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फांसी भी हो जाए तो माफी नहीं

यशोमति को धमकाने वाले सूर्यवंशी का कहना

* अमरावती मंडल से खास बातचीत
* गुस्से में बोल दिया, डिलीट किया, पछतावा भी हुआ
अमरावती/दि.11– पूर्व मंत्री तथा कांग्रेस विधायक यशोमति ठाकुर को संभाजी भिडे गुरुजी मामले को लेकर जान से मारने की धमकी देनेवाले आरोपी कैलाश गणेश सूर्यवंशी ने कहा कि फांसी भी हुई तो चलेगा, माफी नहीं मांगेगे. हालांकि सूर्यवंशी ने सोशल मीडिया पर कुछ देर बाद अपना कमेंट डिलीट करने और हुए पर पछतावा करने की बात भी कही. आज दोपहर एसीपी पूनम पाटिल के कार्यालय में जमानत के लिए आए सूर्यवंशी ने अमरावती मंडल से बात की. सूर्यवंशी कानून की पढाई कर रहे हैं. वे सीएसआर फंडिग का काम करते हुए पैनगंगा फाउंडेशन संस्था से जुडे हैं. 7-8 वर्षो से सर्प मित्र रहे हैं. अर्थात सर्पो को सकुशल वन अधिवास में छोडने का काम भी किया है. सूर्यवंशी के परिवार में मां और भाई है. भाई अलग रहते हैं.
* गुरुजी का पाइक
सूर्यवंशी ने कहा कि भिडे गुरुजी अनेक वर्षो से युवाओं को व्यसन से दूर रखने और शिवाजी महाराज व्दारा निर्मित किलो के संवर्धन एवं साफ-सफाई के क्षेत्र में काम कर रहे हैं. उनके विचारों से बडा प्रभावित हुए हैं. इसीलिए सूर्यवंशी ने गुरुजी का पाइक (अनुगामी) बनने की बात कही.
* वे जनप्रतिनिधि, उनकी भी भाषा गलत
सूर्यवंशी ने यशोमति को धमकाने की बात गलत होने की स्वीकारोक्ति की. यह भी कहा कि हो सकता है मेरी भाषा गलत है. मैंने सबकुछ ईमानदारी से पुलिस को बता दिया है. यशोमति ठाकुर विधायक है. उनकी भाषा भी गुुरुजी को लेकर गलत हो गई. वे जिम्मेदार जनप्रतिनिधि हैं. उनकी भी गलती है. ऐसी भाषा उन्हें शोभा नहीं देती. सूर्यवंशी ने कहा कि यशोमति ठाकुर के ट्विट के बाद उन्होंने अपना संदेश भेजा था. इस ट्विट में यशोमति ने गुरुजी के लिए हरामखोर, तडीपार जैसे शब्द उपयोग किए. जिस पर उनकी तात्कालिक प्रतिक्रिया थी. इसे भी उन्होंने 10-20 सेकंड बाद डिलिट कर दिया था, हटा दिया था. किंतु विधानसभा का सत्र जारी रहने से हंगामा मच गया.
* पुलिस आई घर पर, सूर्यवंशी गायब
सूर्यवंशी ने बताया कि 31 जुलाई की रात 9 बजे उन्होंने ट्विट किया था. सुबह जागने पर ट्विट पर कई हजार प्रतिक्रिया देखने के बाद उनका माथा ठनका. उन्हें बखेडे का अंदाजा हो गया. इसलिए जब तक पुलिस टीम उनके शेबाल पिंपरी स्थित घर पर पहुंची वे गायब हो गए. यह गांव यवतमाल जिले की पुसद तहसील अंतर्गत है. सूर्यवंशी ने बताया कि वे कुछ दिनों तक भूमिगत रहे.
* खुद किया सरेंडर
28 साल के सूर्यवंशी के अनुसार उन्होंने 8 अगस्त को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. जरुरी कार्रवाई गाडगेनगर पुलिस ने की. उसी रात पुलिस सुरक्षा में सूर्यवंशी को उनके गांव छोडा गया.

* बगल के गांव में रहते यशोमति के मामा
सूर्यवंशी ने बताया कि उनके बगल के गांव धानोरा में यशोमति ठाकुर के मामा निवास करते हैं. मामा के निधन होने पर गांव में यशोमति पहुंची थी. ऐसे ही मामा के एक रिश्तेदार सत्यजीत देशमुख उनके भाई के मित्र हैं. सत्यजीत ने भी सूर्यवंशी को घटनाक्रम के लिए फटकार लगाई थी. यशोमति के गांव में आने पर बडा बंदोबस्त तैनात था.
* हम धारकरी कहलाते
सूर्यवंशी ने सवालों के जवाब में बताया कि, जिस प्रकार कांग्रेसी गांधी को मानते हैं, वे लोग भिडे गुरुजी को मानते हैं. हम धारकरी कहलाते हैं. महाराष्ट्र में वारकरी की परंपरा के अनुसार धारकरी भी हैैं, जो बेशक आक्रमक होते हैं. इसी आक्रमकता के कारण वह ट्विट हो गया. गुुरुजी के प्रति अपमान बर्दाश्त नहीं हो सका. जो हुआ उसका पश्चाताप भी है. किंतु क्षमा का सवाल नहीं उठता, भले ही फांसी पर चढा दें.

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