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फिर आधी-अधूरी रही मनपा की आमसभा

शहर के विकास को लेकर नहीं हुई कोई चर्चा

* व्यापारिक संकुलों की किराया वृध्दी पर मचा घमासान

* हंगामे के चलते बीच में ही आमसभा हुई स्थगित

* लगातार सातवीं आमसभा में शहर का विकास रहा अनदेखा

अमरावती/दि.17- स्थानीय मनपा की शुक्रवार 17 सितंबर को आयोजीत आमसभा भी पिछली आमसभाओं की तरह हंगामे की भेंट चढ गई और आमसभा के दौरान मचे हंगामे के चलते इसे बीच में ही स्थगित कर देना पडा. अपने पूर्व नियोजीत कार्यक्रम के अनुसार मनपा की आमसभा शुक्रवार की सुबह 11 बजे मनपा स्थित विश्वरत्न डॉ. बाबासाहब आंबेडकर सभागृह में शुरू हुई और प्राथमिक कार्रवाई के बाद जैसे ही प्रश्नोत्तर काल निपटा और प्रशासन की ओर से मनपा क्षेत्र अंतर्गत स्थित मनपा की मिल्कीयतवाले व्यापारिक संकुलों के किराया वृध्दि एवं लीज करार के नूतनीकरण का विषय आया, तो सत्ता पक्ष ने इसे मान्यता देने के साथ ही अगले मार्गदर्शन हेतु सरकार के पास प्रस्ताव भेजने की बात कही. वहीं विपक्ष इस विषय पर चर्चा करने के साथ ही इसे आमसभा में मंजूरी दिये जाने की मांग करने लगा. विपक्ष का कहना था कि, विगत करीब चार वर्षोें से मनपा के व्यापारिक संकुलों का किराया नहीं बढाया गया है. जिसकी वजह से मनपा को सालाना चार करोड रूपयों का नुकसान हो रहा है. वहीं दूसरी ओर हमेशा ही आर्थिक दिक्कत की वजह को सामने करनेवाले सत्ता पक्ष द्वारा इस विषय को लेकर टालमटोलवाला रवैय्या अपनाया जा रहा है. जिसकी वजह से मनपा को अब तक 16 करोड रूपयों का नुकसान हो गया है.
इस विषय को लेकर सत्तापक्ष एवं विपक्षी गुटनेताओं व पार्षदों के बीच काफी गरमागरम बहस होने लगी और सदन में हंगामा होना शुरू हो गया. इसी हंगामे के बीच पीठासीन सभापति महापौर चेतन गावंडे ने इस विषय को मान्यता देने के साथ ही प्रस्ताव को अगले मार्गदर्शन हेतु सरकार के पास भेजे जाने को मंजुरी देते हुए आमसभा को स्थगित करने की घोषणा कर दी.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, विगत डेढ वर्ष के दौरान मानो मनपा की आमसभाओं पर ग्रहण लग गया है. विगत वर्ष कोविड संक्रमण की पहली व दूसरी लहर के चलते अव्वल तो मनपा की आमसभाएं ही नहीं हुई. बाद में ऑनलाईन तरीके से आमसभा का आयोजन किया जाने लगा. जिनकी कोई परिणामकारकता नहीं रही. वहीं जून माह के बाद से सीमित संख्या में सदस्यों की प्रत्यक्ष उपस्थिति के बीच आयोजीत होनेवाली आमसभाएं हर महिने किसी न किसी हंगामे की भेट चढ रही है और शहर के विकास से संबंधित विषय हाशिये पर पडे हुए है. जबकि इस दौरान शहर में डेंग्यू संक्रमण का कहर छाया रहा. साथ ही मूसलाधार बारिश की वजह से तमाम तरह की अव्यवस्थाएं भी उजागर हुई. जिनकी वजह से शहर के आम नागरिकों को तमाम तरह की दुश्वारियोें का सामना करना पडा.

* राजेश साहू ने उठाया सरकारी भूखंड के लेआउट का मामला

वहीं इस हंगामे से पहले आमसभा के प्रारंभ में पार्षद राजेश साहू पड्डा ने मौजे तारखेडा अंतर्गत सर्वे क्रमांक 51/2 में 0.40 हे. आर. जमीन पर बनाये गये ले-आउट का मामला उठाते हुए कहा कि, हकीकत में यह जमीन सरकारी मिल्कीयत है. बावजूद इसके इस जमीन पर लेआउट बनाकर बेचा गया है. ऐसे में सरकारी जमीन पर किये गये इस कब्जे को लेकर मनपा प्रशासन द्वारा क्या कार्रवाई की गई है. राजेश साहू द्वारा उठाये गये इस मामले पर चर्चा होने के साथ ही मनपा प्रशासन द्वारा मामले की जांच हेतु आदेश जारी किये गये. वहीं इस आमसभा में कुछ पार्षदों द्वारा नवाथे मल्टीप्लेक्स के मामले को भी उठाने का प्रयास किया गया. किंतु इसे लेकर कोई विशेष चर्चा नहीं हुई. वहीं इसके बाद व्यापारिक संकुलों के किराया वृध्दि व करार नूतनीकरण का मामला चर्चा हेतु सदन के पटल पर आते ही आमसभा में हंगामा मचना शुरू हो गया. जिसके बाद आमसभा को स्थगित कर दिया गया.

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