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जिला बैंक में नहीं हुआ कोई घोटाला, 700 करोड व ब्याज की रकम अब भी बैंक में ही

सहकार पैनल के नेता व पूर्व अध्यक्ष बबलू देशमुख ने दी पत्रवार्ता में जानकारी

* 3.39 करोड रूपयों को बताया वसूल पात्र, 6 माह के भीतर रकम वापिस लाने का दावा

* प्रशासक के कार्यकाल में बैंक का सत्यानाश होने की बात कही

अमरावती/दि.1- जिस बैंक को हमने 11 साल तक बडे शानदार ढंग से चलाया, उसी बैंक का प्रशासक के कार्यकाल में पूरी तरह से सत्यानाश कर दिया गया. इस समय विरोधियों द्वारा हम पर 700 करोड रूपयों का निवेश करते हुए उसकी ऐवज में 3.39 करोड रूपयों की दलाली खाने का आरोप लगाया गया है, लेकिन हकीकत यह है कि 700 करोड रूपयों की रकम और उसका ब्याज इस समय बैंक में ही मौजूद है. वहीं म्युच्युअल फंड कंपनी द्वारा दिये गये 3.39 करोड रूपयों की रकम पूरी तरह से वसूलपात्र है और बैंक की सत्ता में आते ही हम अगले छह माह के भीतर उस रकम को वसूल कर बैंक में लायेंगे. इस आशय का दावा जिला बैंक के पूर्व अध्यक्ष तथा सहकार पैनल के नेता व प्रत्याशी बबलू देशमुख द्वारा किया गया.
सहकार पैनल की ओर से अपना पक्ष स्पष्ट करने हेतु शुक्रवार को बुलायी गई पत्रकार परिषद में उपरोक्त दावा करने के साथ ही बबलू देशमुख ने कहा कि, बैंक में एक रूपये का भी भ्रष्टाचार नहीं हुआ है. किंतु विरोधियों द्वारा बैंक के 1 हजार 600 मतदाताओं तक ऑडिट बुक भेजते हुए उन्हें द्विगभ्रमित करने का काम किया जा रहा है, लेकिन जिला बैंक के किसान मतदाता पूरी तरह से जागरूक व समझदार है और उन्हें बेहतरीन तरीके से पता है कि, निवर्तमान संचालकोें द्वारा अपने कार्यकाल में बैंक और किसानों की भलाई के लिए कौन-कौन से कार्य किये गये. इस पत्रकार परिषद में बैंक के पूर्व अध्यक्ष बबलू देशमुख सहित जिला पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर, विधायक बलवंत वानखडे, राकांपा नेत्री सुरेखा ठाकरे, राकांपा के जिलाध्यक्ष सुनील वर्‍हाडे, जिप सदस्य बालासाहब हिंगणीकर, पूर्व विधायक वीरेंद्र जगताप, हरिभाउ मोहोड, प्रकाश कालबांडे, संतोष महात्मे तथा भाजपा नेता प्रमोद कोरडे उपस्थित थे.

* विरोधी चाहते थे बैंक में प्रशासक की नियुक्ति

इस समय अपने प्रतिस्पर्धियों को जमकर आडे हाथ लेते हुए बबलू देशमुख ने कहा कि, हकीकत में प्रतिस्पर्धियों को बैंक में चुनाव नहीं चाहिए था, बल्कि वे बैंक में प्रशासक की नियुक्ति करना चाहते थे. यहीं वजह है कि, अपना पांच वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने के बाद हमने खुद सहकार विभाग से बैंक के चुनाव करवाने का आग्रह किया. किंतु हार के डर से विरोधियों ने उस समय चुनाव नहीं होने दिया और बैंक पर प्रशासक बिठाया गया, लेकिन प्रशासक के कार्यकाल दौरान बैंक बर्बादी की कगार पर पहुंच गई. बबलू देशमुख के मुताबिक बैंक द्वारा वर्ष 2017 से 2019 के दौरान म्युच्युअल फंड में 700 करोड रूपयों का निवेश किया गया. जिसमें 3.39 करोड रूपयों की दलाली दिये जाने की बात ध्यान में आते ही हमने इस मामले में जिम्मेदारी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की और तीन दिन के भीतर 3.39 करोड रूपये बैंक में जमा कराने की बात कही. यह सबकुछ बैंक के रिकॉर्ड पर है. किंतु विरोधियों को कोई विषय चाहिए था और उन्होंने इसी बात को अपने प्रचार का मुद्दा बनाया. साथ ही तत्कालीन संचालकों के खिलाफ ईडी की जांच भी शुरू कर दी.

