अमरावती/दि.5- संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के चुनाव के लिए व्यवस्थापन प्रतिनिधि निर्वाचन क्षेत्र से महिला संवर्ग से दाखिल किए डॉ. मिनल निलेश गावंडे का नामांकन चुनाव निर्णय अधिकारी वैध ठहराया रहने के बाद शिक्षण मंच की तरफ से आपत्ति दर्ज की गई थी. लेकिन इस आपत्ति को खारिज करते हुए डॉ. मिनल गावंडे का नामांकन वैध ठहराते हुए कुलगुरु ने विरोधियों की शिकायत खारिज की हैं.
संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के सिनेट चुनाव के लिए डॉ. मिनल निलेश गावंडे का नामांकन शुरुआत में किसी कारण से त्रुटि में निकाला गया था. उसी समय प्राचार्य फोरम, नूटा और अन्य संगठना के पदाधिकारियों व्दारा स्नातक प्रमाण पत्र के सबूत साथ जोडे रहने और अन्य किसी भी नामांकन में दर्ज न रहने कागज पत्र जोडना अनिवार्य न रहने की बात चुनाव निर्णय अधिकारी डॉ. तुषार देशमुख के ध्यान में लाकर दी गई. विद्यापीठ के नियम और नामांकन दाखिल करते समय विद्यापीठ व्दारा दिए गए निर्देश का कडाई से पालन डॉ. मिनल गावंडे का नामांकन दाखिल करते समय किया गया हैं. जो कागज पत्र आवश्यक नहीं है इसके लिए नामांकन खारिज करना यह गलत रहने की आपत्ति लिए जाने के बाद डॉ. तुषार देशमुख ने आखिरकार यह नामांकन वैध ठहराया था. लेकिन डॉ. मिनल गावंडे का नामांकन वैध ठहराए जाने के बाद विरोधियो को यह सीट हाथ से जाने की बात ध्यान में आते ही उन्होनें डॉ. मिनल गावंडे के नामांकन पत्र पर आपत्ति दर्ज कर उनकी बदनामी करने का प्रयास किया था. लेकिन शुक्रवार को अंतिम दिन सुनवाई करते हुए कुलगुरु ने डॉ. मिनल गावंडे का नामांकन वैध ठहराया हैं. विद्यापीठ की जांच समिति व्दारा लिए गए निर्णय को कुलगुरु व्दारा कायम रखे जाने से विरोधियों के गुट में खलबली मच गई हैं.
गलती ध्यान में आते ही विद्यापीठ ने नामांकन वैध ठहराया
विद्यापीठ व्दारा नामांकन के साथ मांगे गए सभी दस्तावेजों की पूर्तता हमने की थी, लेकिन स्नातक के सबूत न रहने की त्रुटि चुनाव निर्णय अधिकारी ने निकाली थी. पश्चात यह गलती ध्यान में आते ही विद्यापीठ ने नामांकन वैध ठहराया. लेकिन मेरा नामांकन वैध ठहराए जाने के बाद विरोधी मंच ने आपत्ति दर्ज कर अपनी समझदारी कितनी है यह दिखाई थी. लेकिन उनके प्रयास विफल साबित हुए अब इस चुनाव में मैं निश्चित रुप से बाजी मारुंगी.
– डॉ. मिनल गावंडे, उम्मीदवार