केवल पूजा नहीं गौवंश को किसानों की शोभा बनाना है
हमारे देश की गौवंश आधारित संस्कृति रही है
* गोमूत्र में गंगा और गोबर में माता लक्ष्मी का वास है
* गौमूत्र अर्क से तैयार दवाईयां आयुर्वेद से भी ज्यादा कारगर होती है
* प्रमुख वक्ता डॉ. सुनील मानसिंहका ने किया मार्गदर्शन
* गौरक्षण में गोपाष्ठमी का कार्यक्रम मनाया
* 1 हजार से अधिक लोगों ने अन्नकुट महाप्रसाद का लाभ लिया
अमरावती/ दि.1 – आज की स्थिति में किसान आत्महत्या कर रहे है. फसल नहीं होना आदि कई समस्याओं का कारण गौवंश से दूर जाना है. गौवंश की केवल पूजा ही नहीं बल्कि गौवंश को किसानों की शोभा बनाना है. हमारा देश की गौवंश आधारित संस्कृति रही है. गौमूत्र में गंगा और गोबर में मां लक्ष्मी का वास होता है. गोैमूत्र अर्क आयुर्वेद दवा से भी ज्यादा कारगर साबित होता है. हमें गौवंश के प्रति लोगों में जनजागृति लाना बहुत जरुरी और आज की जरुरत भी है, ऐसा प्रतिपादन आज स्थानीय गौरक्षण संस्था में आयोजित गोपाष्ठमी के कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता, एनिमल हजवंडरी बोर्ड नई दिल्ली के राष्ट्रीय सचिव गौवंश पर पीएचडी करने वाले गौसेवक डॉ. सुनील मानसिंहका ने व्यक्त किया. गौपाष्ठमी के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में 1 हजार से अधिक लोगों ने अन्नकुट महाप्रसाद का लाभ उठाया. इस दौरान वे बोल रहे थे.
कार्यक्रम के मंच पर गौरक्षण के पूर्व अध्यक्ष जगदीश बाबू अग्रवाल, उपाध्यक्ष रामस्वरुप हेडा, अध्यक्ष आर. बी. अटल उपस्थित थे. इस समय उपस्थित मान्यवरों का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया. मंच संचालन अनिल जुगलकिशोर राठी और आभार दीपक मंत्री ने माना. डॉ. मानसिंहका ने आगे मार्गदर्शन करते हुए बताया कि, ऋषि-मुनी पहले के काल में हमारे मार्गदर्शक रहे है. गौवंश आधारित हमारी संस्कृति रही है. इस परंपरा को लेकर चलना होगा, जिससे हमारी आने वाली पीढि सुरक्षित रह पायेगी. उन्होंने कहा कि, आज के हालात में गौवंश काल के गाल में जा रहा है, उसे हमें बचाना है. उन्होंने बताया कि, गौवंश की 55 से अधिक प्रजातिया हैं. जिसमें से 50 नस्लों को हमारी सरकार ने मान्यता दी है, ऐसा कहते हुए उन्होंने सभी नस्लों के नाम बताते हुए उसका महत्व भी बताया. उन्होंने कहा कि, इस समय गौपालकों की हालत खराब होते जा रही है. नीचे का समाज ही इस संस्कृति का जतन कर रहा है. राजनेता स्तर पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. परंतु गौवंश की आजादी नहीं बल्कि वे खतरे में है. जैविक खेती पर जोर देना बहुत जरुरी है. आज का किसान भटक गया है. रासायनिक खेती पर ज्यादा जोर दे रहा है. उनका मार्गदर्शन करना बहुत जरुरी है.
डॉ. मानसिंहका ने आगे बताया कि, इस समय गौशाला को प्रेरणा स्थल बनाना जरुरी है. गौवंश की केवल पूजा ही नहीं बल्कि किसानों की शोभा गौवंश को बनाना है. उन्होंने कहा कि, गाय को लोगों ने केवल दूध की मशीन बना रखा है. जबकि गौमूत्र में गंगा और गोबर में मां लक्ष्मी का वास होता है. आने वाले भारत का भविष्य गौवंश तय करेगा. गोबर, गौमूत्र, गौवंश से देश में क्रांती लाना है. उन्होेंने खेती में किसानों की निराशा की स्थिति पर कुछ उदाहरण दिये. उन्होंने बताया कि, कुछ राज्यों में गौब्राम्ह अभियान के तहत लोगों की शहर से ग्राम की और वापसी हो रही है. बगैर दूध के गौवंश लाने की स्थिति झारखंड से प्रारंभ की गई है. इस यज्ञ में हमें 100 प्रतिशत वामप्रस्थी बनना होगा. पुरानी कथाओं को आचरण व्यवस्था में लाने की जरुरत है.
