सागवान तस्करी में मुख्य सूत्रधार की अब तक गिरफ्तारी नहीं
इस आंतरराज्यीय तस्करी में परतवाडा के 6 लोगों का समावेश
परतवाडा/दि.26– महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश आंतरराज्यीय सागवान तस्करी में परतवाडा के छह लोगों का समावेश हैं. इस प्रकरण में मुख्य सूत्रधार का नाम सामने आने के बावजूद अभी तक वनविभाग व्दारा उसे गिरफ्तार नहीं किया गया है और कोई नोटिस भी नहीं दी गई हैं.
एक सप्ताह पूर्व मिली गोपनीय जानकारी के आधार पर परतवाडा के सिपना वन्यजीव विभाग व वन परिक्षेत्र अधिकारी प्रादेशिक वनविभाग में परतवाडा क्षेत्र अंतर्गत वडूरा गांव के पास तस्करी के सागवान सहित वाहन और चालक को कब्जे में लिया था. इस वाहन के दो लोग और रेकी करने वाले दो पहिया वाहन पर सवार तीन लोग पीछे से भाग गए थे. मध्यप्रदेश वन्य विभाग के बैतूल, सावलमेंडा के अधिकारियों को इसकी जानकारी मिली वह भी घटनास्थल पहुंच गए और मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र वनविभाग ने संयुक्त रुप से कार्रवाई की. मध्यप्रदेश का तस्करी का यह लकडा लेकर तस्कर सावलमेंडा वनपरिक्षेत्र अंतर्गत ससोदा से निकले थे. यह वाहन बरहानपुर के नाके से खुलेआम निकला. नाके से यह वाहन बाहर निकल जाना यह एक स्वतंत्र जांच का हिस्सा हैं. इतना ही नहीं बल्कि सावलमेंडा वनपरिक्षेत्र अंतर्गत संपूर्ण वनपरिक्षेत्र की अवैध वृक्ष कटाई की स्वतंत्र यंत्रणा के जरिए जांच होना आवश्यक हैं.
अवैध सागवान तस्करी का यह वाहन महाराष्ट्र में पकडा गया. परतवाडा वनपरिक्षेत्र वन कार्यालय में मालवाहक और दोपहिया वाहन लगाए गए. केवल 12 घंटों में ही इस वाहन के साथ चालक को मध्यप्रदेश वन विभाग के हवाले किया गया. मध्यप्रदेश के जंगल से अवैध सागवान की तस्करी करने वाले वाहन को महाराष्ट्र वन विभाग ने पकडा हैं. इसके अलावा 4 दोपहिया वाहन भी पुलिस ने पकडे हैं. यह वाहन अभी भी परतवाडा और वनपरिक्षेत्र कार्यालय के सामने खडे हैं. अचलपुर न्यायालय में यह प्रकरण दाखिल हैं. ऐसा रहते हुए भी वन विभाग व्दारा जांच न करते हुए और कोई मामला दर्ज न करते हुए तस्करी का वाहन माल सहित मध्यप्रदेश वन विभाग के स्वाधीन किया गया. यह प्रश्न अभी भी अनुत्तरित हैं. मध्यप्रदेश वन विभाग अंतर्गत सावलमेंडा वनपरिक्षेत्र अधिकारी ने केवल 12 घंटे में यह प्रकरण अपने कब्जे में क्यों और किसलिए लिया इस पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं.