
अमरावती/दि.16– स्थानीय महानगर पालिका द्वारा प्रति वर्ष बारिश का सीजन शुरु होने से पहले शहर से होकर गुजरनेवाले छोटे-बडे नालों व नालियों की सफाई की जाती है. जिसे लेकर गर्मी के मौसम दौरान ही नियोजन किया जाता है. जिसके तहत इस वर्ष आज 16 अप्रैल से निजी ठेकेदारों के जरिए बडे नालों की साफसफाई का काम करना शुरु किया गया है और इस वर्ष नालों की सफाई पर लगभग 50 लाख रुपयों का खर्च होनेवाला है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, नाले व नालियों की साफसफाई करने के चक्कर में सबसे पहले तो मनपा की तिजोरी साफ हो रही है.
बता दें कि, नालों की सफाई यह प्रति वर्ष किया जानेवाला काम है. वडाली से शुरु होनेवाला अंबा नाला शहर के विभिन्न इलाको से होते हुए आगे माताखिडकी तक गया है. इस प्रमुख नाले के किनारे घनी रिहायशी बस्तियां भी आबाद है. शहर में 22 छोटे-बडे नाले शहर की रिहायशी वस्तियों से होकर गुजरते, जिनमें बारिश के दौरान बडे पैमाने पर पानी भर जाता है और जलजमाव वाली स्थिति बन जाती है. क्योंकि कई बार नालों की साफसफाई केवल दिखावे के लिए और दस्तावेजों पर ही होती है. यही वजह है कि, प्रति वर्ष राजकमल चौक, अंबादेवी मंदिर परिसर, मध्यवर्ती बसस्थानक, राजापेठ, लालखडी परिसर, जिला स्टेडियम, खापर्डे बगीचा, कॉटन मार्केट, रेलवे स्टेशन, जयस्तंभ चौक व मालवीय चौक आदि क्षेत्रों में बारिश का पानी भर जाता है. इसके अलावा शहर के सभी छोटे-बडे नालों में प्लास्टिक का कचरा जमा होने की समस्या भी बनी रहती है.
* 12 किमी लंबा है वडाली-अंबा नाला
अमरावती शहर से होकर गुजरनेवाला सबसे बडा नाला वडाली से शुरु होता है. जो विभिन्न रिहायशी बस्तियों से होकर गुजरते हुए लालखडी स्थित मलजल शुद्धीकरण केंद्र तक जाता है. इस नाले की अनुमानित लंबाई करीब 12 किमी है और इसकी साफसफाई करना मनपा के लिए हमेशा ही काफी चुनौतिपूर्ण होता है.
* आज से नाला सफाई का काम शुरु
अमरावती व बडनेरा शहर से होकर गुजरनेवाले सभी छोटे-बडे नालों व उपनालों की सफाई का काम निजी ठेकेदारों के जरिए आज बुधवार 16 अप्रैल से शुरु होने जा रहा है. जिसमें 17 बडे नालों व 22 उपनालों का समावेश है. इस काम के लिए मनपा द्वारा आवश्यक तैयारियां कर ली गई है.
* अतिक्रमण ने रोकी नालों की राह
बारिश के दौरान नालों का पानी सडक पर आकर जमा हो जाता है. इसकी सबसे प्रमुख वजह नालों पर किए गए अतिक्रमण को कहा जा सकता है. साथ ही रिहायशी बस्तियों व सडकों के किनारों से होकर गुजरनेवाले नालों की राह अतिक्रमण के साथ ही कचरे व प्लास्टिक की वजह से अवरुद्ध होती है. जिसके चलते सडकों के आसपास रहनेवाले नालों की साल में दो बार सफाई की जाती है. जिसके लिए मनपा प्रशासन द्वारा जेसीबी व पोकलैंड जैसी मशीनों को लगाया जाता है. जिसके लिए लगनेवाले इंधन, मनुष्यबल व अन्य खर्च को मिलाकर करीब 50 लाख रुपए खर्च होते है.
* अंबा नाले पर खुद मनपा का अतिक्रमण
वडाली से निकलनेवाला बडा नाला अंबादेवी मंदिर के पास से होकर गुजरता है. जहां पर छोटा व्यापारी संकुल बनाने हेतु नाले में ही पीलर खडे किए गए है और इस निर्माण कार्य की वजह से अंबादेवी परिसर के पास नाले का प्रवाह अवरुद्ध होता है. जिसके चलते प्रति वर्ष इस परिसर में जलजमाव वाली स्थिति बनती है.
* इस बार नाले की सफाई हेतु मैपिंग की प्रणाली का प्रयोग किया जा रहा है. जिसके तहत 17 बडे व 22 छोटे नालों को साफ किया जाएगा. इसके साथ ही जोननिहाय नालों की खुदाई करते हुए सफाई की जाएगी और कच्ची नालियां भी तैयार की जाएंगी.
– योगेश कोल्हे
अतिक्रमण विभाग प्रमुख
अमरावती मनपा.