कुछ राज्यों में गायों की स्थिति गराब व चिंताजनक होने की बात बताते हुए कहा कि, रोजाना सडक दुर्घटना में कई गायों की मौत हो रही है. यह देखकर बडी पीडा होती है. गौवंश को रास्ते पर छोडा जा रहा है. समाज गौवंश का महत्व भुलता जा रहा है. अगर देश में 10 हजार गौशाला जिम्मेदारी उठा ले तो, इन परेशानियों से मुक्ति मिल सकती है. उन्होंने कहा कि 20 साल में 1 करोड किसान खेती छोड चुके हैं. कोरिया में अनाज नहीं हो रहा है, वहां बच्चे पकाकर खां रहे है. चीन में भ्रुण का बाजार भरता है. हमारे देश को ऐसी स्थिति से बचाना है, जिस किसी का भी गौवंश हो उसे वह मेरा है समझकर अपना लक्ष्य निर्धारित करना होगा, उन्होंने बताया कि पंचगव्य दवा पूरे परिवार के लिए वरदान साबित हो रही है. पश्चिम क्षेत्र में काफी मांग है और हमारी स्थिति घर की मुर्गी दाल बराबर है. कुछ जगह पर किसान खेती में गौमूूत्र खरीदकर उपयोग कर रहे है, जो खेती के लिए वरदान साबित हो रहा है. आयुर्वेद से भी आगे जाकर काम करता है गौमूत्र अर्क, जो गौमाता हमें जीवन दे रही है उसकी कद करो, इस प्रभाव के बारे में लोगों को बताना होगा. उन्होंने सलाह देते हुए बताया कि, इस गौरक्षण में भी इसपर आधारित चिकित्सा केंद्र बनाया जाए, जिसका काफी लाभ होगा. भटक रहे समाज में जनजागृति लाने की जरुरत है. अंग्रेजों के अभिशाप को कांटने के लिए सामने आये. रोजाना घर में कंडे (उपले) जलाए, जो हमारे इर्दगिर्द रहने ेवाले जीवाणुओं को नष्ट करता है. गौमूत्र लम्पी जैसी बीमारी पर भी नियंत्रण पाता है. उन्होंने देशी गाय से उत्पन्न दुध, घी, छांछ का महत्व बताते हुए कहा कि, इससे हमारी कई बीमारियां नष्ट होगी, डॉक्टर के पास जाना नहीं पडेगा. बडी सी बडी बीमारी पर काबू पाया जा सकता है, ऐसी सलाह भी उन्होंने दी.
मार्गदर्शन के पश्चात गौरक्षण संस्था, गोविंद मित्र मंडल व राजस्थानी हितकार महिला मंडल की ओर से आयोजित गोपाष्ठमी के कार्यक्रम में कई मान्यवरों ने तुलादान किया. इसके साथ ही 1 हजार से अधिक भक्तों ने अन्नकुट महाप्रसाद का लाभ उठाया. कार्यक्रम में संस्था के एड. आर. बी. अटल, रामस्वरुप हेडा, जगदीश प्रसाद अग्रवाल, दीपकबाबू मंत्री, ओमप्रकाश लढ्ढा, श्यामसुंदर भैय्या, मनोहर मालपानी, प्रवीणबाबू चांडक, भाउ लढ्ढा, किशोरबाबू कोयनका, किशोरबाबू लाहोटी, सुयोगबाबू लढ्ढा, सत्यनारायण रतावा, शुभमबाबू राठी, नंदलाल खत्री, मोहन जाजोदिया, प्रमोद मुरारका, कमलबाबू राठी, अमस्वंद मंत्री, सुनील बाबू मालपानी, दातेराव, लक्ष्मीकांत खंडेलवाल, विजयबाबू शर्मा, गिरीषभाई शाह, मोहन जाजोदिया, मयुर जयस्वाल, दिनेश सिंह, चेतन वाटनकर, नंदू अग्रवाल, बंटी पारवानी, सीए चंद्रशेखर सारडा, सीए