अमरावतीमहाराष्ट्र

जिला बैंक के 5 संचालकों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव

7 पर लटक रही अपात्रता की तलवार

दोनों पक्षों ने एक दुसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप
अमरावती/दि.20– जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक में इन दिनों सत्ताधारी और विरोधियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. दोनों गुटों ने एक दुसरे के खिलाफ संचालकों पर अपात्रता की कार्रवाईकरने के लिए जोरदार तैयारी की है. सत्ताधारी गुट ने विरोधी गुट के दो संचालकों पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरु की है. सत्ताधारी गुट ने पांच संचालकों पर अविश्वास प्रस्ताव पारित करने के लिए विभागीय सहनिबंधक को पत्र भेजा है. जिसके चलते अब कौन सा गुट दुसरे गुट के संचालकों को अपात्र ठहराने में कामयाब होता है. इसकी उत्सुकता बनी है.

जिला मध्यवर्ती बैंक की सत्ता विधायक बच्चू कडू ने अपने हाथों लेने के बाद जिला बैंक की राजनिती में बडी उथल पुथल नजर आ रही है. एक दुसरे पर आलोचना करने के साथ-साथ कार्रवाई की मांग वाले पत्र विभागीय उपनिबंधक कार्यालय में भेजे जा रहे है. कुछ दिन पूर्व विरोधी गुट के संचालक प्रकाश कालबांडे को अपात्र ठहराने के बारे में विभागीय सहनिबंधक को पत्र भेजा गया है. क्योंकि कालबांडे जिल संस्था का प्रतिनिधित्व करते है. उसकी उपविधी में सेवा निवृत्तो का समावेश नहीं है. कालबांडे खुद सेवानिवृत्त होने से उन्हें बैंक के संचालक पद से हटाना जरुरी है. ऐसा दावा सत्ताधारियों ने पत्र में किया है. उसी तरह और एक संचालक सत्ताधारियों की सूची में है. सप्ताह भर में उनके खिलाफ भी कार्रवाई किए जाने का दावा उपाध्यक्ष अभिजीत ढेपे ने किया है. ऐसे में विरोधी गुट भी पीछे नहीं है. उन्होनें भी सत्ताधारी गुट के 5 संचालकों पर अविश्वास प्रस्ताव पारित करने के लिए विशेष सभा बुलाने का पत्र 14 संचालकों के हस्ताक्षर के साथ भेज दिया है. इस तरह कुल मिलाकर 5 संचालकों पर अपात्रता की तलवार लटक र ही है. बैंक में कौन सा गुट किस गुट पर भारी पडेगा और कौन से गुट के कितने संचालक पात्र साबित होगे. यह तो आने वाला समय ही बताएगा.

* सत्ताधारियों में ही मतभेद
बताया जा रहा है कि सत्ताधारियों के साथ रहने वाले रवीन्द्र गायगोले और पदाधिकारियों के बीच गत कुछ माह से मतभेद जाही है. इसी का फायदा उठाकर विरोधियों ने अविश्वास प्रस्ताव के लिए आवश्यक संचालकों की संख्या पूर्ण करने के लिए रवीन्द्र गायगोले को अपने गुट में शामिल कर लिया है. अविश्वास प्रस्ताव के बारे में भेजे गए पत्र पर विरोधी गुट के संचालक सुरेश साबले सुनील वर्‍हाडे, हरिभाऊ मोहोड, विरेन्द्र जगताप, श्रीकांत गावंडे, सुधाकर भारसाकले, दयाराम काले, बलवंत वानखडे, अनिरुध्द उर्फ बबलू देशमुख, पुरुषोत्तम उर्फ बालासाहब अलोने, सुरेखा ठाकरे, मोनिका मार्डीकर, प्रकाश कालबांडे, रवीन्द्र गायगोले आदि के हस्ताक्षर है.

* विशेष सभा बुलाने 14 ने किए हस्ताक्षर
अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के चयन के कम से कम 2 वर्ष तक उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता, ऐसा जीआर में निर्गमित होने से उब विरोधियों ने उनके गुट के अन्य पांच संचालकों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखने के लिए विशेष सभा बुलाने की मांग की है. इस आशय की मांग करने वाले 14 संचालकों के हस्ताक्षर का पत्र विभागीय सहनिबंधक को दिया गया है. इन 5 संचालकों में नरेशचंद्र ठआकरे, जयप्रकाश पटेल, आनंदकुमार काले, अजय मेहकरे व चित्रा प्रशांत डहाने का समावेश है. महाराष्ट्र सहकारी संस्था अधिनियम 1960 की धारा 73(1) ड तथा उपधारा (2) के तहत अविश्वास प्रस्ताव रखने के लिए विशेष सभा की मांग की गई है.

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