अमरावती/दि.8 – विद्यार्थियों में खेलों के प्रति रुची निर्माण हो और बेहतरीन खिलाडी तैयार हो सके. इस हेतु केंद्र सरकार ने खेलों इंडिया सहित विविध उपक्रम चलाए है. लेकिन वहीं दूसरी ओर जिले में जिला परिषद की 1580 प्राथमिक शालाओं में से 363 शालाओं में बच्चों के खेलने हेतु मैदान की उपलब्ध नहीं है. ऐसे में सबसे बडा सवाल यह है कि, आखिर बच्चे कहां खेले और अगर खेलने के लिए मैदान ही नहीं है, तो बेहतरीन खिलाडी कहां तैयार होंगे. यहीं वजह है कि, इन दिनों बच्चे अपने खाली वक्त में मोबाइल या टीवी से चिपके रहते है और ज्यादातर समय मोबाइल गेम खेलने में बिताते है.
उल्लेखनीय है कि, बच्चों के क्रीडा कौशल व क्रीडा गुणों को प्रोत्साहित करने के साथ ही उन्हें कौशल्य आधारित शिक्षा देने हेतु सरकार द्बारा विविध उपक्रम चलाए जाते है. यदि विद्यार्थियों को कम आयु में ही क्रीडा क्षेत्र मेें निपुन कर दिया जाए, तो वे आगे चलकर जिला विभाग राज्य व राष्ट्रीय सहित अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में बेहतरीन खेल प्रदर्शन करते हुए अपने क्षेत्र का नाम रोशन कर सकते है. इस बात के मद्देनजर विद्यार्थियों को बचपन से ही विविध खेलों का प्रशिक्षण देने की योजना बनाई गई है. लेकिन जिले की 363 जिप शालाओं में खेलने हेतु मैदान ही उपलब्ध नहीं है. ऐसे में इन शालाओं में पढने वाले बच्चों के लिए खेलो इंडिया जैसे उपक्रम का कोई मतलब ही नहीं बचता.
* खाली पडी सरकारी जमीन का होता है उपयोग
जिन गांवों की जिप शालाओं के पास अपना खुदका क्रीडांगण उपलब्ध नहीं है, वहां पर स्थानीय ग्राम पंचायत अथवा अन्य सरकारी कार्यालय की खाली पडी जमीनों के साथ ही खाली रहने वाली सरकारी ई-क्लास जमीनों का खेल के मैदान के तौर पर उपयोग किया जाता है.
* मैदान ही नहीं, तो कहां खेले बच्चे
यदि बच्चों के पास खेलने के लिए मैदान ही नहीं है, तो पर्यायी व्यवस्था के जरिए मैदान उपलब्ध कराया जाता है. परंतु कुछ स्थानों पर खेल के मैदान हेतु पर्यायी व्यवस्था भी उपलब्ध नहीं है. ऐसे स्थानों पर बच्चे खेलने-कुदने हेतु कहां जाए, यह सबसे बडी समस्या है.
* मोबाइल व टीवी पर बितता है अधिकांश समय
पूरा दिन स्कूल में समय बिताने के बाद बच्चों के पास खाली वक्त में खेलने-खुदने के लिए अगर मैदान ही उपलब्ध नहीं है, तो वे घर लौटने के बाद मोबाइल या टीवी के सामने बैठकर अपना समय बिताते है. साथ ही इन दिनों टीवी सिरियल व मोबाइल गेमिंग को पसंद करने लगे है.
* स्वास्थ्य के लिए मैदानी खेल जरुरी
बेहतरीन स्वास्थ्य एवं शारिरीक सुदृढता के लिए व्यायाम एवं मैदानी खेलों को बेहद जरुरी माना जाता है. इसमें भी मैदान पर खेलते समय होने वाली खेलों की प्रैक्टीस स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद फायदेमंद रहती है. लेकिन इसके लिए खेलों के मैदान का उपलब्ध रहना जरुरी है.
* यद्यपि जिला परिषद की 363 शालाओं में खेल के मैदान नहीं है, लेकिन बच्चों की खेलने हेतु ग्राम पंचायत व अन्य सरकारी जगहों के पर्याय का उपयोग किया जाता है. सभी शालाओं के पास अपना खुद का क्रीडांगण हो, इस हेतु शिक्षा विभाग द्बारा आवश्यक प्रयास किए जा रहे है.
– प्रिया देशमुख,
प्राथमिक शिक्षाधिकारी,
अमरावती, जिप.
* खेल के मैदान नहीं रहने वाले तहसीलनिहाय शालाएं
अचलपुर 39
अमरावती 32
अंजनगांव सुर्जी 32
भातकुली 23
चांदूर बाजार 48
चांदूर रेल्वे 03
चिखलदरा 73
दर्यापुर 10
धामणगांव रेल्वे 14
धारणी 29
मोर्शी 16
नांदगांव खंडेश्वर 28
तिवसा 05
वरुड 07