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सागौन तस्करी प्रकरण में वन अधिकारियों व्दारा संदिग्धों से कोई पूछताछ नहीं

परतवाडा के पेट्रोल पंप संचालक ने अधिकारियों को सीसीटीवी फुटेज देने से किया इंकार

परतवाडा/दि.15 – महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश आंतरराज्यीय सागौन तस्करी में पकडे गए वाहन मामले में परतवाडा के एक पेट्राल पंप संचालक ने मध्यप्रदेश के वन अधिकारियों को सीसीटीवी फुटेज देने से इंकार किया हैं. इस प्रकरण में शामिल परतवाडा के छह संदिग्धों से वन अधिकारियों ने अब तक कोई पूछताछ नहीं की है यह विशेष.
महाराष्ट्र सीमा के वन अधिकारियों ने अपने सीमाक्षेत्र में अवैध सागौन सहित इस तस्करी में पकडा गया वाहन और चालक को घटना के 24 घंटे के भीतर मध्यप्रदेश वन विभाग के अधिकारियों के हवाले कर दिया था. इस घटना के बाद मध्यप्रदेश वन विभाग व्दारा जांच आगे न बढाए जाने से तरह-तरह की चर्चा शुरु हो गई हैं. परतवाडा वन परिक्षेत्र के मौजा वरुडा में नाकाबंदी के दौरान 19 नवंबर की रात 10.30 के दौरान मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प अंतर्गत सिपना वन्यजीव विभाग के सहायक वन संरक्षक कलेश पाटील और उसके दल ने एमएच-27 एक्स-7242 क्रमांक का मालवाहक वाहन और एमएच-27 सीएस-7452 क्रमांक की दुपहिया कब्जे में ली थी. इस घटना में किसी भी तरह का मामला वन्यजीव विभाग सहित परतवाडा वनक्षेत्र अंतर्गत दर्ज नहीं किया गया हैं. सागौन से भरा वाहन रात में पकडे जाने के बाद दूसरे दिन सुबह होने के पूर्व मध्यप्रदेश वन विभाग के अधिकारियों ने माल सहित वाहन और चालक को अपने कब्जे मेें ले लिया. पश्चात सावलमेंढा वनपरिक्षेत्र अंतर्गत 20 नवंबर को मामला दर्ज किया. इस प्रकरण में वाहन चालक को गिरफ्तार दिखाया गया और बैतूल न्यायालय में प्रकरण दाखिल किया.

* परतवाडा के छह संदिग्ध
सागौन तस्करी के इस प्रकरण में परतवाडा के छह संदिग्धों का समावेश हैं. लेकन मध्यप्रदेश वनविभाग की तरफ से इसमें के किसी भी संदिग्ध से पूछताछ नहीं की गई हैं.

* बिना फुटेज देखे अधिकारी वापस लौटे
सागौन तस्करी में पकडा वाहन परतवाडा का हैं. तस्करी के लिए रवाना होने के पूर्व इस वाहन ने परतवाडा शहर के एक पेट्रोल पंप पर डीजल भरा रहने की जानकारी मध्यप्रदेश वन अधिकारियों के पास हैं. इस कारण यह अधिकारी पांच दिन पूर्व परतवाडा के संबंधित पेट्रोल पंप पर पहुंचे. वहां के सीसीटीवी फुटेज देखने और उसे प्राप्त करने का प्रयास भी इन अधिकारियों ने किया. लेकिन यह फुटेज उपलब्ध नहीं है 72 घंटे में वह डिलिट होते है, ऐसा पेट्रोल पंप संचालक व्दारा कहे जाने पर संबंधित वन अधिकारी वापस लौट गए.

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