अमरावती

31 को न भूतो न भविष्यति आयोजन

अमरावती से भातकुली पदयात्रा रथोत्सव

* मुनी श्री पूज्य सागर जी और एलक धैर्य सागर जी का मार्गदर्शन
* 500 ध्वजवाहक, 225 कमल दल, 24 धर्मचक्र, 10 बग्गियां, 10 से अधिक डीजे
* इंद्र और इंद्राणी, 18 किमी चलेंगे पैदल
अमरावती/दि. 28– अंबानगरी में वर्ष 2023 में सभी आयोजन न भूतो न भविष्यति तर्ज पर हो रहे हैं. इसी कडी में अगला आयोजन अमरावती से 18 किमी की भातकुली अतिशय क्षेत्र की पदयात्रा रथोत्सव का आयोजन रविवार 31 दिसंबर को किया गया है. जिसमें हजारों जैन बांधव-भगिनी तो उत्साह से सहभागी होंगे ही. 10 बग्गियां, इतने ही डीजे और सैकडों ध्वज वाहक एवं कमल दल होंगे. संत शिरोमणि आचार्य विद्या सागर महाराज के आशीर्वाद एवं वात्सल्य मूर्ति मुनी श्री पूज्य सागर जी व एलक श्री धैर्य सागर जी महाराज के मार्गदर्शन में होने की जानकारी आज पूर्वान्ह स्वयं महाराज जी ने अमरावती मंडल को दी.

* वर्षो बाद आयोजन
अमरावती परकोटे के भीतर स्थित परवार जैन मंदिर से भातकुली में देवाधिदेव आदिनाथ भगवान का महामस्तकाभिषेक करने के लिए हजारों दिगंबर जैन बंधु-भगिनी पैदल जाएंगे. 1 जनवरी को भगवान का महामस्तकाभिषेक होगा. वर्षो बाद 18 किमी की भव्य दिव्य पदयात्रा का आयोजन किया गया है.

* देव, शास्त्र, गुरु का सानिध्य
पदयात्रा का मुख्य आकर्षण देव, शास्त्र, गुुरु का सानिध्य रहेगा. उसी प्रकार रथ, पालखी, बग्गी, घोडागाडी, घोडे तो रहेंगे ही अनेक ढोल पथक, 10 डीजे, अनेक प्रकार के बैंड पथक, रथ उत्सव को सुशोभित करेंगे.

* 500 ध्वज वाहक
पद यात्रा के लिए लगभग 500 पुरुष हाथों में धर्मध्वजा लेकर पैदल चलेंगे. जो यात्रा उपरांत लाकर अपने घरों पर लगानी है. इससे घर की नकरात्मक उर्जा खत्म हो जाएगी. उसी प्रकार जैन की पहचान भी होगी.

* 51 महिलाएं मंगलकलशधारी
पदयात्रा में 51 महिलाएं मंगल कलश लेकर चलेगी. कलश में मंगल द्रव्य रहेगा. मंत्रोच्चार से सिद्ध मंगल कलश भी प्रत्येक महिला अपने घर ले जा सकती हैं. जिसमें सभी का मंगल होने की भावना रहेगी. इन महिलाओं को लाल साडियों का परिधान करने कहा गया है.

* 251 महिलाओं के हाथों में कमल
ऐसे ही 251 महिलाएं हाथों में कमल लेकर चलेगी. जैन धर्म का उद्घोष करते हुए चलना है. कमल भी मंदिर से उपलब्ध कर देने की जानकारी देते हुए बताया गया कि इससे प्राप्त राशि संत भवन निर्माण हेतु उपयोग में लाई जाएगी. कमल लेने वाली महिलाएं पीली साडियां परिधान करेंगी. समता का भाव रहेगा.

* डांडिया और लेझिम भी
पदयात्रा को सुंदर स्वरुप देने के लिए अनेकानेक ढोल, बैंड पथक के साथ ही डांडिया और लेझिम के दल रहेंगे. समाज की ही महिलाएं डांडिया पथक में होगी. लेझिम में भी वे सहभाग ले सकते हैं.

* पांढरी में स्वागत, आहार
18 किमी का लंबा रुट होने से पदयात्रा रविवार 31 दिसंबर को सवेरे ठीक 7 बजे रतन भवन से प्रस्थान करेगी. पदयात्रा का पांढरी में सवेरे 10 बजे पहुंचने का कार्यक्रम है. वहां स्वागत होगा. उसी प्रकार सभी के लिए आहार का प्रबंध किया गया है. सभी बंधु-भगिनी से पदयात्रा में उत्साह से सहभागी होने का और पुण्य लाभ लेने का आहवान सकल जैन समाज, अमरावती में किया है.

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