* हम थे, तो बैंक बची हुई है

इस पत्रवार्ता में बबलू देशमुख ने कहा कि, वर्ष 2005 में रिजर्व बैंक ने कर्ज वितरण पर पाबंदी लगाते हुए बैंक का लाईसेन्स भी रद्द कर दिया था. ऐसे में कर्मचारियों के वेतन का मामला गंभीर हो गया था. इस स्थिति में बैंक की सत्ता हाथ में आने के बाद सन 2010-11 में हमने बैंक को दुबारा लाईसेन्स दिलवाया और 50 करोड रूपये के पूंजीनिवेश से बैंक को ढाई हजार करोड रूपयों के पूंजीनिवेश तक पहुंचाया. वहीं इस दौरान बैंक में एक रूपये का भी भ्रष्टाचार नहीं हुआ. बबलू देशमुख के मुताबिक संचालक मंडल पर नियंत्रण रखने के लिए सरकार का भी एक अधिकारी बैंक में नियुक्त रहता है. ऐसे में कोई भी नियमबाह्य काम होने का सवाल ही नहीं उठता. साथ ही यदि कुछ भी नियमबाह्य होता दिखाई देता है, तो उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई भी की गई है.

* अपने गिरेबान में पहले झांककर देखे

इस समय जिला बैंक के पूर्व अध्यक्ष व सहकार पैनल के नेता बबलू देशमुख ने कहा कि, इस वक्त महिला सहकारी बैंक व पंजाबराव बैंक की क्या स्थिति है, यह विरोधियों द्वारा पहले देखा जाना चाहिए. उसके बाद उन्हें जिला मध्यवर्ती सहकारी बैेंक के बारे में बात करनी चाहिए. बबलू देशमुख ने विश्वास जताया कि, जिला बैंक के मतदाता बेहद जागरूकता और समझदारी के साथ काम करेंगे तथा सहकार पैनल के प्रत्याशियोें के पक्ष में ही मतदान करेंगे. जिसके दम पर आगामी चुनाव पश्चात जिला बैंक में सहकार पैनल की ही सत्ता आयेगी और मतदाता निश्चित तौर पर विपक्षियों को उनकी असली जगह दिखा देंगे.

14 से 15 सीटों पर मिलेगी जीत

इस समय बबलू देशमुख ने दावा किया कि विरोधियों द्वारा लाख प्रयास करने के बाद भी इस चुनाव में सहकार पैनल को 14 से 15 सीटों पर जीत मिलेगी और बैंक में सहकार पैनल की ही सत्ता आयेगी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, किसानों को कर्ज वितरण नहीं करने को लेकर विरोधियों द्वारा झूठा प्रचार किया जा रहा है. यदि किसी व्यक्ति के पास कर्ज लेने के लिए तमाम आवश्यक दस्तावेज नहीं है, तो कर्ज संबंधी मामले को कैसे पूरा किया जाता. इसके अलावा महज पांच मिनट में संचालक मंडल की सभा खत्म होने को लेकर किया गया आरोप भी पूरी तरह से बेसिरपैर का है, क्योेंकि संचालक मंडल की सभा में 50 से 60 विषय कार्यक्रम पत्रिका में हुआ करते थे. साथ ही हर आमसभा के प्रारंभ में पिछली सभा के कार्यवृत्तांत का वाचन भी करना होता है. जिसमें पांच मिनट से अधिक समय लगता है. ऐसे में इस आरोप में कोई तथ्य नहीं. इसके अलावा बबलू देशमुख ने यह भी कहा कि, बैंक में दो-तीन संचालक ऐसे भी थे, जिनके उन्होंने कभी चेहरे भी नहीं देखे. जबकि रजिस्टर में उनके हस्ताक्षर होते थे. ऐसे लोगों द्वारा केवल विरोध की राजनीति करने का प्रयास किया जा रहा है. किंतु विरोधियों द्वारा फैलाई जा रही गलतफहमी का बैंक के मतदाताओं पर कोई असर नहीं होगा.

* अशोभनीय है विरोधियों के आरोप, जिला बैंक किसी की निजी संपत्ति नहीं
वहीं इस पत्रवार्ता में उपस्थित राज्य की महिला व बालविकास मंत्री एड. यशोमति ठाकुर ने विरोधियों द्वारा लगाये जा रहे आरोपों को जमकर आडे हाथ लेते हुए कहा कि, विरोधियों द्वारा बेहद निम्नस्तर की भाषा का प्रयोग किया जा रहा है. जो जिले की संस्कृति के लिए ठीक नहीं है. साथ ही विरोधियों द्वारा इतनी अधिक गलतफहमियां फैलाई गई है कि उस पर उत्तर देना बेहद जरूरी हो गया है. उन्होंने कहा कि, जिला बैंक किसी की निजी संपत्ति नहीं है और इस समय केवल अमरावती व अकोला की जिला बैंक ही सबसे अच्छी स्थिति में है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, सोशल मीडिया पर वायरल की गई ऑडिओ क्लिप पूरी तरह से फर्जी है. किंतु फिलहाल चुनाव जारी रहने के चलते वे चूप है. किंतु चुनाव निपट जाने के बाद इसे लेकर मानहानी का दावा भी किया जायेगा.

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