अमरावतीमहाराष्ट्र

आदिवासी समाज के अन्याय के विरोध में कोई आवाज नहीं उठाता

ट्रायबल फोरम के अध्यक्ष एड. प्रमोद घोडाम का जनप्रतिनिधियों पर आरोप

* आदिवासी संघर्ष समिति की संविधान सन्मान आदिवासी न्याय हक्क परिषद हुई
अमरावती/दि.11– विविध जातियों द्वारा अनुसूचित जनजाति में आरक्षण की मांग की जा रही है. न्यायालय में सुनवाई भी जारी है. इसे संवैधानिक रुप से लिया नहीं जा सकता. इसके बावजूद विविध जाति धर्म के लोग आदिवासियों पर अन्याय कर रहे है. देश के संसद और विधि मंडल में समाज का प्रतिनिधित्व करनेवाले अनेक नेता भी ऐसे विषयों पर खामोश बैठे हुए है. अपने ही समाज के जनप्रतिनिधियों से हमें यह भी पूछना चाहिए की उन्होंने अन्याय के विरोध में कब और कितनी बार आवाज उठाई, ऐसा प्रतिपादन ट्रायबल फोरम के अध्यक्ष एड. प्रमोद घोडाम ने किया.

स्थानीय पंचवटी चौक स्थित विमलताई देशमुख सभागृह में रविवार को आयोजित आदिवासी संघर्ष समिति की संविधान सन्मान आदिवासी न्याय हक्क परिषद में मार्गदर्शन करते हुए वें बोल रहे थे. इस परिषद का उद्घाटन ऑल इंडिया आदिवासी एम्लॉईज फेडरेशन के प्रदेश सचिव प्रा. मधुकर उईके के हाथों किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक आमशा पाडवी ने की. प्रमुख अतिथि के रुप में अकोला के सामाजिक कार्यकर्ता विजयसिंह सोलंके, तक्षक्षिला महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. कमलाकर पायस, अखिल भारतीय विकास परिषद के प्रदेशाध्यक्ष रावसाहेब चव्हाण, जनता दल आजाद नांदुरा के महासचिव श्रीकृष्ण राठोड, चेतन मसराम, मंगला सोलंके, अजाबराव उईके आदि उपस्थित थे. एड. घोडाम ने कहा कि, आदिवासी समाज को 1950 में घोषित संविधान के मुताबिक जो अधिकार प्राप्त है उस पर अतिक्रमण किया जा रहा है. जबकि घटना की विविध धाराओं में स्पष्ट उल्लेख है कि आदिवासी समाज के अधिकारो का हनन नहीं किया जा सकता. फिर भी हमें निचा दिखाने का प्रयास किया जाता है. अब सरकार विविध जातियों भडकाकर उन्हें आदिवासियों के उनका अधिकार छिनने का प्रयास बार-बार किया जा रहा है. हमने अपने अधिकार के लिए अनेक आंदोलन किए. संवैधानिक रुप से जिन विषयों पर बदलाव नहीं हो सकता उन्हें बदलने का प्रयास सरकारने नहीं करना चाहिए. अब सरकार कोई भी रही तो हम उसका विरोध करेंगे. अपने हक के लिए हम लडने तैयार रहने की चेतावनी भी एड. प्रमोद घोडाम ने इस अवसर पर दी.
इस अवसर पर महिला प्रतिनिधि मंगला सोलंके, सामाजिक कार्यकर्ता विजयसिंह सोलंके, चेतन मसराम सहित अन्य अतिथियों ने अपने समयोचित विचार व्यक्त किए. आगामी समय में सभी ने समाज के उत्थान के लिए कार्य करने की सलाह दी. कार्यक्रम का संचालन सोनाली व धनराज पवार ने किया. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन व प्रतिमा का पूजन कर की गई. प्रास्ताविक आदिवासी संघर्ष समिति के अर्जून युवनाते ने किया. इस अवसर पर समिति के रोहित झाकर्डे, नलिनी सिडाम, संतोष वलके, विलास वानखडे, दिलीप गेडाम, नरेश गेडाम, पवन वाडवे, सुखेदव सोलंके, विलास पवार, कमलनारायण उईके, प्रवीण पवार, प्रा. महेंद्र कोडापे, दशरथ गायकी, अग्निलाल मावस्कर, ऋषिकेश लावरे, पवनसिंग तुमडाम, जयकिसन धुर्वे, अतुल परतेकी, पिंटू सोलंके, वैभव लोखंडे, राजू काले, शंकर सिरसाम, सुंदरलाल उईके सहित बडी संख्या में आदिवासी बंधू उपस्थित थे.

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