अमरावती/दि.16– कोरोना वैक्सिनेशन अभियान के तहत 18 से 59 आयु गुट के व्यक्तियों को बुस्टर डोज के लिए पात्र करार दिया गया है. वैसे मैसेज भी संबंधित लाभार्थियों को भेजे गये है. लेकिन जिले में प्राइवेट वैक्सिनेशन सेंटर शुरु ही नहीं हो पाये. एक ओर सरकारी वैक्सिनेशन केंद्रों पर लोग नहीं पहुंच रहे है, जिससे किसी भी प्राइवेट अस्पताल द्बारा वैक्सिनेशन शुरु नहीं किया गया. वैक्सिन के डोज खराब जाने के डर से प्राइवेट वैक्सिनेशन की ओर अनदेखी की जा रही है.
स्वास्थ्य विभाग ने वैक्सिनेशन को बढावा देने के अंतर्गत निजी वैक्सिनेशन सेंटर शुरु करने की घोषणा की. लेकिन इस घोषणा के एक महीने बाद भी अधिकांश जिलों में केवल सरकारी वैक्सिनेशन सेंटर पर ही वैक्सिन उपलब्ध है. वैक्सिनेशन की शुरुआत में कुछ निजी केंद्रों को वैक्सिनेशन की अनुमति दी गई थी. जिसके लिए संबंधित निजी वैक्सिनेशन सेंटर द्बारा वैक्सिन का स्टॉक खरीदा गया, लेकिन अधिकांश लोग केवल सरकारी वैक्सिनेशन सेंटर से ही वैक्सिन लगा रहे है, जिससे निजी वैक्सिनेशन सेंटर को कम प्रतिसाद मिल रहा है. यहीं वजह है कि, निजी वैक्सिनेशन सेंटर के लिए कोई आगे ही नहीं आ रहा.
* वैक्सिन के नुकसान का डर
कोरोना वैक्सिन के प्रत्येक बोतल में 20 डोज रहते है. बोतल खोलने के 4 घंटे के भीतर उस वैक्सिन का इस्तेमाल होना बंधनकारक है. लेकिन कई सेंटरों पर दिन भर में केवल 8 से 10 लोग ही वैक्सिन लेने आते है. जिससे वैक्सिन का नुकसान होने का डर रहता है. वहीं वैक्सिनेशन के लिए नियुक्त मनुष्यबल भी बेकार में व्यस्त रहता है. यहीं वजह है कि, निजी वैक्सिनेशन सेंटर शुरु करने में आनाकानी हो रही है.