नांदगांव पेठ प्रतिनिधि/दि.४ – कोरोना महामारी को लेकर ग्रामपंचायत डिगरगव्हाण द्वारा उत्कृष्ट नियोजन किए जाने की वजह से गांव में पिछले आठ-नौ महीने में एक भी कोरोना पॉजीटिव मरीज नहीं पाया गया. उत्कृष्ठ नियोजन व ग्रामवासियों की सर्तकता से कोरोना ग्रामवासियों को छू भी नहीं पाया. पूर्व सरपंचा सुनीता शंकर ठाकरे के अथक प्रयासों से यह संभव हो पाया है. कोरोना वैश्विक महामारी का संकट निर्माण होते ही तत्कालीन सरपंचा सुनीता ठाकरे व सामाजिक कार्यकर्ता शंकर ठाकरे तथा ग्रामसेविका डी.डी. वैराले ने एक समिति स्थापित कर ग्रामवासियों की सुरक्षा के लिए उपाय योजना बनाई थी.
समय-समय पर ग्रामवासियों को जानकारी देकर उनका भय कम किया गया. ग्रामवासियों के लिए विशेष क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए, सैनिटाइजर व मास्क का वितरण किया गया, सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए प्रयास किए गए तथा गांव में नियमित सैनिटाइजर का छिडकाव किया गया. ग्रामवासियों ने भी दिए गए निर्देशों का पालन किया. इतना ही नहीं आज भी वे नियमों का पालन कर सामाजिक दूरी बनाए रखे हुए है. नियमित मास्क व सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर रहे है. वैद्यकीय विभाग द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार यहां एक भी कोरोना पॉजीटिव मरीज पिछले आठ-नौ महीनों में पाया नहीं गया.
जिले के अधिकांश गांव आज भी कोरोना महामारी से दूर है. ऐसी ग्रामपंचायतों का सम्मान किया जाना चाहिए. डिगरगव्हाण ग्रामपंचात भी इसका एक उदाहरण है. डिगरगव्हाण को कोरोना से दूर रखने के लिए सरपंचा सुनीता शंकरराव ठाकरे व सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. शंकरराव ठाकरे, ग्रामसेविका डी.डी.वैराले, मुख्यध्यापक मांगुलकर, सहायक शिक्षक धांडे, आंगनवाडी सेविका मालवी ढोके, आशा सेविका यशोधरा फुले, स्वास्थ्य सेवक ग्राप कर्मचारी अंकुश गाढवे, युवा कार्यकर्ता दीपक धोंडे, सतीश मेश्राम, जानराव गाडवे, प्रफुल्ल शेंडे, मंगेश मोहोड, आकाश ढोके, गौरव ढोके, विनोद खोब्रागडे, हरिदास शेंडे ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया.