अमरावती

विकल्प नहीं, पुरानी पेंशन योजना का ही दें लाभ

पेंशन संगठन की मांग, राज्य कार्यकारिणी की हुई बैठक

अमरावती/दि.22– राज्य सरकार की सेवा में शामिल कर्मचारी तय आयुसीमा के बाद सेवानिवृत्त होते है. सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें दी जाने वाली पेंशन योजना संबंध में सरकार ने समिति नियुक्त की है. इस समिति के समक्ष संगठन ने अपनी व्यथा रखी है. विकल्ल नहीं हमें 1982-1984 की पुरानी पेंशन योजना ही लागू करें, यह मांग की गई है, यह जानकारी संगठन के राज्याध्यक्ष वितेश खांडेकर ने दी.
साल 2024 पूर्व पुरानी पेंशन योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए कृति कार्यक्रम व आंदोलन के नियोजन संबंध में बैठक में विचार मंथन किया गया. नागपुर के शीत अधिवेशन पर भव्य पेंशन मोर्चा, इसके बाद राज्य में सभी कर्मचारी संगठनों की की हडताल को कर्मचारियों ने दिए समर्थन के कारण ही मृत कर्मचारियों के परिवारों को न्याय लिा है. पुरानी पेंशन योजना ही कर्मचारी के हितार्थ है. इसलिए अन्य विकल्प न स्विकारते हुए पुरानी पेंशन योजना के लिए आग्रही रहने की बात तय की गई. हडताल के बाद गठित की गई समिति की अवधि 14 जून को खत्म होने वाली है. इसके बाद सीधे 1982-1984 की पुरानी पेंशन योजना संबंध में तुरंत निर्णय नहीं हुआ तो सभी कर्मचारी व अधिकारी संगठनों द्वारा आंदोलन किया जाएगा, ऐसा पेंशन संगठन के जिलाध्यक्ष गौरव काले, अमरावती विभागीय अध्यक्ष मिलींद सोलंकी ने बताया. बैठक में राज्य महासचिव गोविंद उगले, कार्याध्यक्ष आशुतोष चौधरी, नामदेव मेटांगे, सुनील दुधे, संजय सोनार, विनायक चौथे, मनिष मडावी, संतोष देशपांडे, सागर खाडे, अनिल वाकडे, मिलींद सोलंके, शैलेश राउत, अतुल कडू, मुरली टेकोडे, आंदोलन प्रमुख नदीम पटेले समेत जिलाध्यक्ष, राज्य व विभागीय पदाधिकारी उपस्थित थे. बैठक का नियोजन अमरावती जिला अध्यक्ष गौरव काले, प्रज्वल घोम, यश बहिरम, रितेश जगताप, प्रवीण निंभोरकर, आशीष ढवले, आशीष साव, अमोल दांडगे, राकेश काले, राजेश वानखउे, सुधीर जाणे, भावना राउत, योगिता वाकोडे, प्राजक्ता मशिदकर, संचिता गोगटे, प्रीति दिवान ने किया.

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