अमरावती

ना टीकाकरण, ना कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, कैसे रूकेगी कोविड की तीसरी लहर

ग्रामीण क्षेत्र में लगातार तेज हो रही संक्रमण की रफ्तार

  • विशेष ध्यान देने की जरूरत

  • स्वास्थ्य व्यवस्था पर काम का अत्याधिक बोझ

अमरावती/प्रतिनिधि दि.१५कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अमरावती शहर की तुलना में अमरावती शहर की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में बडे पैमाने पर कोविड संक्रमित मरीज पाये जा रहे है. वहीं इन दिनों कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग व टीकाकरण की रफ्तार बेहद सुस्त है. ऐसे में सबसे बडा सवाल यह है कि, ग्रामीण क्षेत्र में कोविड संक्रमण की तीसरी लहर को कैसे रोका जा सकेगा.
बता दें कि, अमरावती जिले में पहला कोविड संक्रमित मरीज बीते अप्रैल माह में पाया गया था. पश्चात संक्रमण की रफ्तार बढते-बढते पहली लहर के दौरान सितंबर माह में हालात विस्फोटक हुए थे. उस दौरान हर एक कोविड संक्रमित मरीज की कॉन्टैक्ट हिस्ट्री निकालते हुए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जाती थी और संक्रमित मरीज के संपर्क में आनेवाले हर एक व्यक्ति की कोविड टेस्ट करवायी जाती थी. किंतु जैसे-जैसे संक्रमितों की संख्या में बेतहाशा वृध्दी होने लगी, वैसे-वैसे कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का काम सुस्त पडने लगा. वहीं जारी वर्ष में विगत फरवरी व मार्च माह से शुरू हुई कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग नहीं के बराबर हुई है, क्योेंकि इस समय रोजाना 800 से 900 संक्रमित मरीज जिले के विभिन्न इलाकों से पाये जा रहे है और हर एक मरीज की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करना अब जिला स्वास्थ्य प्रशासन के लिए भी टेढी खीर साबित हो रहा है. बता देें कि, हर एक कोरोना संक्रमित मरीज के संपर्क में आनेवाले कम से कम 20 से 30 लोगों की कोविड टेस्ट करवाया जाना अपेक्षित है. किंतु इन दिनों ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा. वहीं दूसरी ओर इन दिनों कोविड संक्रमण से बचाव हेतु कोविड प्रतिबंधात्मक टीकाकरण शुरू किया गया है. किंतु वैक्सीन की आपूर्ति व उपलब्धता बेहद अत्यल्प रहने के चलते टीकाकरण के कार्य की रफ्तार भी बेहद सुस्त है. ऐसे में इस अभियान को भी बेहद प्रभावी नहीं कहा जा सकता. इसके अलावा तहसील स्तरीय कोविड केयर सेंटरों में ऑक्सिजन व वेंटिलेटर बेड की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध नहीं है. ऐसे हालात के बीच कोविड संक्रमण की तीसरी लहर के आने की आशंका व्यक्त की जा रही है. यदि ऐसा होता है, तो हालात को संभालना काफी मुश्किल काम साबित हो सकता है.

  • ग्रामीण क्षेत्रों में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करना जरूरी

