अमरावती

देवेंद्र फडणवीस की लोकप्रियता साबित करने किसी सर्वेक्षण की जरूरत नहीं

अमरावती दी; 17 देवेंद्र फडणवीस की लोकप्रियता साबित करने किसी सर्वेक्षण की जरूरत नहीं
देवेंद्र फडणवीस जनता के नेता हैं. और यह साबित करने के लिए किसी सर्वेक्षण की जरूरत नहीं है कि वे कितने लोकप्रिय हैं, और न ही सबूत की जरूरत है. विपक्षी दलों द्वारा यह साबित करने की कई कोशिशों के बावजूद भी फडणवीस की लोकप्रियता कम नहीं हुई है. वरिष्ठ नेताओं के राजनीतिक कार्यकाल में उनके बीच अपने राजनीतिक वजूद का डर पैदा करने वाले फडणवीस एकमात्र नेता हैं. विश्वासघाती उद्धव ठाकरे ने पीठ में खंजर घोंपकर ऐन समय पर देवेंद्रजी को मुख्यमंत्री नहीं बनने दिया. फिर भी यह आदमी न तो निराश हुआ और न ही टूटा. कोविड के दौरान वह घर पर बैठे नहीं रहे. महाराष्ट्र के लोगों के स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए वे हर जिले के हर अस्पताल में जाकर लोगों को राहत देते हुए लोगों की सेवा करते रहे.
सत्ता गंवाने के बाद देवेंद्र फडणवीस नाम के जननेता ने नए जोश के साथ काम करना शुरू किया. जब वे विपक्ष के नेता थे, तब उन्होंने महा विकास आघाड़ी सरकार के भ्रष्टाचार को सामने लाया. राज्य में महा विकास आघाड़ी जब सरकार सत्ता में थी तो देवेंद्र फडणवीस को झूठे अपराध में फंसाने की साजिश रची गई थी. उन्हें गिरफ्तार करने का प्रयास किया गया, लेकिन इस बहादुर का एक बाल भी बांका नहीं हुआ. इसके विपरीत, वह इस अग्निदिव्य प्रकाश से चमक उठा. देवेंद्र फडणवीस कभी भी विपक्ष की साजिशों में फंसे नहीं. क्योंकि ईमानदारी और सच्चाई उनके साथ थी. इसके विपरीत, इस प्रतिकूल समय में उनकी लोकप्रिय मान्यता अधिक व्यापक हो गई और जनता के मन में गहराई से समा गई. कुछ दिन पूर्व लोगों के सामने किसी तथाकथित सर्वे के फर्जी सबूत लाकर फडणवीस की लोकप्रियता घटने लगी है, ऐसा कहा गया. लेकिन इस सर्वे को पढ़कर लोग हंसने लगे. विरोधियों ने खुद कहा कि फडणवीस की लोकप्रियता बनी रही. सभी ने एक स्वर में कहा कि उनकी तुलना नहीं की जा सकती, यह कहने में न तो विपक्ष की राजनीति थी और न ही किसी को गलत आंकने की मंशा थी.
लोगों के मन में अमस के कारण ये विरोधी भी झूठ नहीं बोल सकते थे. तो इस सर्वे से क्या हासिल हुआ? कुछ हासिल नहीं हुआ. इसके विपरीत देवेंद्र फडणवीस के जननेतृत्व, जनता के प्रति उनकी निष्ठा, उनकी सूझबूझ ने एक नई चर्चा छेड़ दी. कल तक उनसे नफरत करने वाले लोग भी उनके नेतृत्व की प्रशंसा करने लगे हैं. कोई भी राजनीतिक नेतृत्व जनता से निकलता है और कड़ी मेहनत और समर्पण के माध्यम से विकसित होता है. इस नेतृत्व को लोकप्रिय होने के लिए किसी विज्ञापन की जरूरत नहीं है. सर्वे भी इसे साबित नहीं करते हैं. इसलिए देवेंद्र फडणवीस ऐसा गंदा खेल नहीं खेलना चाहते थे. वह उपलब्धियों के साथ बड़े हुए. मेरे पसंदीदा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस हैं, यह मेरी ईमानदार सक्रियता की भावना है. क्या पूरे पृष्ठ के अखबार के विज्ञापन की तुलना में अधिक स्पष्ट रूप से बोलने और यह कहने की आवश्यकता है कि लोगों के दिमाग में क्या है?
देवेंद्रजी फडणवीस के काम और कर्तव्य को किसी प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं. महाराष्ट्र में कोई उनकी तुलना नहीं कर सकता और न ही करनी चाहिए क्योंकि उनकी उपलब्धियां बहुत बड़ी हैं.
-विधायक प्रवीण पोटे पाटील,
अमरावती.
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