अमरावती

प्रतिबंधित पटाखों के इस्तेमाल की इजाजत नहीं

सुप्रीम कोर्ट के कडे आदेश

  • सिर्फ बेरियम लवण वाले पटाखे प्रतिबंधित

अमरावती/प्रतिनिधि दि.३० – सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को स्पष्ट किया है कि, उत्सव की आड में प्रतिबंधित पटाखों के उपयोग की इजाजत नहीं होगी तथा केंद्र, राज्य अथवा स्थानीय निकाय के किसी भी प्राधिकारी को उसके निर्देशों के उल्लंघन की अनुमति नहीं दी जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि पटाखों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं है तथा सिर्फ बेरियम लवण वाले पटाखे प्रतिबंधित हैं.
पटाखों पर प्रतिबंध को लेकर अंतरिम आदेश जारी करते हुए न्यायमूर्ति एम.आर.शाह व न्यायमूर्ति ए.एस.बोपन्ना की पीठ ने कहा कि पटाखों पर प्रतिबंध को लागू करने में राज्यों, एजेंसियों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से किसी भी गलती को बेहद गंभीरता से देखा जाएगा. पटाखों पर प्रतिबंध के उल्लंघन की स्थिति में मुख्य सचिव, सचिव (गृह), पुलिस आयुक्त, जिला पुलिस अधीक्षक, थाना प्रभारी व्यक्तिगत रुप से जवाबदेह होंगे.
पटाखों पर लगे प्रतिबंध के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए सभी राज्य, केंद्र शासित प्रदेश, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया स्थानीय केबल (टीवी) सेवाओं के जरिये ्रउचित प्रचार करें. केंद्र सरकार और राज्य सरकारें स्कूल-कॉलेज के माध्यम से पटाखों से होने वाले नुकसान के बारे में जनजागृति अभियान चलाने की सूचना भी दी गई है.

  • ऑनलाइन पटाखों की बिक्री प्रतिबंध

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फ्लिपकार्ट, अमेजन समेत अन्य ऑनलाइन ई-कॉमर्स कंपनी पटाखों की ऑनलाइन बिक्री नहीं कर सकेगी. अगर कोई ई-कॉमर्स कंपनी व्दारा पटाखों की बिक्री की जाती है तो उन कंपनियों के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मामला चलाया जाएगा.

  • पटाखों की लडियां निर्मिति पर रोक

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पटाखों की लडियां निर्माण करने और बेचने पर पूरी तरह पाबंदी होगी. ऐसे पटाखे जिनका निर्माण हो चुका है और कोर्ट के आदेश के अनुसार नहीं बने है, उनको दिल्ली-एनसीआर में बेचने की इजाजत नहीं होगी. सिर्फ ग्रीन पटाखे ही बनाए और बेचे जा सकते है. पेसो सुनिश्चित करेगा कि कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर पटाखा निर्माण करने वाली कंपनी का लाइसेंस रद्द किया जाएगा.

  • बच्चें और बुजुर्गों की सेहत जरुरी

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि पटाखों के इस्तेमाल पर पूर्णत: बंदी नहीं है. सिर्फ उस तरह की आतिशबाजी पर पाबंदी है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है तथा नागरिक, विशेषकर वरिष्ठ नागरिक व बच्चों की सेहत पर असर की दृष्टि से नुकसानदेह है. पीठ ने कहा कि दूसरों की सेहत की कीमत पर उत्सव नहीं मनाया जा सकता. उसने कहा कि उत्सव नाम पर किसी को दूसरों के स्वास्थ्य के अधिकार का हनन करने की अनुमति नहीं दी जा सकती जो भारतीय संविधान के अनच्छेद 21 के तहत निहीत है तथा किसी को दूसरों के जीवन से, विशेषकर बुजुर्गो व बच्चों के जीवन से खिलवाड की अनुमति नहीं दी जा सकती.

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