* बारिश से फसलों का नुकसान
अमरावती/ दि.5 – अंग्रेजी नववर्ष शुरु होते ही ठंड ने जोर पकड लिया. तापमान में 4-5 डिग्री की गिरावट आ गई. यहां तक ठीक था. किंतु अनेक भागों में बूंदाबांदी से लेकर हल्की बारिश होने से ठिठुरन बढ गई. अब मौसम तज्ञों का कहना है कि, 10 जनवरी तक यहीं आलम रहेगा. बादल छटने के बाद एक बार फिर ठंड बढेगी. उधर खेती-किसानी से संबंध रखने वाले लोग बारिश के कारण फसलों के चौपट होने का अंदेशा व्यक्त कर रहे हैं. उनका कहना है कि, तुअर, कपास, चना सभी के लिए यह बेमौसम बरसात ठीक नहीं.
दर्यापुर, मोझरी में बरसात
दर्यापुर, मोझरी में हल्की से तेज बारिश की खबर है. ऐसे ही शहर के भी अनेक भागों में आज सबेरे बूंदाबांदी हुई. प्रशासन ने बताया कि, अचलपुर, परतवाडा, चांदूर बाजार, अंजनगांव, दर्यापुर, धारणी, चिखलदरा, तिवसा, मोर्शी, भातकुली, नांदगांव खंडेश्वर, नांदगांव पेठ सभी भागों में आसमान पर बादलों का डेरा है. इसके कारण भी ठंड का ऐहसास तेज हो गया है. क्योंकि सूर्यदेव बादलों की ओट में छिपे हैं.
* अधिकतम तापमान में गिरावट
मौसम विशेषज्ञ प्रा. अनिल बंड ने बताया कि, अधिकतम तापमान में करीब 5 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है. यह सिलसिला 10 जनवरी तक रहेगा, हालांकि इसके बाद भी जाडे का जोर कम नहीं पडेगा. बल्कि कुछ भागों में पारा 10 डिग्री से नीचे आ जाएगा. बादलों के कारण शहर और जिले में अधिकांश स्थानों पर शीतलहर का नजारा हैं.
* दिसंबर गर्म, जनवरी में जाडा
इस बार दिसंबर में अपेक्षित ठंड नहीं पडी. बल्कि दिसंबर को विदर्भ में तापमान के लिहाज से गत सात वर्षों में अपेक्षाकृत गर्म दिसंबर की संज्ञा दी गई. उस समय के मौसम से स्वेटर, गर्म कपडे के कारोबारी चिंतित हो गए थे. जनवरी में उनके चेहरे पर मुस्कान आ गई. क्योंकि ठंड लौट आयी है. गर्म कपडों की डिमांड बढी है. शहर और जिले की सभी तहसीलों में स्वेटर और उनी वस्त्रों की खरीददारी बढती देखी गई.
* फसलों के लिए नुकसानदेह
जाडे के मौसम में बरसात आने का कुछ वर्षों का सिलसिला है. कभी-कभी तो ओले भी गिरे हैै. चना और तुअर के साथ कपास जैसी फसल के लिए इन दिनों की बारिश नुकसानदेह रहने की जानकारी कृषितज्ञ ने दी. उन्होंने आशंका से इंकार नहीं किया कि, कपास और तुअर के उत्पादन पर बडा असर पड सकता है. यह भी कहा जा रहा है कि, तुअर पर आयी रोग की मार भी उसकी पैदावार काफी कम करने वाली है.