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प्रभाग रचना रद्द होना संभव नहीं

दोषी अधिकारियों को निलंबीत कर सकता है प्रशासन

* गोपनीय रिपोर्ट को लीक करने के मामले में हो सकती है संबंधितों पर कार्रवाई

अमरावती/दि.4– इस समय अमरावती शहर में मनपा प्रशासन द्वारा मनपा के आगामी चुनाव को लेकर तैयार की गई प्रभाग रचना के कच्चे प्रारूप की रिपोर्ट के लीक हो जाने का मामला जमकर गरमाया हुआ है और इसे लेकर कई जनप्रतिनिधियों व राजनीतिज्ञों द्वारा इस कच्चे प्रारूप को रद्द करते हुए नये सिरे से नई प्रभाग रचना तैयार किये जाने की मांग की जा रही है. किंतु हकीकत यह है कि, अब मनपा प्रशासन के लिए नये सिरे से प्रभाग रचना का नया प्रारूप तैयार करना किसी भी हाल में संभव नहीं है. सबसे अव्वल बात तो यह है कि, मनपा का अगला आम चुनाव आगामी फरवरी-मार्च माह में होना प्रस्तावित है. ऐसे में मनपा प्रशासन के पास अब इस काम के लिए समय ही नहीं बचा है. साथ ही मनपा प्रशासन पहले ही अधिकारियों व कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है. वहीं भौगोलिक क्षेत्र व जनसंख्या के आधार पर तैयार किये गये प्रभागों का अब बीच में से विभाजन करना और उनका नये सिरे से परिसिमन करना संभव ही नहीं है. ऐसे में मनपा प्रशासन द्वारा प्रभाग रचना के कच्चे प्रारूप की गोपनीय रिपोर्ट को लीक करने के मामले में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जा सकती है.
बता दें कि, अक्तूबर माह में राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से आदेश जारी होने के बाद मनपा प्रशासन द्वारा बडे गोपनीय तरीके से अमरावती मनपा में नई प्रभाग रचना का कच्चा प्रारूप तैयार किया गया. जिसे 30 नवंबर तक राज्य निर्वाचन आयोग के पास पेश करना था और यह रिपोर्ट 30 नवंबर को एक सिलंबद पेन ड्राईव में भरकर विशेष दूत के जरिये मुंबई भेजी गई. किंतु इसी दिन इस रिपोर्ट का पूरा ब्यौरा लीक हो गया और दैनिक अमरावती मंडल ने अमरावती शहर में नई प्रभाग रचना किस तरह होगी, इसकी जानकारी जस की तस प्रकाशित भी कर दी. जिसके चलते स्थानीय प्रशासन सहित मुंबई मंत्रालय तक हडकंप मच गया और राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा यह बेहद गोपनीय रिपोर्ट लीक होने को लेकर मनपा प्रशासन को शो-कॉज नोटीस भी जारी की गई. इसके साथ ही अब शहर में कई जनप्रतिनिधियों सहित राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों द्वारा शहर में दोबारा नये सिरे से प्रभाग रचना का प्रारूप तैयार किये जाने की मांग की जा रही है. किंतु हकीकत यह है कि, दोबारा नये सिरे से प्रभाग रचना का नया प्रारूप बनाना संभव ही नहीं है. क्योेंकि इसमें काफी समय व श्रम लगना है, जो कि मनपा के लिए फिलहाल संभव नहीं है. वहीं इस पूरे मामले को राज्य निर्वाचन विभाग द्वारा बेहद गंभीरता से लेते हुए मनपा प्रशासन को शो-कॉज नोटीस जारी की गई है. साथ ही गोपनीय रिपोर्ट के लीक हो जाने से खुद मनपा प्रशासन पहले ही काफी हद तक सन्न और सुन्न हो गया है. जिसके चलते निगमायुक्त प्रशांत रोडे ने तुरंत ही आनन-फानन में इस मामले की जांच-पडताल करने हेतु पहले दो और फिर तीन सदस्यीय जांच समिती गठित की. इस समिती द्वारा मनपा निर्वाचन विभाग के संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों से पूछताछ करते हुए उनके बयान दर्ज किये जा रहे है. जिसके आधार पर जवाबदेही तय करते हुए गोपनीय रिपोर्ट लीक होने के मामले में दोषी पाये जानेवाले अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जायेगी. यह फिलहाल तय है. ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि, जांच समिती के लपेटे में कौन-कौन आता है तथा किसके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई गाज गिरती है.

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