अमरावती विद्यापीठ के 226 महाविद्यालयों का ‘ नो नैक’
पंजीयन के लिए 7 लाख का शुल्क पड रहा भारी
अमरावती/दि.26– संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ से कुल 405 महाविद्यालय संलग्नित है. परंतु इनमें से 226 महाविद्य ालयों ने इन्स्टीयूशनल इन्फार्मेशन फॉर क्वालिटी असेसमेंट यानी आयआयक्यूए की रिपोर्ट को ‘नैक’ के पास प्रस्तुत नहीं किया है. जिनमें 208 बिना अनुदानित तथा 18 अनुदानित महाविद्यालयों का समावेश है. 7 लाख रूपयों का पंजीयन शुल्क रहने के चलते बिना अनुदानित महाविद्यालयों के संस्था संचालकों द्बारा ‘नैक’ की ओर पीठ दिखाई जा रही है. ऐसी हकीकत सामने आयी है.
बता दें कि केन्द्रीय विद्यापीठ अनुदान आयोग की गाइड लाइन के अनुसार अनुदानित व बिना अनुदानित महाविद्यालयों के राष्ट्रीय मूल्यांकन व प्रमाणन परिषद (नैक) से मानांकन हासिल करना अनिवार्य है. जिसके तहत संगाबा अमरावती विवि से संलग्नित 143 अनुदानित महाविद्यालयों ने नैक का मानांकन प्राप्त कर लिया हैं. परंतु 18 अनुदानित महाविद्यालयों द्बारा अब तक नैक मानांकन हासिल नहीं किया गया हैं. इसी तरह 238 बिना अनुदानित महाविद्यालयों मेंं से करीब 208 महाविद्यालयों ने अब तक नैक मूल्यांकन नहीं करवाया हैं. नवंबर 2023 तक कुल 186 महाविद्यालयों का नैक मूल्यांकन हो चुका है और अब तक 225 महाविद्यालयों ने नैक मूल्यांकन के लिए आवेदन ही पेश नहीं किया हैं.
ज्ञात रहे कि प्रत्येक 5 वर्ष के दौरान महाविद्यालयों द्बारा नैक मूल्यांकन करने का नियम परंतु कई संस्था चालकों द्बारा नैक मूल्यांकन को लेकर अच्छी खासी उदासीनता दर्शाई जाती हैं.
* कुल 143 अनुदानित महाविद्यालयों की ओर से इन्स्टीट्यूशनल इन्फार्मेशन फॉर क्वालिटी असेसमेंट रिपोर्ट प्राप्त हुई है. वहीं 208 बिना अनुदानित एवं 18 अनुदानित महाविद्यालयों ने अब तक नैक की प्रक्रिया नहीं की है. सरकारी निर्देशानुसार संबंधित संस्था चालकों को इस संदर्भ में अवगत करा दिया गया हैं. परिस्पर्श योजना के तहत नैक नहीं रहने वाले महाविद्यालयों को विद्यापीठ व सरकार की ओर से इस हेतु अनुदान मिलता हैं. जिसका संबंधित संस्था चालकों ने लाभ लेना चाहिए.
डॉ. संदीप वाघुले,
संचालक, आईक्यूसी विभाग
संगाबा अमरावती विद्यापीठ
* पहले से अस्तित्व में रहनेवाले महाविद्यालयों को प्रत्येक 5 वर्ष के बाद तथा नये महाविद्यालयों को 2 बैच के बाद अपने महाविद्यालय का नैक मूल्यांकन करवाना होता है. महाराष्ट्र विद्यापीठ कानून में इसका प्रावधान हैं. महाविद्यालय के लिए विद्यापीठ से मान्यता प्राप्त करते समय संस्था चालको को इस आशय का प्रतिज्ञापत्र भी देना होता है. परंतु अमरावती विद्यापीठ से संलग्नित 208 बिना अनुदानित तथा 18 अनुदानित महाविद्यालयों का नैक मूल्यांकन ही नहीं हुआ है. यह अपने आप में बेहद गंभीर मामला है. नैक पंजीयन के लिए 7 लाख रूपए का शुल्क लिया जाता है. जिसके चलते बिना अनुदानित महाविद्यालयों द्बारा नैक मूल्यांकन की अनदेखी की जाती है.