मासांत में होगी अकाल की घोषणा!
अमरावती/दि.7- प्रदेश की 31 तहसीलों में अकाल के भीषण हालात बने हैं. इन तहसीलों में अधिकांश भागों में 25 से 50 प्रतिशत से कम औसत बारिश हुई है. शासन ने रिपोर्ट मंगवाई है. संभाग के बुलढाणा, अकोट, धारणी, दर्यापुर, अंजनगांव तालुका में हालत खराब रहने की रिपोर्ट दी गई है. सरकार अभी लौटते मानसून की बारिश की आशा कर रही है. उपरांत मासांंत में इन भागों में अकाल की घोषणा कर सकती है. मराठवाडा में औरंगाबाद सहित अनेक गांवों में बारिश की कमी ने लोगों विशेषकर किसानों के आंखों में पानी ला दिया है. कपास, तुअर, मूंग सहित अनेक फसलें बर्बाद हो जाने से जानकार मान रहे हैं कि इस बार प्रदेश अकाल की दहलीज पर आ गया है.
* कोकण छोड सभी भागों में कमी
कोकण संभाग के अतिरिक्त सभी विभागों में औसत से कम बरसात दर्ज हुई है. अमरावती संभाग में 79 प्रतिशत, नागपुर में 85, लातुर में 77, औरंगाबाद में 63, पुणे में 69, कोल्हापुर में 59, नाशिक में 58 प्रतिशत मेघ बरसे. संभाग के उपरोक्त पांच तालुका में 50 प्रतिशत से कम बरसात के कारण जलस्तर काफी घट गया है.
* 1972 के बाद सर्वाधिक बडा जलसंकट
उधर जानकारों के अनुसार 1972 पश्चात सर्वाधिक बडा जलसंकट इस बार होता दिखाई पड रहा है. पानी की भारी कमी रह सकती है. 72 में बांध नहीं थे. जिससे जलसंग्रह की समस्या थी. आज हालात बदले है. बांध किंतु पानी कम हुआ है. 2012 के बाद पहली बार विशेषज्ञ मान रहे हैं कि बारिश सचमुच कम हुई है. अगले कुछ दिन बारिश के शेष है, जल्द पानी नहीं आया तो जलसंकट का सामना सभी को करना पडेगा. संभाग के अकोला में 33 प्रतशित पानी हुआ है. मराठवाडा के जालना, बीड, लातुर, धाराशिव, संभाजीनगर में भी बारिश कम होने से हालात खतरनाक हो सकते हैं.