अमरावती

गेहूं उत्पादन के लिए मालखेड तालाब से पानी नहीं मिलेगा

किसानों में नाराजी

  • सिंचाई विभाग ने दी चने की बुआई करने सलाह

चांदूर रेलवे/दि. १७ – अतिवृष्टि के चलते जिले में खरीफ की फसल को भारी मात्रा में नुकसान झेलना पडा. जिससे किसान बर्बादी की कगार पर पहूंच गए, परंतु खरीफ फसल से हुए नुकसान से उभरने के लिए किसान रबी फसल की ओर आस लगाएं बैठे है और उसके लिए किसानों ने खेतों को तैयार करना शुरु की है. परंतु गेहूं के अलावा चने की बुआई करने की सलाह सिंचाई विभाग ने किसानों को दी है. मालखेड तालाब में पानी कम होने की वजह से इस वक्त स्थानीय किसानों को पानी नहीं देने की बात सिंचाई विभाग की ओर से बताये जाने से किसानों में भारी रोष है.
चांदूर रेलवे तहसील स्थित मालखेड तालाब के पानी वापर रबी की बुआई के लिये किया जाता है. इस तालाब से मिलने वाले पानी से तकरीबन १५०० हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की बुआई की जाती है. तहसील के लगभग सभी तालाब ओवरफ्लो हो चुके है, परंतु मालखेड तालाब में केवल ९० फीसदी पानी उपलब्ध होने का कारण आगे करते हुए सिंचाई विभाग की ओर से गेहूं उत्पादन के लिए तालाब से पानी देने की बात कही है.
रबी फसल के लिए मालखेड तालाब से पानी नहीं उपलब्ध होने से गेहूं की फसल को नुकसान होगा, इसलिए गेहूं की बजाय चने की बुआई करने की सलाह सिंचाई विभाग की ओर से किसानों को दी गई है, लेकिन किसानों का कहना है कि तालाब में भले ही शत-प्रतिशत पानी नहीं है फिर भी चार कैनल पानी दिया जा सकता है. इससे पहले भी याने २०१५-१६ में इसी तरह पानी दिया गया था. किसानों को कहना है इसके पहले भी तालाब नहीं भरा था फिर भी किसानों को माइनस चार तक पानी उपलब्ध कराया गया था, लेकिन इस बार तालाब ९० प्रतिशत पानी होने के बावजूद भी गेहूं फसल के लिए सिंचाई विभाग व्दारा पानी देने से इन्कार किया जा रहा है, अगर किसानों को तालाब से पानी नहीं मिलता है तो किसानों को भारी नुकसान होगा, गेहूं उत्पादन से ही किसानों को मुख्य आमदनी होती है, इसके लिए सिंचाई विभाग की ओर से खेतों को जलापूर्ति करने की मांग किसानों व्दारा की जा रही है.

अतिवृष्टि के बाद भी पर्याप्त जलसंग्रह नहीं

इस वर्ष बारिश अच्छी होने के बाद भी मालखेड तालाब में पानी का संग्रह अपर्याप्त होने मात्र में है. जिसके कारण किसानों को गेहूं की बजाय चने की बुआई करने पर ध्यान केंद्रीत करें, जिसे पानी की आवश्यकता कम होती है.
– अश्विनी देवरे, शाखा अभियंता, सिंचाई विभाग

Related Articles

Back to top button