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इस साल भारत में नहीं दिखेगा कोई ग्रहण

विश्व में मार्च, अप्रैल, सितंबर, अक्तूबर में रहेंगे नजारे

अमरावती/ दि.‡4- इस वर्ष 2024 में सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की चाल के कारण एक पूर्ण सूर्यग्रहण सहित चार ग्रहण लगेंगे. किंतु ज्योतिषियों का अनुमान है कि भारत में एक भी खगोलीय घटना निहारी नहीं जा सकेगी. अमरावती के प्रसिध्द पुरोहित करण महाराज शर्मा ने बताया कि इस वर्ष ग्रहण का सिलसिला मार्च से प्रारंभ होगा. अप्रैल के बाद सितंबर तथा अक्तूबर में चंद्र व सूर्य ग्रहण विश्व के कुछ भागों में दिखाई देंगे. भारत के खगोल प्रेमियों को यह पूर्वानुमान निराश कर सकता है.
उन्होंने बताया कि 25 मार्च को लगनेवाला उपच्छाया चंद्रग्रहण है. उपच्छाया चंद्रग्रहण उस समय लगता है जब पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे चंद्रमा पेनुम्ब्रा (धरती की परछाई का हलका भाग) से होकर गुजरता है. इस समय चंद्रमा पर पडनेवाली सूरज की रोशनी आंशिक तौर पर कटी प्रतीत होती है और ग्रहण को चंद्रमा पर पडनेवाली धुंधली परछाई के रूप में देखा जा सकता हैं. उपच्छाया चंद्रग्रहण के वक्त पृथ्वीवासियों को पूर्णिमा का चंद्र पूरा तो दिखाई देता है. किंतु उसकी चमक कहीं खोई- खोई दिखाई पडती है.
युवा पुरोेहित करण महाराज के अनुसार 8 और 9 अप्रैल की रात्रि पूर्ण सूर्यग्रहण भी भारत में नहीं देखा जा सकेगा. उपरांत 18 सितंबर की प्रात: लगनेवाला आंशिक चंद्रग्रहण भारत में नजर नहीं आयेगा. 2-3 अक्तूबर की रात लगनेवाले वलयाकार सूर्यग्रहण के नजारे से भी देश के खगोलप्रेमी वंचित रहेंगे. उसके अनुसार वलयाकार सूर्यग्रहण की खगोलीय घटना 7 मिनिट 21 सेकंड चलेगी तथा इसकी चरर्मावस्था पर सूर्य का 92 प्रतिशत हिस्सा ढंक जायेगा. जिससे पृथ्वीवासियों को सूर्य चमकदार कंगन की भांति दिखाई देगा. हाल ही में पूर्ण हुए वर्ष 2023 में पूर्ण सूर्यग्रहण, उपच्छाया चंद्रग्रहण, वलयाकार सूर्यग्रहण तथा आंशिक चंद्रग्रहण की चार खगोलीय घटनाएं हुई थी. उन्होंने बताया कि भारत में अभी भी काफी लोग ग्रहण को लेकर पुरानी मान्यताएं मानते हैं. विशेषकर जब ग्रहण भारत में दिखाई देता है तो सभी प्रकार की बाते और नियम माने जाते हैं. मंदिरों के पट बंद रखे जाते हैं. इस वर्ष ऐसा नहीं करना पडेगा.

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