अब तक कपास की सरकारी खरीदी शुरू होने के कोई संकेत नहीं
सीसीआय कर रहा खरीदी के मुहूर्त की प्रतीक्षा
* खुले बाजार में शुरू हो गई कपास की आवक प्रतिनिधि /दि.2 अमरावती- इस समय सोयाबीन का सीझन अच्छा-खासा चल रहा है. साथ ही साथ बाजार में कपास की आवक होनी भी शुरू हो गई है. जिसके अगले आठ-दस दिन में और भी अधिक तेज होने का पूरा अनुमान है. लेकिन अब तक सीसीआय के सरकारी खरीदी केंद्र शुरू नहीं हुए है. ऐसे में इन सरकारी खरीदी केंद्रों के शुरू होने की प्रतीक्षा की जा रही है.
बता दें कि, विगत वर्ष के सीझन में कपास को न्यूनतम गारंटी मूल्य से अधिक दाम मिला था. ऐसे में सरकारी खरीदी के लिए कोई अवसर ही नहीं था. जिसके चलते सीसीआय ने खुले बाजार से कपास खरीदने की हलचलें शुरू की थी. इस वर्ष भी कपास के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 7 हजार 200 रूपये घोषित किया गया. वहीं खुले बाजार में कपास को 8 हजार रूपये प्रति क्विंटल के दाम मिल रहे है. यानी इस वर्ष भी निजी बाजार में न्यूनतम समर्थन मूल्य की अपेक्षा दाम अधिक है. हालांकि कपास की आवक के बढने के साथ ही दाम में थोडी घट-बढ हो सकती है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प रहेगा कि, सीसीआय अपने खरीदी केंद्र कब शुरू करता है और इस बार कपास उत्पादक किसानों द्वारा निजी केंद्रों या निजी बाजार अथवा सरकारी खरीदी केंद्र में से किसे प्राथमिकता दी जाती है.
बाजार सूत्रों के मुताबिक सरकारी खरीदी केंद्र पर ग्रेडींग और तुरंत भूगतान की काफी समस्या होती है. वहीं निजी बाजार में कपास की बिक्री का काम फटाफट होता है और किसानों को भूगतान भी तुरंत कर दिया जाता है. जिसके चलते किसान भी हमेशा अपनी उपज को निजी बाजारों में बेचना पसंद करते है.
ध्यान देनेवाली बात यह भी है कि, इस बार अमरावती सहित समूचे विदर्भ क्षेत्र में मूसलाधार बारिश और अतिवृष्टि के चलते खरीफ फसलों का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ. जिसमें कपास की फसल भी शामिल रही. लंबे समय तक रहे बदरीले मौसम और सततधार होती बारिश की वजह से हुए नुकसान के अलावा कपास की फसल पर विभिन्न तरह के रोगों और किडोें का भी संक्रमण हुआ. जिसके चलते इस बार कपास की पैदावार के प्रभावित होने की पूरी संभावना रही. साथ ही रही-सही कसर मान्सून की वापसी के दौरान हुई बारिश ने पूरी कर दी. ऐसे में पैदावार कम होने और मांग अधिक रहने के चलते इस वर्ष कपास के दामों में तेजी रहने की संभावना है.