* एकाधिकार व मनमानी शुरु रहने का आरोप; बैंक अध्यक्ष को दिया निवेदन
अमरावती/दि.28- जिला परिषद शिक्षक सहकारी बैंक में विगत सात वर्षों से एकाधिकार शुरु है. जब एकाधिकारशाही होती है, तब सभी कामगार मनमानी एवं हुकुमशाही समान होती है. गत सात वर्षों से कई आरोप इस विद्यमान संचालक मंडल पर लगाये गए हैं. हाइकोर्ट से लेकर विभागीय निबंधक, मंत्रालय तक शिकायतें हुई. लेकिन किसी भी कार्यवाही की परवाह न करते यह संचालक मंडल कितना बिनधास्त है, इसका सबूत बार-बार सामने आने के साथ ही विगत 3-4 वर्षों में तो मनमानी कारभार से शीखर पार करने का आरोप करते हुए सर्वसामान्य शिक्षक बैंक सभासद कृति समिति द्वारा मुख्य कार्यालय के सामने 27 फरवरी को ठिया आंदोलन किया गया. इस समय बैंक के अध्यक्ष को निवेदन भी दिया गया.
इस निवेदन में अवैध नौकर भर्ती प्रक्रिया, विगत दो वर्षों के लाभांश का वितरण न करने, एक ओर कम ब्याजदर में निवेष स्वीकार कर अधिक ब्याज दर में कर्ज वितरण करने, अन्य जिलों के शिक्षकों को नियमबाह्य कर्ज वितरण करने, आमसभा में होने वाले प्रस्ताव वैध अवैध ठहराने, एनपीए में हुई वृद्धि, गाड़ी का दुरुपयोग करने, आवश्यक न होने पर भी अमर्यादित खर्च करने आदि अनेक बातें बैंक में होसे समय सभासदों के हित की ओर दुर्लक्ष किये जाने बाबत शिकायत निवेदन में कही गई है. सभासदों के संयम का बांध टूटने के कारण 27 फरवरी की दोपहर 1 से 5 बजे तक हमालपुरा स्थित शिक्षक बैंक की मुख्य शाखा के कार्यालय के सामने ठिया आंदोलन किया गया.
इस समय अधिकांश सभासद कोविड प्रतिबंधक नियमों का पालन कर आंदोलन में सहभागी हुए थे. आंदोलन में नयन कालपांडे, उज्वल पंचवटे, दिनेश साबले,विलास बाबटे,नरेन्द्र काले,विनायक पवार, नामदेव पवार, नामदेव कोरडे, प्रभाकर झोड, मनोज चोरपगार, मंगेश खेरडे,अमोल पवार,सतीश नांदणे,मंगेश वाघमारे,राजेन्द्र दीक्षित, संतोष साव, अजय देशमुख, सतीश गुजरकर, राजेन्द्र होले,विवेक देशमुख,प्रवीण बाखडे,निलेश चव्हाण,गणेश भगत सहित अन्य सभासद सहभागी हुए थे.