बाहर का ही नहीं बल्कि घर के प्रदूषण का भी अधिक खतरा
हेअर स्प्रे से लेकर डिओड्रन्ट तक साबित हो रहे घातक
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अमरावती/दि.2- पृथ्वी पर होनेवाले प्रदूषण का कारण क्या? ऐसा सवाल करने पर अधिकांश लोगों का जवाब कारखाने से निकलने वाला धुआं और वाहन का प्रदूषण आदि रहेंगा. लेकिन सही मायने में सर्वाधिक प्रदूषण का खतरा बाहर से नहीं बल्कि अपने घर से निर्माण होता है. घर में इस्तेमाल किए जानेवाले सौंदर्य प्रसाधन रहे अथवा काम आसान करने के लिए घर में लगाए गए उपकरण या फिर घर सजाने के लिए लगाया गया पेंट आदि प्रदूषण को बढ़ावा दे रहे है.
पिछले दो-तीन दशक में तेजगति से हुई वैज्ञानिक प्रगति के कारण मनुष्य जीवन आसान और सुविधाजनक हुआ है. व्यक्तिगत सौंदर्य के लिए हेअर स्प्रे, परफ्यूम, डिओड्रन्ट, शैंपू आदि बाते दैनंदिन जीवन का एक भाग हो गया है. साथ ही घर की सजावट के लिए कारपेट, रंगबिरंगी कलर(पेंट), रूम फ्रेशनर आदि भी इस्तेमाल किए जा रहे है. इस कारण होनेवाला प्रदूषण चिंता का कारण साबित हो रहा है. उल्लेखनीय बात यानि अज्ञात तरह के प्रदूषण रहने से इस बाबत लोगों में जागरुकता का अभाव है. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और अर्बन एमिशन इन्फो संस्था द्वारा किए गए एक अभ्यास के मुताबिक कोयला क्षेत्र के प्रदूषण से 60 प्रतिशत ज्यादा प्रदूषण घर से होता है. वाहन के प्रदूषण से 11 प्रतिशत ज्यादा प्रदूषण घर के प्रदूषण से होता है. इस इनडोअर प्रदूषण के कारण देश में आठ लाख अकाल मौत होती रहने की जानकारी है. पर्यावरण के द़ृष्टिकोण के तहत प्रदूषण अनदेखा विषय है. विकसित और विकसनशील देश में यह समस्या बडी है. प्रत्येक प्रदूषण यह खतरनाक ही रहता है. लेकिन इनडोअर प्रदूषण बाबत कम जानकारी और कम जागरुकता रहना यह चिंता की बात है, ऐसा मत ग्रिन विजिल फाउंडेशन के सुरभी जैस्वाल ने रखा.अपने घर में इस्तेमाल की जानेवाली विविध वस्तु प्रदूषणकारक है. इस बाबत जानकारी हमे नहीं रहती. शैंपू, साबुन जैसी विविध वस्तुओं में अत्याधिक प्रमाण में रासायनिक रहता है. घर के प्रदूषण का प्रमाण कम लगता रहा तो भी कुल इकोसिस्टीम के लिए बडा खतरा है, ऐसा मत भी अरण्य पर्यावरण संस्था के प्रणय तिजारे ने व्यक्त किया.
बॉक्स
* वस्तु और प्रदूषणकारक घटक
– रुम फ्रेशनर- बेन्जिम, फॉर्मअल्डिहाइट
– कार्पेट- वोलॅटाइल ऑर्गेनिक गैसेस(वीओसी),
– गैस-स्टोव- कार्बन मोनोक्साइड
– हीटर- नायटॅ्रोजन ऑक्साइड