आर. के. मुंधडा, ओम नावंदर, मदन मुंधडा, विजय मुंधडा, उमेश नावंदर, देवकीनंद मुंधडा, श्रीरंग हिरलेकर, सुनील मालपानी, राजेश खंडेलवाल, विनोद चौधरी, दिनेश लाहोटी, जुगलकिशोर गट्टाणी, देवदत्त जोशी, अजिल लाहोटी, डॉ. विजय राठी, विठ्ठलदास जाजू, राजेंद्र सोमाणी, गोदुलाल सोनी, अनिल राठी, किशोर लाहोटी, जगदीशबाबू अग्रवाल, दीपक मंत्री, किशोर करवा, श्याम भारयानी, मनोहर मालपानी, देवदत्त शर्मा, कमल सोनी, श्रीनारायण लढ्ढा, सुनील मानसिंहका, अशोक अट्टल, अनिल सिकची, डॉ. करहे, सुरेश साबू, विजय चांडक, निरंजन केडिया, विनोद डागा, गोविंद नांगलिया, संजय नांगलिया, विजय राठी, वसंत कलंत्री, वल्लभदास सिकची, संतोष गुप्ता, सुरेश सादानी, अशोक मुंधडा, विनोद चौधरी ने उपस्थिति दर्शायी.
इसके अलावा राजस्थानी हितकारक महिला मंडल की अध्यक्ष उर्मिला कलंत्री, रेशू खंडेलवाल, राधिका अटल, रेखा भुतडा, कल्पना मालानी, निशा जाजू, सीमा लढ्ढा, हर्षा कासट, वनिता डागा, गिता लाहोटी, पद्मा राठी, शांता कलंत्री, उषा राठी, सुशिला नावंदर, हेमा भटड, सुनता अग्रवाल, चंदा काकानी, अर्चना मंत्री, प्रिती बंग, कविता पवार, अंजू पवार, किरण मुंधडा, शुभांगी मुंधडा, किर्ती खंडेलवाल, साक्षी मुंधडा, कल्पना मुंधडा, शेवती मुंधडा, शोभा सारडा, निता साबू, पुष्पा साबू, डॉ. निधि अग्रवाल के साथ ही प्रोजेक्ट डायरेक्टर कांचन अग्रवाल, सुनीता जांघडा, खुशबू रतावा, रुचि खंडेलवाल, पूनम राठी, जया भुतडा, सुमन भुतडा, जयश्री अग्रवाल, राधा अग्रवाल, बिंदी गनेडीवाल, राधा मंत्री, शारदा गुप्ता, वनमाला राठी, शोभा मालानी, सुनीता डागा, विजया राठी, निशा राठी, एकता खंडेलवाल, किरण चांडक, अर्चना मंत्री, आरती दायमा, कल्पना चांडक, रेणू चांडक, कैलाश परमार आदि प्रमुख रुप से उपस्थित थे.
होम-हवन और तुलादान
गौरक्षण में गोपाष्ठमी के अवसर पर चंदन मंत्री ने सपत्नीक यज्ञ-हवन कराया. हवन का अनुष्ठान पुरोहित गणेश जोशी चाष्टावा ने पूर्ण कराया. इसी दोैरान उर्मिला कलंत्री, सफल बुधवानी, भाग्य बुधवानी, राज चाहत बुधवानी, रमेशचंद्र मोहता, किरण परमार, यामी परमार, पार्थ मुरारी खंडेलवाल, शारदा गुप्ता, पूजा जोशी, रेशू खंडेलवाल आदि ने तुलादान का पुण्य लाभ कमाया.
अन्नकुट महाप्रसाद का लाभ लिया
गौरक्षण संस्था प्रांगण में आयोजित गोपाष्ठमी कार्यक्रम का आयोजन गौरक्षण संस्था, गोविंदा मित्र मंडल व राजस्थानी हितकारक महिला मंडल की ओर से किया गया था. इस शुभ अवसर पर अन्नकुट महाप्रसाद का आयोजन किया गया. मार्गदर्शन कार्यक्रम के पश्चात 1 हजार से अधिक लोगों ने अन्नकुट महाप्रसाद का लाभ लिया. पूरा परिसर गौभक्तों से खचाखच भरा हुआ था. परिसर का वातावरण भक्तिमय प्रतित हो रहा था.