अमरावती

बर्ड फ्ल्यू संक्रमित 250 मूर्गियों का कोई अता-पता नहीं

रिपोर्ट आयी थी पॉजीटिव, ‘उस’ पोल्ट्री फार्म में नहीं है एक भी मूर्गी

अमरावती प्रतिनिधि/दि.२ – इस समय जहां एक ओर सभी लोगबाग कोरोना संक्रमण की समस्या से जूझ रहे है. वहीं दूसरी ओर अब शहर सहित जिले में बर्ड फ्ल्यू का खतरा भी पांव पसार रहा है. जिसकी वजह से विगत दिनोें भानखेडा परिसर में बर्ड फ्ल्यू का संक्रमण रोकने करीब 33 हजार मूर्गियों को जिंदा ही दफन कर दिया गया. लेकिन सर्वाधिक हैरत की बात यह है कि, जिस पोल्ट्री फार्म में मृत पायी गयी मूर्गियों की बर्ड फ्ल्यू रिपोर्ट पॉजीटिव आयी थी, उस पोल्ट्री फार्म में उस वक्त करीब 250 मूर्गियां थी, लेकिन जब रविवार को परिसर की सभी मूर्गियों को नष्ट करने हेतु पहुंचे पथक ने उस पोल्ट्री फार्म को भेंट दी, तो उस फार्म में एक भी मूर्गी नहीं पायी गयी. यह अपने आप में बेहद आश्चर्यजनक बात है कि आखिर उस पोल्ट्री फार्म की 250 मूर्गियां कहां चली गयी.
संभावना जतायी जा रही है कि, या तोे उन मूर्गियों की बिक्री हो चुकी है, या फिर संबंधित पोल्ट्री फार्म संचालक ने पथक के पहुंचने से पहले ही इन मूर्गियों को नष्ट कर दिया है. लेकिन दोनों ही बातेें अपने आप में चिंताजनक रहने के साथ ही बेहद गंभीर है, क्योेंकि यदि इन मूर्गियों की बिक्री हुई है, तो इनका सेवन करनेवाले लोगों का स्वास्थ्य खतरे में कहा जा सकता है. वहीं अगर पोल्ट्री फार्म संचालक द्वारा इन मूर्गियों को नष्ट करते समय शास्त्रोक्त पध्दति का अवलंब नहीं किया गया होगा, तो भी संक्रमण फैलने का खतरा बना रहेगा.

  • पोल्ट्री फार्म संचालक ने दिये टालमटोलवाले जवाब

यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि विगत रविवार को भानखेडा परिसर में 33 हजार 600 मूर्गियों को शास्त्रोक्त पध्दति से नष्ट करते समय जिलाधीश शैलेश नवाल भी उपस्थित थे. उन्होंने बर्ड फ्ल्यू संक्रमण का उगम रहनेवाले पोल्ट्री फार्म की 250 मूर्गियां नष्ट करने हेतु नहीं लाये जाने पर ध्यान देते हुए तुरंत ही उपविभागीय अधिकारी उदयसिंह राजपुत को कार्रवाई करने का आदेश जारी किया. पश्चात पशु संवर्धन विभाग द्वारा इस संदर्भ में संबंधित पोल्ट्री फार्म संचालक से पूछताछ की गई. जिसने पशुसंवर्धन विभाग को टालमटोलवाले जवाब देने शुरू किये. पशुसंवर्धन विभाग के मुताबिक अगर बर्ड फ्ल्यू संक्रमण की चपेट में आयी मूर्गियां मर भी गई है, तो उसकी जानकारी संबंधित व्यक्ति द्वारा प्रशासन को दी जानी चाहिए थी. लेकिन ऐसी कोई जानकारी प्रशासन को नहीं दी गई है. जिसकी वजह से सबसे बडा सवाल यही है कि आखिर उस पोल्ट्री फार्म की 250 मूर्गियां कहां चली गयी.

  • खुले में फेंकी गई 50 मूर्गियां भी चर्चा में

बता देें कि, विगत 11 फरवरी को अमरावती-भानखेडा मार्ग पर 50 मृत मूर्गियों को खुले में फेंक दिया गया था. यह बात ध्यान में आने पर वन विभाग ने इन मूर्गियोें के सैम्पल जांच हेतु भोपाल व पुणे की प्रयोगशाला में भिजवाये. जिसमें से दो सैम्पलों की रिपोर्ट पॉजीटिव आयी. ऐसे में 19 फरवरी को फ्रेजरपुरा थाने में अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गयी. वहीं अब भानखेडा परिसर स्थित पोल्ट्री फार्म से 250 मूर्गियां गायब होने की बात इससे पहले मृत पायी गयी 50 मूर्गियां दुबारा चर्चा में चल रही है. े

  • इंसानोें के लिए घातक है बर्ड फ्ल्यू का संक्रमण

बर्ड फ्ल्यू का एच-5 एन-1 नामक तेज गति से फैलनेवाला और इंसान को संक्रमित करनेवाला पहला वायरस एनवीएन इंफ्ल्यूएंझा है, जो इंसानों की श्वसन प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाता है. इस संक्रमण की वजह से सांस लेने में तकलीफ, खांसी, कफ, शारीरिक वेदना, थकान, पेट दर्द, सर्दी, नाक बहना, आंखों में जलन जैसे तकलीफें होती है. साथ ही किडनी और हृदय के काम पर परिणाम पडता है. जिससे हृदयाघात का खतरा निर्माण होता है.

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