* औसतन की तुलना में 10 प्रतिशत क्षेत्र सूखा
अमरावती/दि.2– इस बार रबी सीजन के लिए डेढ लाख हेक्टेयर औसतन क्षेत्र था. इसकी तुलना में वर्तमान स्थिति में 1 लाख 37 हजार 913 हेक्टेयर में बुआई कार्य निपटा है. इसमें औसतन की क्षेत्र की तुलना में 10 प्रतिशत क्षेत्र सूखा ही है. इसके अलावा सिंचाई के लिए पानी की कमी रहने से गेहूं की 34 हजार हेक्टेयर में बुआई हुई है. गत वर्ष 60 हजार हेक्टेयर में बुआई निपटी थी. सर्वत्र समान स्थिति रहने से इस बार गेहूं को महंगाई का तडका रहेगा. पिछले साल 2.05 लाख हेक्टेयर में रबी का सत्र था. उसकी तुलना में इस बार प्रस्तावित क्षेत्र पिछडा है. बेमौसम बारिश के कारण औसतन क्षेत्र में बुआई होगी, ऐसा कृषि विभाग का अनुमान था. लेकिन 12 प्रतिशत क्षेत्र में अब तक बुआई नहीं हुई है. मानसून में औसतन की अपेक्षा 31 प्रतिशम कम बारिश होने से जमीन का पुनर्भरण हुआ नहीं. इसके अलावा जमिन में पर्याप्त नमी नहीं. इसलिए संरक्षित सिंचाई व जिरायती ऐसे दोनों प्रकार की रबी फसल पर असर दिखाई देता है. गेहूं की सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं तथ जिरायती चना फसल के लिए जमीन में नमी नहीं रहने के कारण गेहूं के साथ साथ चना का भी क्षेत्र कम हुआ है.
* गत वर्ष के मुकाबले आधा ही क्षेत्र
पिछले साल मेलघाट छोडकर सभी तहसील में औसतन से अधिक बारिश दर्ज होने से जमीन में पर्याप्त नमी थी. इसके अलावा सभी तहसील का भूजलस्तर बढने से सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध रहने से 60 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बुआई निपटी थी. इस बार पानी व नमी की कमी रहने से गेहूं की बुआई वर्तमान स्थिति में 34 हजार हेक्टेयर में हुई है.
रबी की जिलानिहाय स्थिति (हेक्टे.)
औसतन क्षेत्र – 1.50 लाख
बुआई -1,37,913
चना क्षेत्र-99985
गेहूं का क्षेत्र-33743