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स्ट्रक्चरल ऑडीट की कोई व्यवस्था नहीं

अमरावती में भी दर्जनो होर्डिंग गैरकानूनी है

* 13 अप्रैल को बडी दुर्घटना होते-होते बची थी अंबानगरी में
अमरावती/दि. 14- मुंबई के घाटकोपर में एक 100 फीट उंचा होर्डिंग पेट्रोल पंप के उपर गिर जाने से उसके मलबे में 100 लोग दब गए. जिसमें अब तक 15 की मौत हो चुकी है और बाकी घायल है. कल के इस हादसे के बाद महाराष्ट्र में इस दु:खद घटना पर भी राजनीति तेज हो चुकी है और आरोप-प्रत्यारोप किए जा रहे है. होर्डिंग कंपनी का मालिक भावेश भीडे फरार है. घटना के जांच के आदेश दे दिए गए है.
कल की घाटकोपर की घटना के बाद आज हमारे प्रतिनिधि ने अमरावती महानगर की मुख्य सडकों का मुआयना किया. तो पता चला कि, अमरावती में भी नियमों को तांक पर रखकर दर्जनो विशालकाय विज्ञापन होर्डिंग लगाए गए है. जो थोडी हवा-आंधी में भी गिर सकते है. मुंबई में जो घटना हुई उसके पीछे अलग-अलग दर्जनो कारण बताए गए है. जिनमें से मुख्य कारण अनुमति से कई अधिक आकार के होर्डिंग्स, इन होर्डिंगो को लगाते समय ठेकेदार की लापरवाही और भीडभाडवाले इलाके में भी होर्डिंग की स्थापना आदि मुख्य बताएं गए है.
अमरावती में राजकमल, राजापेठ, इर्विन, जयस्तंभ, पंचवटी चौक परिसर, दोनो उडानपुल की दायी-बायी दिशा तथा कई व्यापारियों की नीजि इमारतो तथा व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर विशालकाय विज्ञापन होर्डिंग लगाए गए है. इनमें से लगभग आधे होर्डिंग्स की महानगर पालिका से संपूर्ण अनुमति नहीं ली गई है. महानगर पालिका ऐसे होर्डिंग्स को लेकर केवल मनोरंजन टैक्स से ही सरोकार रख रही है.
* होर्डिंग्स के लिए पूर्ण अनुमति नहीं
गौरतलब है कि, अमरावती में जितने विशालकाय होर्डिंग्स लगाए गए है उनके लिए केवल मनपा से अनुमति ली गई है परंतु ऐसे होर्डिंग्स के आकार पर कोई नियंत्रण नहीं है. इनकी फिटींग के समय सारे नियम फालो नहीं किए गए है. मुंबई में जो होर्डिंग धराशाही हुआ उसे पांच मीटर जमीन में ले जाना जरुरी था. ठेकेदार उसे केवल दो मीटर नीचे ले गया. इसीलिए यह हादसा हुआ. अमरावती में भी व्यापारी प्रतिष्ठानों की छतो पर जो होर्डिंग्स लगाए गए है वे स्ट्रक्चरल ऑडीट के मुताबिक फीट नहीं बैठते है. कई होर्डिंग्स भीडभाडवाले इलाको के आसपास है. यदि भयानक आंधी तूफान आता है तो आसपास सुरक्षा के कोई इंतजामात नहीं है.
* मनपा के पास स्ट्रक्चरल ऑडीट का नियंत्रण नहीं
अमरावती में जितने विशालकाय होर्डिंग्स है उनके वार्षिक रिनिवल समय मनपा केवल अपना शुल्क वसुलती है परंतु होर्डिंग्स के स्ट्रक्चरल ऑडीट का कोई प्रावधान या देखरेख नहीं है. शहर में ऐसे कई होर्डिंग्स है जिनकी नीव (पाया) कमजोर हो चुका है. 50 फीट के आकारवाले आडे-तिरछे होर्डिंग कमजोर सलिए पर फीट किए गए है. यह कभी भी धराशाही हो सकते है.
* 13 अप्रैल को हो सकता था बडा हादसा
आपको याद होगा की 13 अप्रैल की सुबह-सुबह अमरावती महानगर में तेज आंधी तूफान आया था. इस दिन भाजपा की उम्मीदवार नवनीत राणा का प्रचार कार्यालय, जो अस्थाई रुप से खडा किया गया था. पूरी तरह धराशाही हो गया. परंतु इससे भी बडी घटना भाजपा के प्रचार कार्यालय से केवल 100 मीटर दूर इर्विन परिसर के होटल महाराजा के पास होते-होते बचा. यहां का एक विशालकाय होर्डिंग 90 डिग्री में नीचे आ चुका था. वह यदि धराशाही हो जाता तो अमरावती में भी उस दिन एक बडा हादसा हो सकता था. क्योंकि इर्विन चौक परिसर में उस दिन डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की जयंती के उपलक्ष्य में आंबेडकरवादियों की भारी भीड इकठ्ठा थी. (देखें फोटो) जिस तरह होटल महाराजा के उपर लगे होर्डिंग के कारण उस दिन हादसा होते-होते बचा, अमरावती शहर में कई ऐसे होर्डिंग्स है जो शहरवासियों के लिए किसी भी दिन काल का गाल बन सकते है. प्रशासन को चाहिए कि, अमरावती के सभी विशालकाय होर्डिंग्स का स्ट्रक्चरल ऑडीट करें.

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