अमरावती

नॉन कोविड मरीजों के हो रहे हाल-बेहाल

सभी विशेषज्ञों का पूरा ध्यान कोरोना मरीजों के इलाज पर

  • हार्ट, किडनी, लिवर व फेफडों की तकलीफवाले मरीजों की अनदेखी

अमरावती/दि.22 – इस समय कोविड संक्रमित मरीजों की संख्या बडी तेजी से बढ रही है और शहर के कई एमडी पदवीप्राप्त विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा अपने अस्पतालों को निजी कोविड अस्पतालों में परिवर्तित कर दिया गया है. साथ ही इस वक्त सभी का ध्यान कोरोना संक्रमित मरीजों पर ही है. ऐसे में अन्य गंभीर बीमारियों से पीडित मरीजों की बडे पैमाने पर अनदेखी हो रही है. साथ ही उन्हें इलाज के अभाव में कई तरह की तकलीफों का सामना करना पड रहा है.
बता दें कि, अमरावती शहर में कई मरीज हार्ट, किडनी, लिवर व फेफडे संबंधी बीमारियों और तकलीफों से जूझ रहे है. जिनका इलाज अब तक शहर के ख्यातनाम एमडी विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा किया जा रहा था. साथ ही कई मरीजों को निजी अस्पतालों में भरती भी किये जाने की जरूरत है. किंतु इस समय अधिकांश एमडी विशेषज्ञों व बडे अस्पतालों द्वारा अपने यहां निजी कोविड अस्पताल खोल लिये गये है और उन अस्पतालों में केवल कोरोना संक्रमित मरीजों का ही इलाज होता है, जहां पर आम नागरिकों या मरीजों को आने की अनुमति नहीं रहती. इससे दिक्कते बढने के साथ ही मरीजों की जिंदगी पर खतरा भी मंडरा रहा है. साथ ही चूंकि वे पहले से ही बीमार है और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है. ऐसे में उनके कोविड संक्रमण की चपेट में आने का खतरा भी अधिक है. अत: विभिन्न बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की ओर तुरंत ध्यान दिये जाने और उनके लिये समूचित इलाज की व्यवस्था उपलब्ध कराने की जरूरत है. अन्यथा नॉन कोविड मरीजों की स्थिति बिगड सकती है.

पर्यायी व स्वतंत्र व्यवस्था की जाये

कोविड संक्रमण काल के प्रारंभ में जिस तरह निजी अस्पतालों में कोविड संक्रमित मरीजों के लिए स्वतंत्र तौर पर कोविड वॉर्ड बनाया जाता था. ठीक उसी तरह अब सभी कोविड अस्पतालों में सामान्य व अन्य गंभीर किस्म की बीमारियों से जूझनेवाले मरीजों हेतु स्वतंत्र तौर पर नॉन कोविड वॉर्ड बनाया जाना चाहिए, ताकि कोरोना संक्रमित मरीजों के साथ-साथ नॉन कोविड मरीजों को भी इलाज की समूचित व्यवस्था उपलब्ध हो.

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