अमरावती

गव्हर्मेंट इंजिनिअरींग में विलंब शुल्क के बिना प्रवेश नहीं

१६ दिन के लिए लगाया जा रहा ८ हजार का विलंब शुल्क

  • बीटेक व एमटेक के विद्यार्थी हुए त्रस्त

अमरावती प्रतिनिधि/दि.१७ – इस समय कोरोना संक्रमण की वजह से सभी स्कूल व महाविद्यालय बंद पडे है तथा कोविड-१९ के संक्रमण का सर्वाधिक प्रभाव शिक्षा क्षेत्र पर ही दिखाई दिया है. किन्तु इसके बावजूद भी स्थानीय सरकारी अभियांत्रिकी महाविद्यालय के प्राचार्य ने बीटेक द्वितीय से अंतिम वर्ष तथा एमटेक द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियोें को विलंब शुल्क के बिना प्रवेश नहीं देने का फतवा जारी किया है और विलंब शुल्क नहीं भरनेवाले विद्यार्थियों को प्रवेश देने से भी इन्कार किया गया है. जिसके चलते करीब १५० विद्यार्थी अगले सत्र में प्रवेश से वंचित है. इस महाविद्यालय के अधिष्ठाता द्वारा विगत ३ अक्तूबर को प्राचार्य के आदेशानुसार विलंब शुल्क लगाये जाने के संदर्भ में एक पत्र जारी किया गया. जिसमें कहा गया कि, बीटेक द्वितीय वर्ष से अंतिम वर्ष तथा एमटेक द्वितीय वर्ष के जिन विद्यार्थियों ने ११ सितंबर तक अपना प्रवेश आवेदन प्रस्तुत नहीं किया है. वे ५ अक्तूबर तक ५०० रूपये रोजाना का विलंब शुल्क भरते हुए अपना प्रवेश निश्चित करें. इस पत्र में यह भी कहा गया कि, जो विद्यार्थी ५ अक्तूबर तक प्रवेश शुल्क और विलंब शुल्क नहीं भरेंगे, उन्हें बाद में प्रवेश नहीं दिया जायेगा. प्राचार्य द्वारा जारी किये गये इस आदेश के चलते कुछ कारणों की वजह से अब तक प्रवेश से वंचित विद्यार्थियों में हडकंप का माहौल है और उन्हें अब यह भय भी सता रहा है कि, यदि उन्हें प्रवेश नहीं मिला, तो उनका एक शैक्षणिक वर्ष व्यर्थ जायेगा. ऐसे में प्रवेश से वंचित कई विद्यार्थियों ने प्राचार्य से भेट की, लेकिन वे कुछ भी सुनने के लिए तैयार नहीं है. ऐसा सूत्रों का कहना है.

किसी भी विद्यार्थी से विलंब शुल्क न लिया जाये, ऐसा सभी प्राचार्यों को कहा गया है. ऐसे में किसी भी विद्यार्थी से विलंब शुल्क नहीं लिया जायेगा और किसी को भी प्रवेश से वंचित नहीं रखा जायेगा. लेकिन कई विद्यार्थियों द्वारा जानबुझकर अब तक अपनी प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण नहीं की गई है. ऐसे में सभी विद्यार्थी जल्द से जल्द अपनी प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण कर लें. इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकारी अभियांत्रिकी महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा पत्र जारी किया गया था. – डी. वी. जाधव सहसंचालक, उच्च व तंत्रशिक्षा विभाग

 

बीटेक व एमटेक की वरिष्ठ कक्षाओं में प्रवेश की अंतिम तारीख ११ सितंबर थी. जिसे लेकर नोटीस भी जारी की गई थी और इस तारीख के बाद रोजाना ५०० रूपयों का दंड लगाया जा रहा है, जो नियमानुसार है. इसमें अवकाश के दिनों को छोडकर कामकाजी दिनों के लिए ही विलंब शुल्क लिया जा रहा है. इसमें गलत कुछ भी नहीं है. – डॉ. रेवतकुमार बोरकर प्राचार्य, शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय, अमरावती.

 

कोरोना की वजह से कालेज बंद है. ऐसे में हम सभी अपने प्रवेश को लेकर काफी हद तक बेफिक्र थे, लेकिन ११ सितंबर से ३ अक्तूबर के दौरान १६ दिनों के लिए ८ हजार रूपये का विलंब शुल्क देखकर हम हैरान हो गये है और विलंब शुल्क अदा किये बिना प्रवेश नहीं देने को लेकर नोटीस जारी की गई है. सरकारी अभियांत्रिकी महाविद्यालय में पहले ही सालाना शुल्क काफी भारीभरकम है और अब उपर से १६ दिनों के लिए ८ हजार रूपये का विलंब शुल्क भी वसूला जा रहा है. यह विद्यार्थियों पर सीधे-सीधे अन्याय है. – अनेक विद्यार्थी, बीटेक व एमटेक पाठ्यक्रम, शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय

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