अमरावतीमहाराष्ट्र

ना लोडशेडींग, ना तकनीकी दोष, फिर भी 6 दिन आड में जलापूर्ति!

मजीप्रा का नियोजन शून्य, नागरिकों के होनेवाले हैं हाल-बेहाल

अमरावती /दि.26– शहर को जलापूर्ति करनेवाली मुख्य जलवाहिनी का आयुर्मान खत्म होने का हमेशा ही रोनेवाले महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण द्वारा शहर के लाखों नागरिकों को पानी से वंचित रखने का प्रयास किया जा रहा है. जिसके तहत इन दिनों भारनियमन यानी लोडशेडींग और कोई तकनीकी दोष नहीं रहने के बावजूद भी 6 दिन की आड में जलापूर्ति करने का नियोजन मजीप्रा के अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है. जबकि मोर्शी के अप्पर वर्धा बांध में 52 फीसद जलसंग्रहन रहने की जानकारी है, यानी पानी की कोई कमी नहीं है. परंतु मजीप्रा की नियोजन शून्यता के चलते अब अमरावती, बडनेरा व रहाटगांव परिसरवासियों के हाल-बेहाल होनेवाले है.
उल्लेखनीय है कि, मजीप्रा में अधिकारियों व कर्मचारियों की अच्छी-खासी पहुंच है. इसके बावजूद अमरावती सहित बडनेरा शहर में विगत कुछ माह से नियमित जलापूर्ति की अनदेखी की जा रही है. प्रति वर्ष गर्मी का मौसम शुरु होते ही पानी की जरुरत और मांग बढ जाती है. यह बात सर्वज्ञात है. लेकिन इसी बात का होहल्ला करते हुए मजीप्रा के अभियंता अपने जवाबदारी से हाथ झटकते दिखाई दे रहे है. एक ओर तो नियमित जलापूर्ति करने का हवाहवाई दावा करनेवाले मजीप्रा के अभियंता अब 6-6 दिन की आड में जलापूर्ति करने की तैयारी कर रहे है. जिससे यह स्पष्ट होता है कि, मजीप्रा में किस तरीके से काम चल रहा है. अपने कार्यालय में अपनी कुर्सी पर बैठकर मजीप्रा के अधिकारियों द्वारा बैठे-बैठे ही कयास लगाए जा रहे है कि, यदि मुख्य जलवाहिनी के जरिए अतिरिक्त पानी खींचा गया तो पाइप लाइन फूट जाएगी. लेकिन विगत कई वर्षों से अस्तित्व में रहनेवाली इस समस्या के समाधान हेतु मजीप्रा द्वारा कोई सुक्ष्म नियोजन नहीं किया जा रहा है. बल्कि अब एक-एक दिन की आड में जलापूर्ति करने की बजाए 6-6 दिन की आड में जलापूर्ति करने का नियोजन किया जा रहा है.
* हर साल ही आती है गर्मी
मजीप्रा के अधिकारियों द्वारा दलिल दी जा रही है कि, गर्मी के मौसम दौरान कूलर में भरने, वृक्षों में डालने तथा वाहन धोने के लिए पानी का प्रयोग काफी अधिक बढ जाता है. परंतु गर्मी का मौसम तो हर साल ही आता है. संभवत: यह बात मजीप्रा के अभियंता बाकी पूरे सालभर के दौरान भूल जाते है और ऐन फरवरी व मार्च माह ही मजीप्रा के अभियंताओं को गर्मी के मौसम की याद आती है. साथ ही इस बार तो मजीप्रा के अभियंताओं ने गर्मी के मौसम का हवाला देकर 6 दिन की आड में जलापूर्ति करने का कारनामा भी कर दिखाया है.
* जलापूर्ति का टाइम टेबल कब?
अमरावती व बडनेरा शहर में मजीप्रा की ओर से जलापूर्ति का कोई नियोजन नहीं है. इसके चलते कभी रात 12 से 1 बजे के बाद जलापूर्ति की जाती है. ऐसे में वक्त-बेवक्त होनेवाली जलापूर्ति की वजह से लोगों को काफी समस्याओं व दिक्कतों का सामना करना पड रहा है.

* अमृत योजना को पूर्ण होने में लगेंगे ढाई साल
अमरावती हेतु मंजूर अमृत योजना के दूसरे चरण को पूरा होने में करीब दो से ढाई साल का समय लगेगा. इस योजना में जलवाहिनी के लिए नए स्टील पाइप डाले जाएंगे. साथ ही नया जलशुद्धीकरण केंद्र बनाते हुए रिहायसी बस्तियों जलवाहिनी व जलकुंभ साकार किए जाएंगे.

* सांसद व विधायक द्वारा ध्यान देना जरुरी
गर्मी के मौसम में नागरिकों की ओर से जलापूर्ति को लेकर होनेवाली मांग की ओर अब सांसद एवं विधायक द्वारा ध्यान दिए जाने की स्थिति पैदा हो गई है. रात-बेरात के समय और वक्त-बेवक्त होनेवाली जलापूर्ति कुछ विशेष क्षेत्रों में ही पानी की नियमित आपूर्ति, अधिकारियों व कर्मचारियों की आपसी मिलिभगत तथा ठेका कर्मियों की मनमानी पर नियंत्रण लगाया जाना बेहद जरुरी है.

* मजीप्रा ने अब दो दिन की आड में जलापूर्ति करने का टाइम टेबल निश्चित किया है. जिसके अनुसार नल के जरिए एक दिन की बजाए अब दो दिन की आड में जलापूर्ति की जाएगी. गर्मी के मौसम दौरान पानी की मांग में अच्छी-खासी वृद्धि हो जाती है. परंतु अप्पर वर्धा से अमरावती के बीच डाली गई मुख्य जलवाहिनी काफी पुरानी हो चुकी है. जिसके जरिए अतिरिक्त पानी खींचकर नहीं लाया जा सकता. ऐसे में मांग के अनुरुप पानी की आपूर्ति करना संभव नहीं है. जिसकी वजह से गर्मी के मौसम दौरान एक दिन बजाए अब दो दिन की आड में जलापूर्ति करने का नियोजन किया जा रहा है.
– संजय लेवरकर
उपकार्यकारी अभियंता,
मजीप्रा, अमरावती.

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