अमरावती/दि.1 – जिले की 548 शालाओं व कनिष्ठ महाविद्यालयों में विगत 23 नवंबर से 9 वीं से 12 वीं की कक्षाएं शुरू कर दी गई. इन 6 दिनों के दौरान मात्र 10 हजार विद्यार्थी ही अपनी कक्षाओं में उपस्थित हुए, जबकि जिले में इन कक्षाओं में लगभग डेढ लाख विद्यार्थी प्रवेशित है. बावजूद इसके कोरोना संक्रमण के भय की वजह से लोगबाग अपने बच्चों को कक्षाओं में फिलहाल नहीं भेज रहे. हालांकि एक तथ्य यह भी सामने आया है कि, जिन 10 हजार बच्चों ने विगत एक सप्ताह के दौरान अपनी कक्षाओं में उपस्थिति दर्शायी है, उनमें से किसी में भी कोरोना के लक्षण नहीं पाये गये और कहीं से किसी तरह की कोई शिकायत भी नहीं आयी है.
विगत सप्ताह में सोमवार से शनिवार के बीच 6 दिनों तक सभी शिक्षकों ने कक्षा 9 वीं से 12 वीं की कक्षाओें में उपस्थित रहनेवाले विद्यार्थियों को पढाने का कार्य किया है. जिसके तहत गणित, अंग्रेजी एवं विज्ञान इन विषयों की पढाई करवायी गयी. कोरोना प्रतिबंधात्मक नियमों का पालन करते हुए कक्षा एवं शाला के मुख्य प्रवेश द्वार पर सैनिटाईजर व हाथ धोने के लिए हैण्डवॉश व पानी की व्यवस्था की गई. इसके अलावा शाला परिसर में कहीं पर भी भीडभाड न हो, इस बात के मद्देनजर तमाम आवश्यक कदम भी उठाये गये है. इसके तहत एक-एक दिन की आड में कक्षा 9 वीं व कक्षा 11 वीं तथा कक्षा 10 वीं व कक्षा 12 वीं की कक्षाएं ली जा रही है. साथ ही वॉश रूम एरिया में विद्यार्थी भीडभाड न करें, इस बात की ओर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इसमें शाला व्यवस्थापन समिती की भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण साबित हो रही है. विगत एक सप्ताह के दौरान शालाओं में धीरे-धीरे विद्यार्थियों की हाजरी संख्या बढनी शुरू हुई और सप्ताह के अंत में शनिवार को 548 शालाओं में 9 हजार 800 विद्यार्थी उपस्थित थे. ऐसी जानकारी सामने आयी है. साथ ही सबसे उल्लेखनीय बात यह रही कि, किसी भी विद्यार्थी सहित मुख्याध्यापक अथवा शिक्षकोें में बीते एक सप्ताह के दौरान कोरोना के लक्षण नहीं पाये गये.
स्वास्थ्य पथक कर रहा सरप्राईज दौरे
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के पथक द्वारा कक्षा 9 वीं से 12 वीं की कक्षाएं चलनेवाले शालाओं व महाविद्यालयों में अकस्मात भेट दी जायेगी. इस आशय का पत्र जिप सीईओ अमोल येडगे द्वारा जारी किया गया है. सभी शालाओं को भेट देने के साथ ही इन पथकों द्वारा शाला में उपस्थित सभी लोगों की स्वास्थ्य जांच की जायेगी और अपने कामकाज की दैनिक रिपोर्ट भी पेश की जायेगी.
6900 शिक्षकोें व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की हुई टेस्ट
– 47 शिक्षक व कर्मचारी की रिपोर्ट आयी पॉजीटिव
9 वीं से 12 वीं की कक्षाओं के लिए उपलब्ध 6 हजार 900 शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की अब तक कोविड टेस्ट की गई है. जिसमें से केवल 47 शिक्षक व कर्मचारी ही कोरोना संक्रमित पाये गये है. यह कुल संख्या का 0.68 फीसदी है. ऐसे में फिलहाल इस संक्रमण से बहुत अधिक भयभीत होने की जरूरत नहीं है, बल्कि हर किसी के लिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है. सभी शालाओं व कनिष्ठ महाविद्यालयों में कक्षा के प्रवेश द्वार पर विद्यार्थियों की थर्मल स्क्रिनिंग के जरिये शारीरिक तापमान जांच की जा रही है और विगत सप्ताह में 6 दिनों के दौरान एक भी विद्यार्थी में कोरोना संक्रमण का लक्षण नहीं पाया गया, ऐसा दावा माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा किया गया है.
- सभी अभिभावकों ने बिना घबराये अपने बच्चों को कक्षाओं में भेजना चाहिए. विगत एक सप्ताह के दौरान कक्षाओं में उपस्थित 10 हजार विद्यार्थियों में से एक भी विद्यार्थी में कोरोना का संक्रमण नहीं पाया गया. शिक्षा विभाग सहित सभी शिक्षा संस्थाएं अपने विद्यार्थियों का पूरी तरह से ध्यान रख रहे है. साथ ही स्वास्थ्य महकमे व उडन दस्तों द्वारा भी इस ओर ध्यान दिया जा रहा है. ऐसे में अभिभावकों व विद्यार्थियों को भयभीत होने की जरूरत नहीं है. और अब विद्यार्थियों को चाहिए कि, वे अपनी कक्षाओं में आये.
– वामन बोलके
माध्यमिक शिक्षाधिकारी, जिला परिषद, अमरावती.