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सामान्य कार्यकर्ता के परिश्रम की विजय

विलास इंगोले का कहना

* बैठकों और सतत प्रयासों व रणनीति का उल्लेख
अमरावती/दि.3- हमारे मुख्य प्रतिस्पर्धी का नाम रणजीत होने से उन्हें परास्त करने पार्टीजनों ने खास ‘रणनीति’ बनाई. उनके उम्मीदवारी की घोषणा भी महीनों पहले हो गई थी. जिससे लडाई और कठिन थी. किंतु सतत प्रयासों और सामान्य कार्यकर्ता के परिश्रम के बल पर अमरावती स्नातक सीट से कांग्रेस ने यह विजय साकार करने की भावना प्रमुख नेता विलास इंगोले ने अमरावती मंडल से विशेष बातचीत में व्यक्त की. बता दें कि स्नातक सीट से कांग्रेस के डॉ. धीरज लिंगाडे ने ऐतिहासिक सफलता प्राप्त की जिसमें इंगोले का योगदान अहम रहा. इंगोले ने पार्टी के आदेश पर अमरावती जिले में सामान्य कार्यकर्ता और पदाधिकारियोें को साथ लेकर डॉ. लिंगाडे की विजय पक्की की.
* प्रदेशाध्यक्ष का हुक्म और रणनीति
इंगोले ने अमरावती मंडल से बातचीत में पार्टी की उम्मीदवारी से लेकर चुनावी रणनीति बनाने और उसके प्रभावी रुप से अमल का ब्यौरा दिया. उन्होंने बताया कि पटोले ने दो बार अमरावती दौरे पर आए. इस दौरान खास लोगों को लेकर स्नातक चुनाव में इस बार परचम लहराने का मंत्र विशेष बैठक में दिया. प्रदेशाध्यक्ष का आदेश उस बैठक में मौजूद सभी पदाधिकारियों ने शिरोधार्य किया. संघर्ष तगडा था. सामने दो बार के विधायक और समूचा सरकारी तंत्र था. सत्तारुढ गठजोड के उम्मीदवार रहने से डॉ. रणजीत पाटिल को बढत का नजारा था.
* नहीं डिगा आत्मविश्वास
डॉ. पाटिल के लिए प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और सरकारी असला रहने से पार्टीजनों में पटोले, यशोमति ठाकुर, सुनील देशमुख, विलास इंगोले और संभाग के सभी नेताओं ने जोश भरा. एक बार भी आत्मविश्वास डिगने नहीं दिया गया. इंगोले ने बताया कि, निर्वाचन क्षेत्र पांच जिलो में 56 तहसीलों में विस्तृत था, जिसके कारण व्यापक रणनीति और उसे प्रभावी रुप से क्रियान्वित करना आवश्यक था. इंगोले ने बताया कि पांच जिलो के कार्यकर्ता जुट गए थे. उसी प्रकार कार्यकर्ताओं ने ही वोटर्स का पंजीयन करवाया था. इसलिए मतदान के दिन उन्हें केंद्र के बारे में जानकारी और वोटिंग के लिए प्रेरित करने का काम भी बखूबी किया गया. कदाचित यही धीरज लिंगाडे की शानदार एवं ऐतिहासिक विजय का बडा कारण कहा जा सकता हैं.
* अमरावती का बडा योगदान
अमरावती के सर्वाधिक समय तक महापौर रहे विलास इंगोले ने बताया कि, संभाग में अमरावती सबसे बडा केंद्र था. यहां सर्वाधिक वोटर पंजीकृत थे. ऐसे में यहां अधिक लक्ष्य केंद्रीत करना आवश्यक था. जिले की नेता यशोमति ठाकुर, सुनील देशमुख, विलास इंगोले ने शहराध्यक्ष बबलू शेखावत और सभी पदाधिकारियों को साथ लेकर प्लान बनाकर काम किया. अमरावती में पार्टी के पक्के वोटर्स को बूथ पर लाकर मतदान प्रत्यक्ष रुप से करवाया गया. जिससे चार दशकों में पहली बार कांग्रेस की विजय का झंडा लहराया. ऐसे ही अब तक पिछडे बुलढाणा जिले को उच्च सदन में अपना आदमी भेजने का अवसर भी कांगे्रस ने ही दिया.

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