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पश्चिम विदर्भ में कोई निवेश नहीं

डॉ. संजय खडक्कार चकित

* डावोस आर्थिक परिषद
अमरावती /दि.25– विदर्भ विकास बोर्ड के विशेषज्ञ सदस्य रहे डॉ. संजय खडक्कार ने डावोस की विश्व आर्थिक परिषद में महाराष्ट्र के लाखों-करोडों के निवेश अनुबंध पर पश्चिम विदर्भ के संदर्भ में सवाल उठाये हैं. डॉ. संजय खडक्कार ने आरोप लगाया कि, भले ही राज्य सरकार ने रिकॉर्ड पूंजी निवेश के अनुबंध किये. किंतु इसमें पश्चिम विदर्भ में कोई निवेश नहीं आ रहा है. यह हकीकत है. जिस पर वे हैरान भी हैं. उन्होंने अचरज जताया कि, पश्चिम विदर्भ में एक भी निवेशक ने रुची नहीं दिखाई.
डॉ. संजय खडक्कार ने कहा कि, आज पश्चिम विदर्भ में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध है. 500 मेगा वैट से अधिक बिजली का उत्पादन हो रहा है. प्रदेश के समतोल विकास के लिए पश्चिम विदर्भ में औद्योगिक और सेवा क्षेत्र विकासित होना आवश्यक है. उन्होंने राज्य शासन से अपेक्षा जतायी कि, निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बिजली के रेट कम किये जाये और निवेशकों को अधिक सुविधाएं व छूट दी जाये.
डॉ. संजय खडक्कार हमेशा ही पश्चिम विदर्भ अर्थात अमरावती-अकोला, बुलढाणा, यवतमाल, वाशिम जिलों के विकास हेतु आवाज बुलंद करते रहे हैं. उन्होंने विदर्भ के अनुशेष उसमें भी पश्चिम विदर्भ के अनुशेष के भारी आंकडे जारी कर सरकार को सिंचाई परियोजनाओं के लिए विवश किया. हालांकि अभी भी कई सिंचाई प्रकल्प केवल घोषणा तक सीमित है. उन्होंने कहा कि, महाराष्ट्र में अपेक्षित निवेश विकास का संतुलन साधने में बाधक सिद्ध हो रहा है. विदर्भ विकास बोर्ड के तज्ञ सदस्य रहे डॉ. संजय खडक्कार ने कहा कि, डावोस में हुई विश्व आर्थिक परिषद में राज्य के लिए 15 लाख 75 हजार करोड के निवेश का दावा किया जा रहा है. 61 सामंजस्य करार हो चुके है. इससे 16 लाख रोजगार निर्मिति का भी दावा है. यह राज्य के लिए अभिमान की बात है. राज्य में सकल देश उत्पादन का 38 प्रतिशत निवेश अपेक्षित है. 2023-24 में राज्य में 125101 करोड का विदेशी निवेश हुआ था. उसमें भी पश्चिम विदर्भ की झोली खाली रह गई थी.

 

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