अमरावती

चांदूर रेलवे एसटी डिपो में 8 साल में एक भी बस नहीं

कबाड बसों के कारण दुर्घटना की संभावनाएं बढी

* लंबी दूरी की बसेस बंद
चांदूर रेलवे/दि.26– आम नागरिकों को सुरक्षित यात्रा की गारंटी देने वाली एसटी महामंडल की बस सेवा चांदूर रेलवे तहसील में दिनों दिन चरमरा रही हैं. डिपो का कामकाज कबाड बसों के भरोसे चल रहा हैं. अनेक बस बीच रास्ते में ही बंद पड जाती है तथा लंबी दूरी की फेरियां बंद की गई हैं. वर्ष 2014 से इस डिपो में एक भी नई बस नहीं मिली हैं. इसके अलावा खुले पार्ट की कमी रहने की सूत्रों की जानकारी हैं.
चांदूर रेलवे एसटी डिपो में 39 बसेस हैं. इनमें से 33 बस सडक से दौड रही हैं. इन 33 बसों पर 42 शेड्यूल का भार हैं. इसमें 13 से 14 एसटी बस 13 लाख किमी. से अधिक दूरी तक दौडी हैं. ग्रामीण बसों में यह बसेस अभी भी दौड रही हैं. शालेय विद्यार्थी बडी संख्या मे ंइन बसो से सफर करते हैं. इन कबाड बसों के कारण दुघर्टना होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. लंबी दूरी के शेड्यूल में केवल औरंगाबाद और बुलढाणा मार्ग पर बस चलाई जा रही हैं. जबकि वाशिम, माहुर, अकोला, जलगांव जामोद, दूसरे शेड्यूल की औरंगाबाद लंबी दूरी की फेरियां बस के अभाव में बंद हैं. इस कारण डिपो की आय दिनोंदिन घटती जा रही हैं. बिगडी पडी इन बसों की दुरुस्ती के लिए आवश्यक खुले पार्ट भी उपलब्ध नहीं हैं. इस कारण बंद पडी एसटी बस डिपो में ही काफी दिनों तक खडी रहती हैं. वरिष्ठों को तत्काल इस ओर ध्यान देकर डिपो में नई बस देने और बंद रही लंबी दूरी की फेरियां तत्काल शुरु करने की मांग यात्रियों व्दारा की जाने लगी हैं.

* राज्य सरकार की घोषणा केवल दिखावा
वर्ष 2014 में महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना गठबंधन की सरकार थी. पश्चात वर्ष 2019 में राज्य में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस महाविकास आघाडी की सरकार थी. उस समय भी नई बस नहीं मिल पाई. तीन माह पूर्व राज्य में शिंदे-फडणवीस सरकार विराजमान होने के बाद उन्होंने नई बस खरीदी करने की घोषणा की लेकिन चांदूर रेलवे को एक भी नई बस नहीं मिल पाई हैं.

* बसों की कमी
एसटी बसों की कमी के कारण लंबी दूरी के शेड्यूल बंद हैं. चांदूर रेलवे डिपो को 10 नई एसटी बसों की आवश्यकता हैं. इसके लिए वरिष्ठ स्तर पर मांग की गई हैं.
– पवन देशमुख, डिपो व्यवस्थापक

Related Articles

Back to top button