अमरावतीमहाराष्ट्र

जिले के एक भी सांसद व विधायक के पास लाईसेंसी हथियार नहीं

अमरावती /दि.9– प्रशासन द्वारा स्वसंरक्षण हेतु हथियार के लिए प्राप्त होने वाले आवेदनों की पूरी पडताल करने के बाद शस्त्र लाईसेंस दिया जाता है. इस व्यवस्था के तहत जिले में करीब 770 शस्त्र लाईसेंस दिये गये है. लेकिन इसमें एक भी मौजूदा जनप्रतिनिधि के नाम का समावेश नहीं है. जिले में किसी भी सांसद या विधायक द्वारा अपने नाम पर हथियार का लाईसेंस नहीं लिया गया है. ऐसे में उनके द्वारा अपने पास बंदूक या पिस्तौल रखने का सवाल ही नहीं उठता.

उल्लेखनीय है कि, इन दिनों कमर पर लटकती पिस्तौल लोगों को दिखाई दें और धाक के साथ भी इन्प्रेशन भी बने, इस बात को ध्यान में रखते हुए लाईसेंस निकालकर कमर पर पिस्तौल लटकाने का प्रतिष्ठापूर्ण फैशन शुरु हो गया है. परंतु जिले के आठों विधायकों सहित सांसदों के पास शस्त्र लाईसेंस नहीं है. इस बारे में जानकारी हेतु संपर्क किये जाने पर अधिकांश जनप्रतिनिधियों का कहना रहा कि, वे जनता जर्नादन के प्रतिनिधि व सेवक है. ऐसे में उन्हें कभी किसी से कोई डर ही नहीं लगा. साथ ही जनता का आशीर्वाद ही उनका सुरक्षा कवच है. जिनके चलते उन्हें शस्त्र लाईसेंस की कभी जरुरत भी नहीं पडी.

* किसी के पास भी नहीं शस्त्र लाईसेंस
अमरावती जिले में नवनीत राणा व डॉ. अनिल बोंडे ऐसे दो सांसद तथा सुलभा खोडके, रवि राणा, बच्चू कडू, एड. यशोमति ठाकुर, राजकुमार पटेल, प्रताड अडसड, बलवंत वानखडे व देवेंद्र भुयार ऐसे 8 विधानसभा सदस्य है. जिनमें से किसी के भी पास हथियार का लाईसेंस नहीं है.

* सांसद राणा के पास वाय प्लस सुरक्षा
यद्यपि जिले की सांसद नवनीत राणा के पास लाईसेंसी हथियार नहीं है. परंतु केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के निर्देशानुसार सांसद नवनीत राणा को वाय प्लस सुरक्षा प्रदान की गई है. ऐसे में कही पर भी रहते समय सांसद नवनीत राणा के आसपास वाय प्लस स्तर का सुरक्षा घेरा रहता है.

* शस्त्र लाईसेंस हेतु पुख्ता वजह जरुरी
यदि किसी व्यक्ति या उसके परिवार को किसी से जान का खतरा है अथवा कोई व्यक्ति अपने कार्यक्षेत्र के चलते किसी के निशाने पर आ सकता है. या फिर अन्य कोई महत्वपूर्ण वजह है, तो ऐसी स्थिति में शस्त्र के लिए लाईसेंस हासिल किया जा सकता है. हालांकि इस हेतु कानूनी प्रक्रिया को पूरा करना होता है. जिसके तहत लाईसेंस प्राप्त करने हेतु सबसे पहले जिलाधीश कार्यालय में निर्धारित प्रारुप के तहत आवेदन करना होता है.
– गोपाल उंबरकर,
पुलिस निरीक्षक, विशेष शाखा,
जिला ग्रामीण पुलिस.

* आप भी ले सकते है शस्त्र लाईसेंस
आर्म्स एक्ट 1959 के अनुसार भारत सरकार ने कुछ नियामों व शर्तों के तहत नागरिकों को हथियारों का लाईसेंस लेने की सुविधा प्रदान की है. परंतु संबंधित व्यक्ति को किस वजह के चलते हथियार का लाईसेेंस चाहिए है, इसे स्पष्ट करना होता है. पश्चात आवेदन की तमाम जरुरी पडताल करते हुए संबंधित व्यक्ति के आवेदन को मंजूर या नामंजूर किया जाता है.

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