अमरावती/दि.16 – निर्माण कार्य अनुमति के लिए राज्य शासन ने ‘बिल्डींग प्लान मैनेजमेंट सिस्टीम’ (बीपीएमएस) ऑनलाईन प्रणाली 1 जनवरी से लागू की है, किंतु इस प्रणाली की तकनीकी अडचने हल नहीं किए जाने के कारण 1 अप्रैल से निजी निर्माण कार्य अभियंताओं के ‘एसोसिएशन ऑफ कन्सल्टींग सिविल इंजीनिअर्स’ नामक संगठन की ओर से असहयोग आंदोलन प्रारंभ किया गया है. यह आंदोलन कल भी जारी होने के कारण निर्माण कार्य मंजूरी के मामले अब भी प्रलंबित पडे है.
मनपा प्रशासक डॉ. प्रवीण आष्टीकर ने दो बार बैठक आयोजीत कर भिन्न-भिन्न कारणों से बैठक रद्द कर दी. जिसके कारण अभी तक इस मामले का कोई हल नहीं निकल पाया है. ऐसा आरोप एसोसिएशन के किशोर क्षीरसागर ने लगाया है. यह आंदोलन विगत 13 दिनों से शुरू होने के कारण निर्माण कार्य के मामले अनुमति को लेकर प्रलंबित पडे होने से विलंब हो रहा है. इसका फटका निर्माण कार्य करनेवाले नागरिकों सहित मनपा की आय पर भी बैठ रहा है.
बीपीएमएस का कामकाज मुख्य कार्यालय सहित पांच झोन कार्यालय में हो रहा हैं. किंतु निर्माण कार्य से संबंधित केवल तीन ही कर्मचारी होने के कारण वे सभी निजी अभियंताओं की समस्या हल करने में असमर्थ हैं. बीपीएमएस प्रणाली में अनेक तकनीकी अडचने हैं तथा उन्हें समझना तुलनात्मक रूप से कठिन है. त्रिवेणी योजना अंतर्गत के निर्माण कार्य मंजुरी की फाईल बीपीएमएस में नहीं ली जाती. इसके सहित अन्य भी अनेक अडचने एसोसिएशन में रखी हैं, ऐसे में आयुक्त को तत्काल संगठन की शिकायतें सुनकर उनका अनुगमन करना चाहिए, ऐसी मांग रविंद्र शिनगारे, अमित मेहरे, गिरीश नागपुरे, मनोज जयस्वाल, सुमित मनोहरे, मयूर डोंगरे, हेमंत चौधरी, पंकज खवले, अनिल मुले, पद्माकर अलसपुरे, प्रवीण हिंगासपुरे, मिलींद कहाले आदि ने की है.