कब शुरु होगा स्कायवॉक किसी को नहीं पता
अगले माह से तीन महीने बंद रहेगा कार्य

* सिडको के अधिकारियों का दावा फेल
* जनप्रतिनिधियों की उदासीनता बताई जा रही मुख्य वजह
* सीएम देवेंद्र फडणवीस के ड्रीम प्रोजेक्ट की दुर्दशा
चिखलदरा/दि.24 – विदर्भ के सबसे बडे हिल स्टेशन में निर्माणाधीन एशिया का सबसे बडा स्कायवॉक कर बनकर तैयार होगा और लोकार्पित होगा, यह किसी को भी नहीं मालूम. स्कायवॉक को लेकर चल रही चर्चा के बीच अमरावती मंडल ने ऑन स्पॉट जाकर प्रत्येक एक्चुअल साइट देखी. जिससे स्पष्ट हुआ कि, अभी स्कायवॉक तैयार होने में महीनों लगनेवाले है. बता दें कि, यह न केवल प्रदेश के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का ड्रीम प्रोजेक्ट है बल्कि सभी छोटे-बडे टूरिस्ट को इसके प्रारंभ होने का 6 वर्षों से बेसब्री से इंतजार है. सिडको के अधिकारियों के दावे अभी तो फेल नजर आ रहे हैं.
* सिर्फ लटके हैं केबल वायर
स्कायवॉक के मौके पर जाकर अमरावती मंडल ने प्रत्यक्ष देखा और अधिकारी व तकनीकी नॉलेज रखनेवालों से बात की तो बताया गया कि, अभी तो स्कायवॉक का मामला अधर में लटका हुआ है. सिर्फ केबल वायर लगाई गई है. जबकि सिडको के अधिकारियों ने जून में इसके प्रारंभ होने का दावा किया था. वहां ऑन स्पॉट देखने पर पता चला कि, चेंजिंग रुम, वॉश रुम और काफी कुछ बाकी है. सुरक्षा सामान कहां रखना, वेटिंग हॉल, लॉकर आदि का निर्माण शेष है. पुलिस वायरलेस सेंटर की जगह देने के लिए विभाग तैयार नहीं है.
* तीन माह बंद रहेगा काम?
इस बीच बताया गया कि, स्कायवॉक का कार्य बारिश के कारण अगले तीन माह बंद रह सकता है. चिखलदरा में जिले में सर्वाधिक करीब हजार मिमी बारिश होती है. जबकि सिडको के अधिकारी अब इस विषय में कुछ कहने के लिए तैयार नहीं है. निजी बातचीत में अंदाज जताते है कि, दिवाली बाद या अगले वर्ष ही स्कायवॉक रेडी होगा. प्रत्यक्ष खुली बातचीत में किसी अफसर को नहीं मालूम कि, अमरावती और क्षेत्र के पर्यटकों का सपना अर्थात स्कायवॉक कब साकार होगा?
* जनप्रतिनिधि उदासीन!
हमारे संवाददाता ने देखा कि, स्कायवॉक का काम मंथर गति से चल रहा है. उसमें भी जिले के सांसद और विधायक इस प्रकल्प को लेकर खासे उत्साहित नहीं नजर आ रहे. वे इस विषय पर कहीं मुद्दा उठाते नहीं दिखते. इंदौर की कंपनी अपने हिसाब से कछुआ चाल से काम कर रही है. लगभग आधा किमी का एशिया का सबसे लंबा स्कायवॉक तैयार होने में काफी समय है. केबल वायर लगाए गए हैं. अभी पुल बनना शेष है. सिडको का यहां कोई प्रबंधन नहीं हैं, कोई वरिष्ठ अधिकारी नहीं है. ऐसे में कहा जा रहा कि सिडको भी यहां केवल खानापुरी कर रही है. कहनेवाले यह भी दावा कर रहे है कि, इस गति और रवैये से अगले साल 2026 में भी यह प्रकल्प पूरा होगा या नहीं, कह नहीं सकते.