1) इन दिनों ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड वायरस का संक्रमण बडी तेजी से फैल रहा है. जिसके चलते आवश्यक प्रतिबंधात्मक उपाय योजनाओं पर अमल किया जा रहा है. सरकार द्वारा हर एक कोविड संक्रमित मरीज के संपर्क में आनेवाले कम से कम 20 से 30 लोगों की कोविड टेस्ट करने का निर्देश दिया गया है. किंतु इस एक आदेश पर प्रभावी रूप से अमल नहीं हो पा रहा.
2) जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में इस समय रोजाना 500 से 700 मरीज पाये जा रहे है. ऐसे में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के नियमानुसार ग्रामीण इलाकों में रोजाना 6 से 8 हजार लोगों की कोविड टेस्ट किया जाना अपेक्षित है. किंतु इस समय समूचे जिले में केवल पांच से साढे 5 हजार लोगों की कोविड टेस्ट हो रही है.
3) कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के नियमों पर अमल करने हेतु तहसील एवं ग्रामीण प्रशासन को कोविड टेस्टिंग की संख्या बढानी होगी. किंतु कोई व्यक्ति कोविड संक्रमण की चपेट में आने के बाद इस बारे में पुख्ता जानकारी नहीं देता कि, उसके संपर्क में कितने लोग आये थे. जिसकी वजह से कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के काम में काफी समस्याओं व दिक्कतों का सामना करना पडता है, ऐसा स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों का कहना है.
4) ग्रामीण क्षेत्र से वास्ता रखनेवाले मरीजों द्वारा होम आयसोलेशन में रहने पर विशेष जोर दिया जाता है. किंतु ग्रामीण क्षेत्र में स्वतंत्र शौचालय व स्वच्छतागृह का लगभग अभाव होता है. ऐसे में सौम्य लक्षण रहनेवाला मरीज भी यदि अपने परिजनों के ही साथ रहता है, तो उसकी वजह से परिवार के अन्य लोगों के संक्रमित होने का काफी अधिक खतरा होता है.

  • ग्रामीण क्षेत्र में हो रही रोजाना तीन हजार टेस्टिंग

जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के 14 तहसील क्षेत्रोें में विगत 11 मई को 3 हजार 976 कोविड टेस्ट की गई. जिसके तहत अमरावती तहसील क्षेत्र में 213, भातकुली में 196, मोर्शी में 367, वरूड में 430, अंजनगांव सुर्जी में 234, अचलपुर में 368, चांदूर रेल्वे में 237, चांदूर बाजार में 247, चिखलदरा में 301, धारणी में 234, धामणगांव रेल्वे में 321, तिवसा में 259 तथा नांदगांव खंडेश्वर तहसील में 236 लोगों के थ्रोट स्वैब सैम्पल लिये जाने की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों द्वारा दी गई है. जबकि इन दिनों ग्रामीण क्षेत्रों में पाये जा रहे मरीजों की संख्या को देखते हुए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के नियमानुसार रोजाना पांच से साढे 5 हजार लोगों के थ्रोट स्वैब सैम्पल लिये जाने चाहिए.

  • वैक्सीन के लिए जमकर भागमभाग

इस समय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को सप्ताह में दो बार 100 से 150 कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन के डोज प्राप्त हो रहे है और इन स्वास्थ्य केंद्रों के अंतर्गत आनेवाले हर गांव के हिस्से में बडी मुश्किल से 60-70 वैक्सीन का हिस्सा आता है. जिसकी वजह से कई स्थानों पर वैक्सीन को लेकर तनावपूर्ण व भागमभागवाली स्थिति देखी जाती है और लोगबाग टीकाकरण केंद्रों पर सुबह से ही कतार लगाकर खडे हो जाते है.

वैक्सीन के उपलब्ध स्टॉक के अनुसार जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. साथ ही कोविड टेस्टिंग का प्रमाण भी बढाया गया है. इसके अलावा सभी संबंधितों को कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का प्रमाण बढाने के भी निर्देश दिये गये है. कोविड वायरस के संक्रमण के प्रभाव एवं फैलाव को नियंत्रित करने हेतु स्वास्थ्य प्रशासन द्वारा हर संभव कदम उठाये जा रहे है. जिसमें नागरिकों द्वारा भी सहयोग किया जाना अपेक्षित है. साथ ही कोविड संक्रमण से बचने हेतु नागरिकों को भी कई आवश्यक सावधानियां बरतनी होगी.
– डॉ. दिलीप रणमले
जिला स्वास्थ्य अधिकारी

जिले में कुल संक्रमित – 78,548
एक्टिव पॉजीटीव मरीज – 10,850
होम आयसोलेशन में रखे गये मरीज – 8,205
शहरी क्षेत्र के मरीज – 2,926
ग्रामीण क्षेत्र के मरीज – 7,656

टीकाकरण की स्थिति
45 वर्ष से अधिक आयुवाले – 1,64,230
60 वर्ष से अधिक आयुवाले – 1,03,466
फ्रंट लाईन वर्कर्स – 30,734
हेल्थ वर्कर्स – 30,255
18 से 44 वर्ष आयुगुट – 15,839

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