अमरावती

‘उन’ 5 संचालकों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित

शिक्षक बैंक की सभा में हुआ निर्णय, 16 विरुद्ध 5 वोटों से प्रस्ताव पर लगी मुहर

अमरावती /दि.5- स्थानीय जिला परिषद शिक्षक सहकारी बैंक में विगत कुछ महिनों से सत्ताधारी व विपक्षी संचालकों के बीच जबर्दस्त मनमुटाव चल रहे है तथा अब सत्ताधारी दल द्वारा विपक्ष के 5 संचालकों के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव भी पारित हो गया. विभागीय सहनिबंधक द्वारा 4 जनवरी को बुलाई गई विशेष सभा में 16 विरुद्ध 5 मतों से प्रभाकर झोड, मंगेश खिरडे, गौरव काले, संजय नागे व मनोज चोरपगार इन पांच विपक्षी संचालकों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हुआ.
बता दें कि, शिक्षक बैंक में संचालक मंडल हेतु कराये गये चुनाव से ही सत्ताधारी व विपक्षी संचालकों के बीच कई बार संघर्ष वाली स्थिति बनी. विपक्ष के 5 संचालकों ने सेवानिवृत्त सभासत्व रद्द करने की मांग अदालत में की थी. जिस पर सत्ताधारी पक्ष ने आक्षेप उठाया था और कहा था कि, इससे बैंक दिवालिया हो सकती है. पश्चात यह मामला अदालत के समक्ष विचाराधीन था. 21 मार्च 2023 को विभागीय सहनिबंधक ने विपक्षी संचालकों की मांग खारिज कर दी थी. जिसके बाद बैंक के अध्यक्ष गोकुलदास राउत व सत्ताधारी गुट ने हाईकोर्ट पहुंचकर विपक्षीय संचालकों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाये जाने की अनुमति मांगी थी. जिस पर अदालत ने विभागीय सहनिबंधक को निर्णय लेने का आदेश दिया था. जिसके अनुसार विभागीय सहनिबंधक ने 4 जनवरी को विशेष सभा बुलाकर उन 5 संचालकों पर लाये जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव को लेकर चर्चा हेतु अनुमति प्रदान की. जिसके चलते 4 जनवरी को जिला उपनिबंधक शंकर कुंभार की अध्यक्षता के तहत सभा का आयोजन किया गया था और इस सभा में पांचों विपक्षी संचालकों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को 16 विरुद्ध 5 वोटों से पारित करते हुए मंजूरी दी गई.
इस सभा में बैंक के अध्यक्ष गोकुलदास राउत, उपाध्यक्ष विजय कोठाले, संचालक तुलसीदास धांडे, प्रफुल्ल शेंडे, मनीष काले, रामदास कडू, संभाजी रेवाले, उमेश चुनकीकर, सुरेंद्र मेटे, अजयानंद पवार, आर. एन. गावंडे, मो. नाजिम अ. गफ्फार, सरिता काठोले, संगीता तडस व राजेश गाडे सहित बैंक के महाव्यवस्थापक राजाभाउ देशमुख व उपमहाव्यवस्थापक सालवे उपस्थित थे.

* विपक्षीय संचालकों द्वारा हमेशा ही बैंक के विकास हेतु लाये जाने वाले प्रस्तावों का विरोध किया जाता था तथा लगभग सभी बातों को लेकर बिना वजह शिकायते करते हुए विपक्षीय संचालकों द्वारा बैंक की बदनामी की जा रही थी. जिससे बैंक के सभासदों में संभ्रम पैदा हो रहा था. इसके अलावा अध्यक्ष के साथ असभ्य बर्ताव करने को लेकर कई बार समझाने के बाद भी विपक्षीय संचालक इसकी ओर ध्यान नहीं दे रहे थे. जिसके चलते उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित किया गया.
– गोकुलदास राउत,
अध्यक्ष, शिक्षक सहकारी बैंक.

* बैंक के 16 संचालकों ने सामान्य सदस्यों के प्रश्नों को पूरी तीव्रता के साथ रखने वाले 5 इमानदार संचालकों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित करते हुए लोकतंत्र की हत्या की है. 16 विरुद्ध 5 ऐसे बहुमत से निर्णय लेने की क्षमता रहने के बावजूद भी 5 विपक्षी संचालक सभागृह में ही न रहे, इस हेतु उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर उन्हें सभागृह से बाहर निकालने हेतु अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. इस मामले में सभी कानूनी पहलूओं की पडताल करते हुए सर्वोच्च न्यायालय व सहकार विभाग से इंसाफ मांगा जाएगा.
– मंगेश खेरडे,
संचालक, विपक्षी गुट.

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