कोई बात नहीं छिपाई थी, जो खरीदा ही नहीं, उसकी जानकारी कैसे देता
राज्यमंत्री बच्चु कडू ने सामने रखा अपना पक्ष
* ‘उस’ फ्लैट के बारे में दी जानकारी
अमरावती/दि.12– गत रोज अचलपुर के प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी द्वारा राज्यमंत्री बच्चु कडू को अपने चुनावी नामांकन पत्र के साथ पेश किये गये हलफनामे में अपनी संपत्ति का ब्यौरा छिपाने को लेकर दोषी पाया गया. साथ ही दो माह के कारावास तथा 25 हजार रूपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई. जिसे लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए राज्यमंत्री बच्चु कडू ने कहा कि, यद्यपि वह न्याय व्यवस्था और अदालती फैसले का सम्मान करते है, लेकिन गत रोज जो फैसला हुआ वह कई लिहाज से गलत और अन्यायकारक है.
राज्यमंत्री बच्चु कडू के मुताबिक जिस फ्लैट को लेकर यह पूरा बखेडा है, हकीकत यह है कि, उन्होंने उस फ्लैट को कभी खरीदा नहीं था, बल्कि राज्य में कांग्रेस की सरकार रहते समय तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा राज्य के सभी विधायकों को राजयोग सोसायटी में फ्लैट आवंटित किये गये थे और उन फ्लैटस् को अपने नाम पर करने के लिए हमें बैंक ऑफ महाराष्ट्र का कर्ज भी अदा करना था. चूंकि वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले वे उस फ्लैट का कर्ज अदा कर रहे थे. अत: उन्होंने अपने नामांकन पत्र में उस कर्ज का उल्लेख किया था. वहीं चूंकि उस समय वह फ्लैट उनके नाम पर ही नहीं हुआ था. ऐसे में उस फ्लैट का उल्लेख नामांकन पत्र में करना रह गया. उधर एक तरह से हलफनामा तैयार करते समय हमारी ओर से हुई एक छोटी सी भूल थी. जिसका बहुत बडा मुद्दा बना दिया गया. जिसके पीछे पूरी तरह से राजनीति काम कर रही थी.
राज्यमंत्री बच्चु कडू के मुताबिक इस मामले को लेकर जिस व्यक्ति ने शिकायत दर्ज करायी, वह चांदूर बाजार से वास्ता रखता है, खुद वे भी चांदूर बाजार तहसील के निवासी है और उन्होंने अचलपुर तहसील कार्यालय में अपना नामांकन प्रस्तुत किया था. ऐसे में या तो मामले की शिकायत अचलपुर में दर्ज करायी जाती, या फिर चांदूर बाजार में, लेकिन मामले को लेकर शिकायत दर्ज करायी गई अचलपुर के पुलिस थाने में. यहीं से इस पूरे मामले को लेकर राजनीतिक गडबडी को समझा जा सकता है. राज्यमंत्री बच्चु कडू के मुताबिक किसी समय अजय आखरे चांदूर बाजार में थानेदार हुआ करते थे. जिन पर गरीब किसानों को सताने और उनसे पैसा वसूल करने के आरोप लगे थे. जिसके खिलाफ खुद उन्होंने आवाज उठायी थी और अजय आखरे का चांदूर बाजार से तबादला हुआ था. इस बात की खुन्नस अजय आखरे पहले से खाये हुए थे. साथ ही मूलत: नागपुर से वास्ता रखनेवाले अजय आखरे के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी बेहद नजदिकी संबंध रहे है और जब राज्य में भाजपा की सरकार बनी तथा उन्होंने विपक्ष में बैठकर नागपुर से वास्ता रखनेवाले तत्कालीन मुख्यमंत्री के खिलाफ भूमिका अपनायी, तब उनके खिलाफ एक षडयंत्र रचा गया. जिसके तहत अचलपुर में दर्ज किये गये नामांकन को लेकर चांदूर बाजार के भाजपा पार्षद द्वारा आसेगांव के पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करायी गई. इससे पूरे मामले को समझा जा सकता है.
राज्यमंत्री बच्चु कडू ने इस बात को लेकर भी हैरत जतायी कि, जिस मामले को लेकर निर्वाचन याचिका दायर की जानी थी. जिस पर हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट जैसी बडी अदालत में ही सुनवाई होती, उस मामले को लेकर तहसील स्तर पर दिवाणी कोर्ट में सुनवाई और फैसला कैसा हुआ, यह अपने आप में एक सबसे बडा सवाल है. उन्होंने इस बात को लेकर कोर्ट के समक्ष भी अपनी आपत्ति दर्ज करायी थी. जिसे अदालत ने आश्चर्यजनक तरीके से खारिज कर दिया. चूंकि वे न्याय व्यवस्था का सम्मान करते है. अत: उन्होंने कल अदालत का फैसला आते ही तुरंत जुर्माने की राशि अदा की और जमानत प्राप्त की. वहीं अब वे इस फैसले को उपरी अदालत में निश्चित तौर पर चुनौती देंगे.
* अवमानना याचिका भी दायर करेंगे
राज्यमंत्री बच्चु कडू ने कहा कि, कुछ लोगों द्वारा अपने फायदे के लिए उनकी ईमानदार प्रतिमा को मलीन करने का प्रयास किया गया. साथ ही इस चक्कर में विधायक व राज्यमंत्री पद का भी अपमान हुआ है. ऐसे में वे चांदूर बाजार कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के साथ-साथ उपरी अदालत में एक अवमानना याचिका भी दायर करेंगे. जिसमें इस पूरे मामले का औचित्य पर भी सवाल उठाया जायेगा. राज्यमंत्री बच्चु कडू ने यह भी बताया कि, जिस फ्लैट को लेकर यह पूरा हंगामा मचा हुआ है, वे उस फ्लैट पर रहनेवाले बैंक ऑफ महाराष्ट्र का कर्जा भी अदा नहीं कर पा रहे थे. अत: उन्होंने काफी पहले ही उस फ्लैट से अपना दावा छोडकर उसे सोसायटी को वापिस लौटा दिया और सोसायटी द्वारा वह फ्लैट अब किसी अन्य को दे दिया गया है. उस फ्लैट की कुल कीमत बडी मुश्किल से 25-30 लाख रूपये के आसपास थी. जिसे शिकायत में करोडों रूपये का फ्लैट बताया गया है और ऐसा करते हुए आम जनमानस में उनकी प्रतिमा को खराब करने का काम किया गया है. जिसके खिलाफ वे निश्चित तौर पर आवश्यक कदम उठायेंगे.