अमरावती

जिले की 462 शालाओं में क्रीडांगण ही नहीं!

बिना प्रैक्टिस के कैसे तैयार होंगे बेहतरीन खिलाडी

अमरावती/दि.9– शालेय स्तर पर विद्यार्थियों हेतु विभिन्न तरह की क्रीडा सुविधाएं उपलब्ध हो, ताकि विद्यार्थियोें के क्रीडा गुणों का विकास होने के साथ ही वे विभिन्न क्रीडा स्पर्धाओं में हिस्सा लेते हुए अधिक से अधिक पदक जीत सके. इस दृष्टि से सरकार द्वारा प्रति वर्ष करोडों रूपयों की निधी खर्च की जाती है. किंतु अमरावती जिले में कुल 462 सरकारी व निजी शालाओं के पास खेलकूद के लिए मैदान ही नहीं है. ऐसी जानकारी सामने आयी है. यानी सरकार द्वारा विद्यार्थियोें के क्रीडा कौशल्य के विकास हेतु बनाई जानेवाली सभी नीतियां और इस संदर्भ में तय किये गये लक्ष्य धरे के धरे रह जाते है.
इस संदर्भ में जिले के शालेय शिक्षा विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक जिला परिषद की 1 हजार 583 में से 397 शालाओं के पास खेलकूद के लिए मैदान उपलब्ध नहीं है. इसके अलावा नगर परिषद की 97 में से 9, महानगर पालिका की 64 में से 13 निजी अनुदानित की 471 में से 27 तथा निजी बिना अनुदानित की 372 में से 16 शालाओं में विद्यार्थियों के खेलने-कूदने के लिए कोई मैदान उपलब्ध नहीं है. ऐसे में संबंधित शालाओं में पढनेवाले विद्यार्थियों के पास विभिन्न मैदानों पर खेलने के साधन और अवसर भी उपलब्ध नहीं है. ऐसे में सवाल पूछा जा सकता है कि, जब इन शालाओं में खेलकूद के लिए मैदान ही नहीं है, तो इन शालाओं से बेहतरीन खिलाडी कैसे तैयार होकर निकलेंगे.
उल्लेखनीय है कि, खेलों व खिलाडियों को प्रोत्साहन देने के लिए शहर के विभिन्न सामाजिक व क्रीडा संगठनों के साथ-साथ जिला परिषद, महानगरपालिका, नगर परिषद एवं क्रीडा विभाग के जरिये शहर सहित जिले में विभिन्न क्रीडा स्पर्धाएं आयोजीत की जाती है, ताकि शहर सहित जिले से अलग-अलग खेलों में निपुण बेहतरीन खिलाडी निकल सके. इस हेतु बेहद जरूरी है कि, विद्यार्थियों को शालेय जीवन से ही खेलों के साथ जोडा जाये, क्योंकि शालेय जीवन के दौरान विद्यार्थियों मेंं जबर्दस्त क्षमता होती है और उन्हेें केवल मैदान एवं क्रीडा सुविधाओं की जरूरत होती है. इसी बात के मद्देनजर शहर में अलग-अलग स्थानों पर सार्वजनिक मैदानों के साथ-साथ प्रत्येक शाला में स्वतंत्र मैदान रहना बेहद जरूरी होता है, ताकि वहां पर बच्चे अच्छी तरह से खेलकूद सके. लेकिन अमरावती शहर सहित जिले में कई स्थानों पर स्थिति बेहद विपरित है और जिले की 2 हजार 800 शालाओं में से 462 शालाओं में विद्यार्थियों के खेलने-कूदने हेतु कोई मैदान उपलब्ध नहीं है. ऐसे में संबंधित शालाओं के विद्यार्थियों के पास खेलकूद की प्रैक्टिस करने का अवसर ही उपलब्ध नहीं हो पाता और चूंकि इस वजह से उनमें क्रीडा कौशल्य ही विकसित नहीं होता. ऐसे में वे आगे चलकर किसी क्रीडा स्पर्धा में भी हिस्सा नहीं ले पाता.

* जिप की बिना क्रीडांगणवाली शालाएं
अचलपुर –  44
अमरावती – 44
अंजनगांव – 28
भातकुली –  21
चांदूर बाजार – 44
चांदूर रेल्वे – 03
चिखलदरा – 78
दर्यापुर –      25
धामणगांव – 23
धारणी –      33
मोर्शी –       12
नांदगांव –   29
तिवसा-      08
वरूड –       05

कुल शालाएं              क्रीडांगण नहीं रहनेवाली शालाएं
निजी अनुदानित         372     27
निजी बिना अनुदानित  372    16
मनपा                       63     13
नगर परिषद              97      09
जिला परिषद              1,583 397

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