजनीतिक क्षेत्र मे लगाई थी हैट्रिक
बता दें कि, नितिन कोरडे ने अपने राजनीतिक कार्यकाल मे नगर पालिका चुनाव मे जीत की हैट्रिक लगाई थी, लगातार वह 3 बार चुनाव जीते, पिछले चुनाव मे निर्दलीय रूप से चुनाव लड कर उन्होंने हैट्रिक मारी, सीधे जनता से चुने गए नगराध्यक्ष रविंद्र पवार का कार्यकाल के बीच में ही अकस्मात निधन हो जाने के बाद राज्यमंत्री बच्चू कडु ने नितिन कोरडे पर विश्वास जताकर उन्हें चांदूर बाजार शहर की कमान सौंपी थी.

* ______हंसमुख व मिलनसार स्वभाव के धनी थे नितिन कोरडे
अपने सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र से परे हटकर चांदूर बाजार शहरवासियो के दिलो मे नितिन कोरडे ने अपनी बेहतरीन छाप बनाई थी, उनके मिलनसार स्वभाव के चलते सभी समुदाय के लोगो का उन्हे हमेशा भरपूर प्यार मिला. उनके निधन की खबर मिलते ही सुबह से ही कोरडे परिवार के निवास्थान पर लोगो का तांता लगना शुरू हो गया.

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